मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 100 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,687 तक पहुंच गई है।
प्रदेश सरकार के ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में कोविड-19 से गुरुवार को तीन और मरीजों के मौत की जानकारी मिली है। इनमें से दो मौतें खरगोन में और एक मौत इंदौर में हुई है। इसी के साथ प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस की महामारी से 83 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोरोना वायरस की महामारी से प्रदेश में हुई 83 मौतों में से सबसे अधिक 53 मौतें अकेले इंदौर में हुई है, जबकि भोपाल एवं उज्जैन में सात-सात, देवास में छह, खरगोन में पांच और छिंदवाड़ा, जबलपुर, आगर मालवा, धार तथा मंदसौर में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
प्रदेश के कुल 52 में से 25 जिलों में कोविड-19 मामले सामने आए हैं। उज्जैन में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 35 नए मामले सामने आएं। इसके अलावा इंदौर में 22, भोपाल में 20 एवं खरगोन में 10 नए मामलों की पुष्टि हुई।
इसी के साथ कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित इंदौर में अबतक कोविड-19 की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 945 हो गई है। वहीं भोपाल में 323, उज्जैन में 76 एवं खरगोन में 51 मामले सामने आए हैं।
वहीं, जबलपुर में 30 लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, जबकि रायसेन में 26, रतलाम में 12, देवास में 21, खंडवा में 35, होशंगाबाद में 26 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
इनके अलावा, धार जिले में अब तक 36 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि आगर मालवा में 11, बड़वानी में 24, मुरैना में 16, विदिशा में 13, मंदसौर में आठ, शाजापुर में छह, सागर में पांच, श्योपुर, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर में चार-चार, अलीराजपुर में तीन, शिवपुरी एवं टीकमगढ़ में दो-दो और बैतूल में एक कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया है। वहीं, तीन मरीज अन्य राज्य के हैं।
इंदौर में 26 और मरीजों ने दी कोविड-19 को मात
देश में कोरोना वायरस की महामारी से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इलाज के बाद 26 और मरीजों ने कोरोना वायरस को गुरुवार को मात दे दी।
इंडेक्स हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख सुधीर मौर्य ने बताया कि हमारे अस्पताल में इलाज के बाद कोरोना वायरस के 26 मरीज संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। इस संक्रमण को लेकर इनकी जांच रिपोर्ट लगातार दो बार निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि कुछ चिकित्सा औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सभी 26 मरीजों को अस्पताल से जल्द ही छुट्टी दी जा सकती है।
मौर्य ने बताया कि उनके अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में फिलहाल करीब 250 मरीज भर्ती हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर जिले में गुरुवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 945 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 53 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी हैं, जबकि 77 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है।
देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक इंदौर में एक और मरीज की मौत के बाद महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वालों की तादाद बढ़कर 53 हो गई। वहीं, भोपाल में 34 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने गुरुवार को कहा कि शहर के शासकीय मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय में 56 वर्षीय पुरुष की मंगलवार को मौत हुई थी। इसके साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 53 हो गई।
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में जिले में कोविड-19 के 26 नए मामले सामने आए हैं। पुराने आंकड़ों में मामूली संशोधन के बाद जिले में अब इस महामारी के मरीजों की तादाद बढ़कर 945 हो गई है। इनमें से 77 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर गुरुवार सुबह तक 5.61 फीसदी थी। जिले में इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है।
सीएमएचओ ने यह भी बताया कि 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले इंदौर शहर में कोविड-19 को लेकर करीब 2,000 दलों की मदद से सर्वेक्षण जारी है। उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण दल शहर की करीब 14 लाख आबादी तक पहुंच चुके हैं। शहरी क्षेत्र में सर्वेक्षण की रफ्तार बढ़ा दी गई है और यह काम एक हफ्ते में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इंदौर में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर सख्त लॉकडाउन लागू है।
