Maharashtra Aurangabad Rail Incident Eyewitness Told About Migrant Labourers Train Accident – औरंगाबाद दर्दनाक हादसे का चश्मदीद ने बताया, ‘मैंने उन्हें आवाज दी थी लेकिन…’




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद
Updated Sat, 09 May 2020 09:05 AM IST

ख़बर सुनें

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मरने वाले 16 लोगों के साथी और प्रत्यक्षदर्शी ने रेल हादसे की दर्दनाक सुबह के बारे में बताया है। धीरेंद्र सिंह ने कहा कि मैंने अपने साथियों को घटना के वक्त आवाज लगाकर उठाने की कोशिश की थी लेकिन वो उठ नहीं पाए। धीरेंद्र ने कहा कि जब मालगाड़ी आ रही थी तो मैंने अपने सहयोगियों को सचेत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से ट्रेन उनके ऊपर से चली गई।

धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हम सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और हम जालना की एसआरजी कंपनी में काम करते हैं। हम सभी अपने पैतृक गांवों को जा रहे थे। हम गुरुवार की सुबह सात बजे अपने कमरों से निकल गए और शुक्रवार सुबह करीब चार बजे घटनास्थल पर पहुंचे।

सिंह ने आगे कहा कि हम कुछ आराम करने के लिए वहां रुक गए। जो लोग घटना में मारे गए, वे हम तीनों से कुछ ही मीटर आगे थे। वे पटरियों पर बैठ गए और धीरे-धीरे नींद में चले गए। मैं दो अन्य लोगों के साथ कुछ दूर आराम कर रहा था। कुछ समय के बाद एक मालगाड़ी आई… मैंने उन्हें आवाज दी लेकिन वे मुझे सुन नहीं पाए और ट्रेन उनके ऊपर से निकल गई।

उन्होंने कहा, हमने एक सप्ताह पहले पास के लिए आवेदन किया था। कोरोना वायरस में लागू लॉकडाउन के कारण हम बेरोजगार हो गए थे और हमारे पास पैसे नहीं थे इसलिए हम वापस अपने गांव जा रहे थे। इस बीच, औरंगाबाद में मारे गए 16 प्रवासी मजदूरों के शवों को एक विशेष ट्रेन से मध्यप्रदेश भेजा गया है।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्यप्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने शुक्रवार को औरंगाबाद ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मरने वाले 16 लोगों के साथी और प्रत्यक्षदर्शी ने रेल हादसे की दर्दनाक सुबह के बारे में बताया है। धीरेंद्र सिंह ने कहा कि मैंने अपने साथियों को घटना के वक्त आवाज लगाकर उठाने की कोशिश की थी लेकिन वो उठ नहीं पाए। धीरेंद्र ने कहा कि जब मालगाड़ी आ रही थी तो मैंने अपने सहयोगियों को सचेत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से ट्रेन उनके ऊपर से चली गई।

धीरेंद्र सिंह ने बताया कि हम सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और हम जालना की एसआरजी कंपनी में काम करते हैं। हम सभी अपने पैतृक गांवों को जा रहे थे। हम गुरुवार की सुबह सात बजे अपने कमरों से निकल गए और शुक्रवार सुबह करीब चार बजे घटनास्थल पर पहुंचे।

सिंह ने आगे कहा कि हम कुछ आराम करने के लिए वहां रुक गए। जो लोग घटना में मारे गए, वे हम तीनों से कुछ ही मीटर आगे थे। वे पटरियों पर बैठ गए और धीरे-धीरे नींद में चले गए। मैं दो अन्य लोगों के साथ कुछ दूर आराम कर रहा था। कुछ समय के बाद एक मालगाड़ी आई… मैंने उन्हें आवाज दी लेकिन वे मुझे सुन नहीं पाए और ट्रेन उनके ऊपर से निकल गई।

उन्होंने कहा, हमने एक सप्ताह पहले पास के लिए आवेदन किया था। कोरोना वायरस में लागू लॉकडाउन के कारण हम बेरोजगार हो गए थे और हमारे पास पैसे नहीं थे इसलिए हम वापस अपने गांव जा रहे थे। इस बीच, औरंगाबाद में मारे गए 16 प्रवासी मजदूरों के शवों को एक विशेष ट्रेन से मध्यप्रदेश भेजा गया है।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्यप्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने शुक्रवार को औरंगाबाद ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।




Source link

Leave a comment