न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Sun, 31 May 2020 02:43 PM IST
प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस में शामिल
– फोटो : Facebook
मध्यप्रदेश में एक बार फिर से ‘आया राम गया राम’ की शुरुआत हो गई है। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और उनके बेटे अजीत बौरासी ने रविवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहुंचकर कांग्रेस की दोबारा सदस्यता ले ली।
सदस्यता हासिल करने से पहले पूर्व सांसद और उनके बेटे ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की। इस दौरान वहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
पूर्व सांसद के एक बार फिर पार्टी में शामिल होने से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सांवेर विधानसभा सीट से उपचुनाव में टिकट दिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो वह तुलसी सिलावट को चुनौती देते नजर आ सकते हैं।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों भाजपा और प्रेमचंद गुड्डू एक-दूसरे को पत्रों के जरिए निशाने पर ले रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही गुड्डू उनपर निशाना साध रहे थे।
इस पर पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसके जवाब में गुड्डू ने कहा था कि वह पहले ही भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद से ही उनके फिर से कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को बल मिला था।
फिर कुछ समय बाद भाजपा ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। गुड्डू ने इसे अपमानजनक बताते हुए कहा था कि जब मैं पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं, ऐसे में यह क्यों किया गया। इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का फैसला किया।
मध्यप्रदेश में एक बार फिर से ‘आया राम गया राम’ की शुरुआत हो गई है। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और उनके बेटे अजीत बौरासी ने रविवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहुंचकर कांग्रेस की दोबारा सदस्यता ले ली।
सदस्यता हासिल करने से पहले पूर्व सांसद और उनके बेटे ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात की। इस दौरान वहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
पूर्व सांसद के एक बार फिर पार्टी में शामिल होने से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सांवेर विधानसभा सीट से उपचुनाव में टिकट दिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो वह तुलसी सिलावट को चुनौती देते नजर आ सकते हैं।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों भाजपा और प्रेमचंद गुड्डू एक-दूसरे को पत्रों के जरिए निशाने पर ले रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही गुड्डू उनपर निशाना साध रहे थे।
इस पर पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसके जवाब में गुड्डू ने कहा था कि वह पहले ही भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद से ही उनके फिर से कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को बल मिला था।
फिर कुछ समय बाद भाजपा ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। गुड्डू ने इसे अपमानजनक बताते हुए कहा था कि जब मैं पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं, ऐसे में यह क्यों किया गया। इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का फैसला किया।
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