न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 04 Jun 2020 03:46 PM IST
शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत पूरी कोशिश में जुटा है, लेकिन फिलहाल यह संभव होता नहीं दिख रहा है। माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन उच्चायोग ने गुरुवार को कहा कि अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दे को सुलझाना बाकी है, हालांकि इसे गोपनीय बताते हुए इस मुद्दे की जानकारी नहीं दी गई। उच्चायोग की ओर से कहा गया कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है, जो गोपनीय है।
उच्चायोग के प्रवक्ता ने बताया कि विजय माल्या ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील खो दी थी। वहीं, उन्हें ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट भी नहीं जाने दिया गया। हालांकि, इसके बाद भी एक कानूनी मुद्दा है, जिसे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सुलझाना अहम है। उनकी ओर से कहा गया कि हम इसका अनुमान नहीं लगा सकते कि मामले को सुलझाने में कितना वक्त लगेगा, लेकिन हम इससे जल्दी से जल्दी निपटाने की कोशिश कर रहे हैं।
मालूम हो कि बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या पर देश के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। वह 2016 में ही भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटेन की अदालत से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की और लंबी लड़ाई के बाद वहां की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी थी।
इससे पहले अप्रैल में ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ विजय माल्या ने वहां की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोशिश की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।
शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत पूरी कोशिश में जुटा है, लेकिन फिलहाल यह संभव होता नहीं दिख रहा है। माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन उच्चायोग ने गुरुवार को कहा कि अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दे को सुलझाना बाकी है, हालांकि इसे गोपनीय बताते हुए इस मुद्दे की जानकारी नहीं दी गई। उच्चायोग की ओर से कहा गया कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है, जो गोपनीय है।
उच्चायोग के प्रवक्ता ने बताया कि विजय माल्या ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपनी अपील खो दी थी। वहीं, उन्हें ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट भी नहीं जाने दिया गया। हालांकि, इसके बाद भी एक कानूनी मुद्दा है, जिसे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सुलझाना अहम है। उनकी ओर से कहा गया कि हम इसका अनुमान नहीं लगा सकते कि मामले को सुलझाने में कितना वक्त लगेगा, लेकिन हम इससे जल्दी से जल्दी निपटाने की कोशिश कर रहे हैं।
मालूम हो कि बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या पर देश के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। वह 2016 में ही भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटेन की अदालत से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की और लंबी लड़ाई के बाद वहां की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी थी।
इससे पहले अप्रैल में ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ विजय माल्या ने वहां की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोशिश की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली।
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