अजय मीनिया, अमर उजाला, जम्मू
Updated Tue, 05 May 2020 12:22 AM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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दरअसल, कश्मीर में नवंबर महीने में बर्फ पड़ना शुरू होती है। जनवरी तक काफी बर्फ पड़ जाती है। आतंकियों के लिए बर्फ में घुसपैठ करना मुश्किल हो जाता है। अप्रैल में यह बर्फ पिघलने लगती है। तब कुछ जगहों पर फेंसिंग टूटी होती है। इसका लाभ उठाकर आतंकी घुसपैठ कर जाते हैं। इस घुसपैठ को रोकना सेना के लिए बड़ी चुनौती है।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि बांदीपोरा, कुपवाड़ा और बारामुला एलओसी पर 200 से अधिक आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। जो अगले एक महीने तक घुसपैठ की कोशिशें करते रहेंगे। आतंकियों को पिछले दो तीन साल में काफी नुकसान पहुंचा है। पहले आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक हुई, फिर एयर स्ट्राइक। आतंकियों के लिए कश्मीर में जमा होने वाला धन भी बंद हो गया। आतंकियों का ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क ध्वस्त हो गया। इनके लिए हथियारों की सप्लाई कम हो गई। यहां तक कि कश्मीर में विदेशी आतंकियों की गिनती अब इक्का-दुक्का रह गई। कुल मिलाकर ऑपरेशन ऑल आउट की शुरूआत से लेकर अब तक 600 से अधिक आतंकी मारे गए हैं। जो आतंकियों के लिए एक बड़ा आघात है। इसलिए आतंकी संगठन 2020 में जून और जुलाई के महीने में बड़े स्तर पर घुसपैठ करना चाहते हैं।
कोरोना पॉजिटिव आतंकी भी भेजेंगे
सेना के रिटायर कर्नल वी के साही का कहना है कि पाकिस्तान कोरोना पॉजिटिव आतंकियों को भी भेजना चाहता है। ताकि वह कश्मीर के स्थानीय आतंकियों के संपर्क में आकर कोरोना फैलाएं।
कब कितने आतंकी मारे
2017 में 217 आतंकी
2018 में 257 आतंकी
2019 में 160 आतंकी
2020 अब तक 71 आतंकी मारे गए
चार सालों में 40 कमांडर मार गिराए
सब्जार भट्ट, नवीद जट्ट, सद्दाम पाडर, जीनत उल इस्लाम, जाकिर मूसा, समीर टाइगर आदि समेत विभिन्न आतंकी संगठनों के 40 से अधिक कमांडर पिछले तीन सालों में मार गिराए गए हैं।