Nirmala Sitharaman And Prakash Javadekar About Wilful Defaulters Beneficiaries Of Phone Banking – लोन माफी पर वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया जवाब, जावड़ेकर बोले- चिदंबरम से ट्यूशन लें राहुल




कांग्रेस पर हमला बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले यूपीए सरकार की ‘फोन बैंकिंग’ के लाभकारी हैं। 50 शीर्ष डिफॉल्टरों (जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले) के ऋण को बट्टे खाते में डाले जाने पर विपक्ष के आरोपों के जवाब में सीतारमण ने यह बात कही। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेनी चाहिए।

इन डिफॉल्टरों के 68,607 करोड़ रुपये के ऋण को तकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया गया है। वित्त मंत्री ने मंगलवार देर रात एक के बाद एक ट्वीट किए। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वह कांग्रेस पर हमलावर रही।

लोगों को गुमराह कर रही है कांग्रेस 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आत्मावलोकन करना चाहिए कि क्योंकि उनकी पार्टी व्यवस्था की सफाई में कोई निर्णायक भूमिका निभाने में असफल रही। सीतारमण ने कहा, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वह कांग्रेस के मूल चरित्र की तरह बिना किसी संदर्भ के तथ्यों को सनसनी बनाकर पेश कर रहे हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा कि 2009-10 और 2013-14 के बीच वाणिज्यिक बैंकों ने 1,45,226 करोड़ रुपये के ऋणों को बट्टे खाते में डाला था। उन्होंने कहा, ‘काश राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस राशि को बट्टे खाते में डाले जाने के बारे में पूछा होता।’

2006-2008 में बांटे गए अधिकतर फंसे कर्ज 
उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिसमें रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि अधिकतर फंसे कर्ज 2006-2008 के दौरान बांटे गए। अधिकतर कर्ज उन प्रवर्तकों को दिए गए जिनका जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने का इतिहास रहा है।

सीतारमण ने कहा, ‘ऋण लेने वाले ऐसे लोग जो ऋण चुकाने की क्षमता रखते हुए भी ऋण नहीं चुकाते, कोष की हेरा-फेरी करते हैं और बैंक की अनुमति के बिना सुरक्षित परिसंपत्तियों का निपटान कर देते हैं, उन्हें डिफॉल्टर कहते हैं। यह सभी ऐसे प्रवर्तक की कंपनियां रहीं जिन्हें संप्रग की फोन बैंकिंग का लाभ मिला।’

वित्त मंत्री ने एक ट्वीट कर 18 नवंबर 2019 को लोकसभा में इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब का उल्लेख भी किया। यह जवाब डिफॉल्टरों की सूची से संबंधित था।

प्रकाश जावड़ेकर ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, ‘मैं राहुल गांधी की इस आरोप को सिरे से खारिज करता हूं कि मोदी सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं। कोई पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब माफ करना नहीं होता है। राहुल को पी चिदंबरम से कर्ज माफी और कर्ज को बट्टे खाते में डालने में अंतर समझने के लिए ट्यूशन लेनी चाहिए।’
 




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