Rahul Gandhi Press Conference With Regional Journalists Through Video Conferencing Over Coronavirus Economy Lockdown  – Rahul Gandhi बोले- आर्थिक पैकेज से लोगों की जेब में नहीं पहुंचेगा पैसा, कर्ज नहीं नकदी दे सरकार




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 16 May 2020 12:59 PM IST

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खातों में सीधे पैसे डालें क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधी आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मेरी निराशा है। आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए। इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है। कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी। हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं। इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए। आप न्याय जैसी योजना लागू कर सकते हैं। आप इसे कोई और नाम दे सकते हैं।’

गांधी के मुताबिक लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है। हमें इसे ध्यान से हटाना है। हमारे बुजुर्गों, हृदय, फेफड़े और किडनी के रोग से ग्रसित लोगों की रक्षा करनी चाहिए। प्रवासियों को लेकर उन्होंने कहा कि प्रवासियों की समस्या काफी चुनौतिपूर्ण है। सड़कों पर चलने वाले लोगों की हम सभी को मदद करनी है। भाजपा सरकार में है और उसके पास सबसे ज्यादा हथियार हैं। हमें किसी पर अंगुली नहीं उठानी है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना है। ये विपक्ष की भी जिम्मेदारी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और लोगों के खातों में सीधे पैसे डालें क्योंकि इस वक्त उन्हें कर्ज की नहीं, बल्कि सीधी आर्थिक मदद की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मेरी निराशा है। आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए। इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है। कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी। हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं। इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए। आप न्याय जैसी योजना लागू कर सकते हैं। आप इसे कोई और नाम दे सकते हैं।’

गांधी के मुताबिक लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है। हमें इसे ध्यान से हटाना है। हमारे बुजुर्गों, हृदय, फेफड़े और किडनी के रोग से ग्रसित लोगों की रक्षा करनी चाहिए। प्रवासियों को लेकर उन्होंने कहा कि प्रवासियों की समस्या काफी चुनौतिपूर्ण है। सड़कों पर चलने वाले लोगों की हम सभी को मदद करनी है। भाजपा सरकार में है और उसके पास सबसे ज्यादा हथियार हैं। हमें किसी पर अंगुली नहीं उठानी है। हमें मिलकर इस समस्या का समाधान करना है। ये विपक्ष की भी जिम्मेदारी है।




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