न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 05 May 2020 05:02 AM IST
सुप्रीम कोर्ट और प्रवासी मजदूर
– फोटो : अमर उजाला
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रेलवे और राज्यों को लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनकी घर वापसी के लिए मुफ्त में यात्रा की व्यवस्था करनी चाहिए, जिनकी कोई गलती नहीं और जिनके पास आय का कोई स्रोत भी नहीं है। ऐसे में उनसे भारी भरकम किराया नहीं वसूला जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक याचिका के साथ हलफनामा दाखिल कर यह मांग की गई। याचिकाकर्ता और आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व निदेशक जगदीप एस छोकर और वकील गौरव जैन ने याचिका देकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में बताया कि मजदूरों से 800 रुपये तक किराया वसूला गया है, जो सही नहीं है। दोनों ने यह याचिका पहले ही दी थी, जिसमें लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान श्रमिकों की घर वापसी की मंजूरी देने की अपील की गई थी। शीर्ष कोर्ट ने 27 अप्रैल को इस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था।
मुफ्त रेल यात्रा क्यों नहीं:
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रेलवे पर प्रवासी श्रमिकों से किराया लेने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं और विदेश में फंसे भारतीयों को विमानों से निशुल्क लेकर आ सकते हैं तो फिर संकट के समय मजदूरों को मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा सकती। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। यह पूरे देश के लिए आत्म पीड़ा की वजह है।
..जब रेल मंत्री पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 4, 2020