मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया है कि घरेलू उड़ानों, ट्रेनों और बसों के जरिये पंजाब में आने वाले हर व्यक्ति को 14 दिन होम क्वारंटीन रहना पड़ेगा। फेसबुक पर ‘कैप्टन को सवाल’ नामक लाइव प्रोग्राम के दौरान लोगों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दाखिल होने वालों की जांच राज्य और जिलों के प्रवेश रास्तों के अलावा रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर भी की जाएगी।
इस दौरान जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें संस्थागत एकांतवास में रखा जाएगा जबकि बाकी को दो हफ्तों के लिए घर में एकांतवास में रहना होगा। कैप्टन ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग टीमें घरों में एकांतवास में रह रहे व्यक्तियों की जांच करेंगी, जबकि लक्षण वाले व्यक्तियों की विस्तृत जांच अस्पतालों/क्वारंटीन केंद्रों में की जाएगी।
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देश-विदेश के किसी भी सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं: कैप्टन
कैप्टन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार विश्व या देश के किसी भी हिस्से की तरफ से टेस्ट संबंधी जारी सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ-साथ हाल ही में दुबई से आने वालों के संबंध में पंजाब का पिछला तजुर्बा साझा करते हुए बताया कि इन स्थानों से राज्य में लौटने वाले पंजाबियों के पास निगेटिव टेस्ट दर्शाते मेडिकल सर्टिफिकेट होने के बावजूद पॉजिटिव टेस्ट सामने आए थे।
सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में पंजाबी घर लौट रहे हैं और अधिक से अधिक निवेश कर राज्य में अपना कारोबार फिर शुरू करने में रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, हम पंजाब में महामारी को और नहीं फैलने देंगे और राज्य अब तक बेहतर ढंग से नियंत्रण करके स्थिति को काबू करने में सफल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों और देशों से वापस आ रहे पंजाबियों के यहां लौटने से रोग के फैलाव की संभावना है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए राज्य कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा, जिसके तहत वापस लौटने वाले हर व्यक्ति की टेस्टिंग और एकांतवास के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं।
60 हजार लोगों के पंजाब पहुंचने की उम्मीद
पांच उड़ानें शनिवार को पंजाब पहुंची हैं और विदेश से 88 उड़ानों पर 20,000 लोगों की वापसी की उम्मीद है, जबकि दूसरे राज्यों से 60,000 पंजाबियों के वापस आने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट रूप में कहा, ‘मैं पंजाब में इस रोग को और फैलने नहीं होने दूंगा।’
प्रवासी मजदूरों ने घर जाने की इच्छा छोड़ी
मुख्यमंत्री ने कामगारों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने वापस जाने की बजाय यहां रुक कर पंजाब की आर्थिक मजबूती में अपना योगदान देने का रास्ता चुना। उन्होंने कहा, ‘यह आपका राज्य है और आप इसका हिस्सा हो।’ यह जरूरी है कि उद्योग का कामकाज चले, जिससे रोजगार को सुनिश्चित बनाया जा सके।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस ढंग से हम स्थिति पर काबू पा चुके हैं, हमें दोबारा सख्ती से लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी।’ मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि गृह राज्य में जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले प्रवासी मजदूरों में से लगभग आधे मजदूरों ने यहीं रुकने का फैसला किया और उद्योगों में फिर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2.56 लाख उद्योग में से 1.5 लाख उद्योगों ने काम करना शुरू कर दिया है।
जिम खोलने का फैसला 31 मई के बाद
फीस वसूलने संबंधी कई स्कूलों की तरफ से निर्देशों का पालन न किए जाने पर मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा उठाने वाले अमृतसर निवासी को स्कूल संबंधी पूरी जानकारी देने को कहा और इस संबंध में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिम खोलने संबंधी फैसला 31 मई के बाद लिया जाएगा।
एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की कोविड के खिलाफ लड़ाई को ‘मिशन फतेह’ का नाम दिया। उन्होंने कहा कि ‘इस लड़ाई में हमारी भावना और दृढ़ता की झलक दिखाई पड़ती है। खतरनाक वायरस के खिलाफ हम सामाजिक दूरी के नियमों को अपना कर फतेह हासिल करेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘यह राष्ट्रीय जंग है जिसको सामूहिक दृढ़ता के साथ जीता जा सकता है और हम जीतेगें।’
सार
- कैप्टन बोले- हम पंजाब में महामारी नहीं फैलने देंगे
- फेसबुक पर आम लोगों के सवालों के दिए जवाब
