न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 30 May 2020 01:32 AM IST
आईएनएस कलिंग में मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ की आधारशिला बृहस्पतिवार को रखी गई। इस दौरान कमोडोर राजेश देबनाथ, कमांडिंग ऑफिसर की तरफ से वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एफओसी-इन-सी (पूर्व) मौजूद रहे।
मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ के बनने के बाद, इसे आईएनएस कलिंग के उन सभी अधिकारियों, नाविकों और सहायक कर्मचारियों को समर्पित किया जाएगा, जिन्होंने साल 1981 में इसकी स्थापना के बाद से ईएनसी के इस ऑप-सपोर्ट बेस में अपनी सेवाएं दी हैं। इस पार्क को साल 2018-19 के लिए आईएनएस कलिंग के प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र का पुरस्कार भी दिया गया है।
‘अग्निप्रस्थ’ का मकसद 1981 से लेकर अब तक आईएनएस कलिंग के मिसाइल इतिहास की झलक दिखना है। बता दें कि मिसाइल पार्क की स्थापना मिसाइलों और ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट (जीएसई) की प्रतिकृति के साथ की गई है, जो यूनिट की तरफ से संचालित किए गए मिसाइलों के विकास को प्रदर्शित करते हैं।
आईएनएस कलिंग में मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ की आधारशिला बृहस्पतिवार को रखी गई। इस दौरान कमोडोर राजेश देबनाथ, कमांडिंग ऑफिसर की तरफ से वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एफओसी-इन-सी (पूर्व) मौजूद रहे।
मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ के बनने के बाद, इसे आईएनएस कलिंग के उन सभी अधिकारियों, नाविकों और सहायक कर्मचारियों को समर्पित किया जाएगा, जिन्होंने साल 1981 में इसकी स्थापना के बाद से ईएनसी के इस ऑप-सपोर्ट बेस में अपनी सेवाएं दी हैं। इस पार्क को साल 2018-19 के लिए आईएनएस कलिंग के प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र का पुरस्कार भी दिया गया है।
‘अग्निप्रस्थ’ का मकसद 1981 से लेकर अब तक आईएनएस कलिंग के मिसाइल इतिहास की झलक दिखना है। बता दें कि मिसाइल पार्क की स्थापना मिसाइलों और ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट (जीएसई) की प्रतिकृति के साथ की गई है, जो यूनिट की तरफ से संचालित किए गए मिसाइलों के विकास को प्रदर्शित करते हैं।