Rbi May Have To Monetise Around Rs 7 Lakh Crore Of Stimulus Package – राहत पैकेज के 7 लाख करोड़ रुपये आरबीआई से मांग सकती है सरकार




बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Fri, 15 May 2020 06:04 AM IST

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बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने बृहस्पतिवार को कहा कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के लिए सरकार आरबीआई से 6.8 लाख करोड़ रुपये मांग सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की घोषणा की थी। 

बैंक ने कहा, यह राहत पैकेज भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 10 फीसदी है। इसमें से 7.3 फीसदी पूंजी कई माध्यमों के जरिए जुटाई जा सकती है। बाकी 2.7 फीसदी यानी 6.8 लाख करोड़ की राशि सरकार आरबीआई से मांग सकती है।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के भारत में अर्थशास्त्री इंद्रनील सेन गुप्ता और आस्था गुदवानी को उम्मीद है कि राजकोषीय संतुलन को नुकसान पहुंचाए बिना सरकार यह पूंजी देगी। आरबीआई पहले ही एलटीआरओ, टीएलटीआरओ, कैश रिजर्व रेश्यों में 100 आधार अंक की कटौती एवं कर्ज उपलब्ध कराकर एक चौथाई (250 आधार अंक) पूंजी दे चुका है।

इसके अलावा, सरकार 4.2 लाख करोड़ का कर्ज ले सकती है, जो जीडीपी का 110 आधार अंक है। इसके अलावा, सरकार अन्य माध्यमों से भी पूंजी जुटा सकती है। 

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने बृहस्पतिवार को कहा कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के लिए सरकार आरबीआई से 6.8 लाख करोड़ रुपये मांग सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की घोषणा की थी। 

बैंक ने कहा, यह राहत पैकेज भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 10 फीसदी है। इसमें से 7.3 फीसदी पूंजी कई माध्यमों के जरिए जुटाई जा सकती है। बाकी 2.7 फीसदी यानी 6.8 लाख करोड़ की राशि सरकार आरबीआई से मांग सकती है।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के भारत में अर्थशास्त्री इंद्रनील सेन गुप्ता और आस्था गुदवानी को उम्मीद है कि राजकोषीय संतुलन को नुकसान पहुंचाए बिना सरकार यह पूंजी देगी। आरबीआई पहले ही एलटीआरओ, टीएलटीआरओ, कैश रिजर्व रेश्यों में 100 आधार अंक की कटौती एवं कर्ज उपलब्ध कराकर एक चौथाई (250 आधार अंक) पूंजी दे चुका है।

इसके अलावा, सरकार 4.2 लाख करोड़ का कर्ज ले सकती है, जो जीडीपी का 110 आधार अंक है। इसके अलावा, सरकार अन्य माध्यमों से भी पूंजी जुटा सकती है। 




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