- मजदूरों के पंजाब में ही रुकने पर जताया आभार
विस्तार
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया है कि घरेलू उड़ानों, ट्रेनों और बसों के जरिये पंजाब में आने वाले हर व्यक्ति को 14 दिन होम क्वारंटीन रहना पड़ेगा। फेसबुक पर ‘कैप्टन को सवाल’ नामक लाइव प्रोग्राम के दौरान लोगों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दाखिल होने वालों की जांच राज्य और जिलों के प्रवेश रास्तों के अलावा रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर भी की जाएगी।
इस दौरान जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें संस्थागत एकांतवास में रखा जाएगा जबकि बाकी को दो हफ्तों के लिए घर में एकांतवास में रहना होगा। कैप्टन ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग टीमें घरों में एकांतवास में रह रहे व्यक्तियों की जांच करेंगी, जबकि लक्षण वाले व्यक्तियों की विस्तृत जांच अस्पतालों/क्वारंटीन केंद्रों में की जाएगी।
यह भी पढ़ें- चरित्र पर शक में दो चचेरी बहनों को सरेराह काट डाला, ट्रैक्टर से टकराकर आरोपी भाई की भी मौत
देश-विदेश के किसी भी सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं: कैप्टन
कैप्टन ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार विश्व या देश के किसी भी हिस्से की तरफ से टेस्ट संबंधी जारी सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ-साथ हाल ही में दुबई से आने वालों के संबंध में पंजाब का पिछला तजुर्बा साझा करते हुए बताया कि इन स्थानों से राज्य में लौटने वाले पंजाबियों के पास निगेटिव टेस्ट दर्शाते मेडिकल सर्टिफिकेट होने के बावजूद पॉजिटिव टेस्ट सामने आए थे।
सीएम ने कहा कि बड़ी संख्या में पंजाबी घर लौट रहे हैं और अधिक से अधिक निवेश कर राज्य में अपना कारोबार फिर शुरू करने में रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, हम पंजाब में महामारी को और नहीं फैलने देंगे और राज्य अब तक बेहतर ढंग से नियंत्रण करके स्थिति को काबू करने में सफल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों और देशों से वापस आ रहे पंजाबियों के यहां लौटने से रोग के फैलाव की संभावना है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए राज्य कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा, जिसके तहत वापस लौटने वाले हर व्यक्ति की टेस्टिंग और एकांतवास के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं।
60 हजार लोगों के पंजाब पहुंचने की उम्मीद
पांच उड़ानें शनिवार को पंजाब पहुंची हैं और विदेश से 88 उड़ानों पर 20,000 लोगों की वापसी की उम्मीद है, जबकि दूसरे राज्यों से 60,000 पंजाबियों के वापस आने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट रूप में कहा, ‘मैं पंजाब में इस रोग को और फैलने नहीं होने दूंगा।’
प्रवासी मजदूरों ने घर जाने की इच्छा छोड़ी
मुख्यमंत्री ने कामगारों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने वापस जाने की बजाय यहां रुक कर पंजाब की आर्थिक मजबूती में अपना योगदान देने का रास्ता चुना। उन्होंने कहा, ‘यह आपका राज्य है और आप इसका हिस्सा हो।’ यह जरूरी है कि उद्योग का कामकाज चले, जिससे रोजगार को सुनिश्चित बनाया जा सके।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिस ढंग से हम स्थिति पर काबू पा चुके हैं, हमें दोबारा सख्ती से लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी।’ मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि गृह राज्य में जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले प्रवासी मजदूरों में से लगभग आधे मजदूरों ने यहीं रुकने का फैसला किया और उद्योगों में फिर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2.56 लाख उद्योग में से 1.5 लाख उद्योगों ने काम करना शुरू कर दिया है।
जिम खोलने का फैसला 31 मई के बाद
फीस वसूलने संबंधी कई स्कूलों की तरफ से निर्देशों का पालन न किए जाने पर मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा उठाने वाले अमृतसर निवासी को स्कूल संबंधी पूरी जानकारी देने को कहा और इस संबंध में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिम खोलने संबंधी फैसला 31 मई के बाद लिया जाएगा।
एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य की कोविड के खिलाफ लड़ाई को ‘मिशन फतेह’ का नाम दिया। उन्होंने कहा कि ‘इस लड़ाई में हमारी भावना और दृढ़ता की झलक दिखाई पड़ती है। खतरनाक वायरस के खिलाफ हम सामाजिक दूरी के नियमों को अपना कर फतेह हासिल करेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘यह राष्ट्रीय जंग है जिसको सामूहिक दृढ़ता के साथ जीता जा सकता है और हम जीतेगें।’