भोपाल में अब तक 34 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, इनमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
अधिकारी ने दावा किया कि निष्कर्षों के अनुसार, शहर का पुलिस बल कोरोना की चपेट में तब आया, जब वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं को ढूंढ़ने के लिए गए।
भोपाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन ने बताया कि आज सुबह हमारे साइबर सेल में एक पुलिसकर्मी के कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के साथ, हमारे 34 कर्मचारी अब तक इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनके अलावा, उनके परिवार के लगभग 30 सदस्य संक्रमित हुए हैं।
वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने और अपने परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए, शहर में लगभग 2100 पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के खत्म होने के बाद घर नहीं जा रहे हैं। उन्हें होटलों में रखा जा रहा है और पीपीई किट, सैनिटाइजर और भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
जैन ने कहा कि विश्लेषण के बाद, हमें पता चला कि पिछले महीने दिल्ली में तब्लीगी जमात की बैठक में भाग लेने के बाद भोपाल आए लोगों को खोजने के लिए जब पुलिसकर्मी गए तो उस दौरान वे वायरस से संक्रमित हो गए।
उन्होंने कहा कि निष्कर्षों के अनुसार, शुरू में तब्लीगी जमात को छोड़कर कोई अन्य स्रोत नहीं था, जिनसे कि वे संक्रमित हो सकते थे। पुलिस टीम तब्लीगी जमात में शामिल लोगों की तलाश के लिए पिछले महीने के अंत में जहांगीराबाद और ऐशबाग पुलिस थानों के तहत आने वाली मस्जिदों में गई थी।
जैन ने बताया कि दिल्ली से लौटने वाले विदेशी जमातियों सहित 30-35 जमाती कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि जितने पुलिसकर्मी कोरोना वायरस के लिए संक्रमित पाए गए हैं, वे सभी जमात सदस्यों के संपर्क में आने से संक्रमित नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा कि एक पुलिसकर्मी मेडिकल टीम के साथ कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर-घर जाने से इस बीमारी के चपेट में आया है, जबकि कुछ पुलिसकर्मी ‘कंटेनमेंट जोन’ में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित हुए हैं या सामान्य ड्यूटी के दौरान। लेकिन पुलिस बल में सबसे पहले कोविड-19 का संक्रमण जमात सदस्यों से ही आया है।
जैन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित पुलिसकर्मियों या उनके परिजनों में से किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 100 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,687 तक पहुंच गई है।
प्रदेश सरकार के ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में कोविड-19 से गुरुवार को तीन और मरीजों के मौत की जानकारी मिली है। इनमें से दो मौतें खरगोन में और एक मौत इंदौर में हुई है। इसी के साथ प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस की महामारी से 83 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोरोना वायरस की महामारी से प्रदेश में हुई 83 मौतों में से सबसे अधिक 53 मौतें अकेले इंदौर में हुई है, जबकि भोपाल एवं उज्जैन में सात-सात, देवास में छह, खरगोन में पांच और छिंदवाड़ा, जबलपुर, आगर मालवा, धार तथा मंदसौर में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
प्रदेश के कुल 52 में से 25 जिलों में कोविड-19 मामले सामने आए हैं। उज्जैन में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 35 नए मामले सामने आएं। इसके अलावा इंदौर में 22, भोपाल में 20 एवं खरगोन में 10 नए मामलों की पुष्टि हुई।
इसी के साथ कोरोना वायरस की महामारी से बुरी तरह प्रभावित इंदौर में अबतक कोविड-19 की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 945 हो गई है। वहीं भोपाल में 323, उज्जैन में 76 एवं खरगोन में 51 मामले सामने आए हैं।
वहीं, जबलपुर में 30 लोग अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, जबकि रायसेन में 26, रतलाम में 12, देवास में 21, खंडवा में 35, होशंगाबाद में 26 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
इनके अलावा, धार जिले में अब तक 36 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि आगर मालवा में 11, बड़वानी में 24, मुरैना में 16, विदिशा में 13, मंदसौर में आठ, शाजापुर में छह, सागर में पांच, श्योपुर, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर में चार-चार, अलीराजपुर में तीन, शिवपुरी एवं टीकमगढ़ में दो-दो और बैतूल में एक कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया है। वहीं, तीन मरीज अन्य राज्य के हैं।
इंदौर में 26 और मरीजों ने दी कोविड-19 को मात
देश में कोरोना वायरस की महामारी से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इलाज के बाद 26 और मरीजों ने कोरोना वायरस को गुरुवार को मात दे दी।
इंडेक्स हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख सुधीर मौर्य ने बताया कि हमारे अस्पताल में इलाज के बाद कोरोना वायरस के 26 मरीज संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। इस संक्रमण को लेकर इनकी जांच रिपोर्ट लगातार दो बार निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि कुछ चिकित्सा औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सभी 26 मरीजों को अस्पताल से जल्द ही छुट्टी दी जा सकती है।
मौर्य ने बताया कि उनके अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में फिलहाल करीब 250 मरीज भर्ती हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर जिले में गुरुवार सुबह तक कोविड-19 के कुल 945 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 53 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी हैं, जबकि 77 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है।
इंदौर में कोरोना से 53 लोगों की मौत
देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक इंदौर में एक और मरीज की मौत के बाद महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वालों की तादाद बढ़कर 53 हो गई। वहीं, भोपाल में 34 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने गुरुवार को कहा कि शहर के शासकीय मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय में 56 वर्षीय पुरुष की मंगलवार को मौत हुई थी। इसके साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 53 हो गई।
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में जिले में कोविड-19 के 26 नए मामले सामने आए हैं। पुराने आंकड़ों में मामूली संशोधन के बाद जिले में अब इस महामारी के मरीजों की तादाद बढ़कर 945 हो गई है। इनमें से 77 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर गुरुवार सुबह तक 5.61 फीसदी थी। जिले में इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है।
सीएमएचओ ने यह भी बताया कि 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले इंदौर शहर में कोविड-19 को लेकर करीब 2,000 दलों की मदद से सर्वेक्षण जारी है। उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण दल शहर की करीब 14 लाख आबादी तक पहुंच चुके हैं। शहरी क्षेत्र में सर्वेक्षण की रफ्तार बढ़ा दी गई है और यह काम एक हफ्ते में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इंदौर में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर सख्त लॉकडाउन लागू है।
भोपाल में 34 पुलिसकर्मी संक्रमित
भोपाल में अब तक 34 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, इनमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
अधिकारी ने दावा किया कि निष्कर्षों के अनुसार, शहर का पुलिस बल कोरोना की चपेट में तब आया, जब वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं को ढूंढ़ने के लिए गए।
भोपाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन ने बताया कि आज सुबह हमारे साइबर सेल में एक पुलिसकर्मी के कोरोना वायरस पॉजिटिव होने के साथ, हमारे 34 कर्मचारी अब तक इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उनके अलावा, उनके परिवार के लगभग 30 सदस्य संक्रमित हुए हैं।
वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने और अपने परिवार के सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए, शहर में लगभग 2100 पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के खत्म होने के बाद घर नहीं जा रहे हैं। उन्हें होटलों में रखा जा रहा है और पीपीई किट, सैनिटाइजर और भोजन मुहैया कराया जा रहा है।
जैन ने कहा कि विश्लेषण के बाद, हमें पता चला कि पिछले महीने दिल्ली में तब्लीगी जमात की बैठक में भाग लेने के बाद भोपाल आए लोगों को खोजने के लिए जब पुलिसकर्मी गए तो उस दौरान वे वायरस से संक्रमित हो गए।
उन्होंने कहा कि निष्कर्षों के अनुसार, शुरू में तब्लीगी जमात को छोड़कर कोई अन्य स्रोत नहीं था, जिनसे कि वे संक्रमित हो सकते थे। पुलिस टीम तब्लीगी जमात में शामिल लोगों की तलाश के लिए पिछले महीने के अंत में जहांगीराबाद और ऐशबाग पुलिस थानों के तहत आने वाली मस्जिदों में गई थी।
जैन ने बताया कि दिल्ली से लौटने वाले विदेशी जमातियों सहित 30-35 जमाती कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि जितने पुलिसकर्मी कोरोना वायरस के लिए संक्रमित पाए गए हैं, वे सभी जमात सदस्यों के संपर्क में आने से संक्रमित नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा कि एक पुलिसकर्मी मेडिकल टीम के साथ कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर-घर जाने से इस बीमारी के चपेट में आया है, जबकि कुछ पुलिसकर्मी ‘कंटेनमेंट जोन’ में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित हुए हैं या सामान्य ड्यूटी के दौरान। लेकिन पुलिस बल में सबसे पहले कोविड-19 का संक्रमण जमात सदस्यों से ही आया है।
जैन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित पुलिसकर्मियों या उनके परिजनों में से किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।