Know Everything About 6 Indian Funds Shut By Franklin Templeton Experts Opinion – क्यों बंद हुई छह ऋण योजनाएं, क्या पड़ेगा निवेशकों पर असर? जानें हर सवाल का जवाब




फ्रैंकलिन टेम्पलटन
– फोटो : सोशल मीडिया

ख़बर सुनें

फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने अपनी छह ऋण योजनाएं बंद करने का फैसला किया है। कोरोना वायरस संकट के बीच कंपनी के ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी मार है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड देश की आठवीं सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है। 

वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह की राय
कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम से निवेशकों में असमंजस की स्थिति है। इसलिए निवेशकों की चिंताएं दूर करने के लिए अमर उजाला ने वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि, ‘मुझे इसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। फंड हाउस द्वारा उठाया गया कदम एक अच्छा संकेत है। जोखिमों को प्रबंधित करने का एक तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आपके द्वारा चुने गए डेट फंड आपके लक्ष्य समयरेखा से जुड़ा हो। खुदरा निवेशकों को डेट फंड में निवेश करते समय विवेकपूर्ण होना चाहिए और हमेशा पोर्टफोलियो की गुणवत्ता देखनी चाहिए। निवेश करते समय उन्हें कंपनी के पिछले प्रदर्शन, बड़े नाम और बड़े ब्रांडों को पूरी तरह से नजरअंदाज करना चाहिए। निवेशकों को कुछ श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स के अतिरिक्त मनी मार्केट फंड्स, छोटी अवधि के फंड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स, PSU और बैंकिंग फंड्स, गिल्ट फंड्स और हाई-क्वालिटी पोर्टफोलियो वाली स्कीम सिक्योरिटी देती हैं। साथ ही एएमएफआई को इस पहलू पर निवेशकों को शिक्षित करना चाहिए कि वे जोखिम का आकलन कैसे कर सकते हैं।’

कंपनी द्वारा किन योजनाओं को बंद किया गया है? 

  • फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड
  • फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड
  • फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड
  • फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान
  • फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड 
  • फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड

कंपनी ने योजनाएं क्यों बंद की?
कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देते हुए कंपनी ने यह कदम उठाया। मालूम हो कि यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था ने कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद किया है।
 

क्या ग्राहक इन फंडों में लेन-देन कर सकेंगे?
अगर आपने इन छह योजनाओं में निवेश किया है, तो आपका निवेश तब तक के लिए लॉक हो चुका है, जब तक कि फंड हाउस भुगतान नहीं करता। निवेशकों को कब तक उनका पैसा वापस मिलेगा, यह अभी अनिश्चित है। यानी अब ग्राहक इन फंडों में कोई लेन-देन नहीं कर सकेंगे। 

AMFI ने निवेशकों को क्या सलाह दी?
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि ज्यादातर फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का निवेश उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभूतियों में किया गया है। इन योजनाओं में पर्याप्त लिक्विडिटी है, जिससे सामान्य परिचालन को सुनिश्चित होता है। एम्फी ने निवेशकों को कहा है कि वे अपने निवेश लक्ष्यों पर फोकस जारी रखें और अपने फाइनेंशियल एडवाइजर के संपर्क में रहें। 

इस पूरे मामले में कंपनी ने निवेशकों को क्या कहा?
इस संदर्भ में फ्रैंकलिन टेंपलटन फिक्स्ड इनकम इंडिया के सीआईओ संतोष कामथ ने कहा कि, इन फंडों की आर्थिक सेहत खराब हो रही है, लेकिन इन फंडों में उपार्जन को उसी तरह जारी रहना चाहिए जैसे इन फंडों द्वारा धारित अंतर्निहित प्रतिभूतियां (अंडरलाइंग सिक्योरिटीज) मजबूत बनी हुई हैं। 

इन योजनाओं से निवेशकों के कितने पैसे फंस गए हैं?
फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया द्वारा छह डेट फंडों को बंद करने से निवेशकों के लगभग 30,800 करोड़ रुपये (4.1 अरब डॉलर) कंपनी के पास अटक गए हैं। 

फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने अपनी छह ऋण योजनाएं बंद करने का फैसला किया है। कोरोना वायरस संकट के बीच कंपनी के ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी मार है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड देश की आठवीं सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है। 

वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह की राय
कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम से निवेशकों में असमंजस की स्थिति है। इसलिए निवेशकों की चिंताएं दूर करने के लिए अमर उजाला ने वित्त विशेषज्ञ डॉक्टर रवि सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि, ‘मुझे इसके बाद कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। फंड हाउस द्वारा उठाया गया कदम एक अच्छा संकेत है। जोखिमों को प्रबंधित करने का एक तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आपके द्वारा चुने गए डेट फंड आपके लक्ष्य समयरेखा से जुड़ा हो। खुदरा निवेशकों को डेट फंड में निवेश करते समय विवेकपूर्ण होना चाहिए और हमेशा पोर्टफोलियो की गुणवत्ता देखनी चाहिए। निवेश करते समय उन्हें कंपनी के पिछले प्रदर्शन, बड़े नाम और बड़े ब्रांडों को पूरी तरह से नजरअंदाज करना चाहिए। निवेशकों को कुछ श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स के अतिरिक्त मनी मार्केट फंड्स, छोटी अवधि के फंड्स, कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स, PSU और बैंकिंग फंड्स, गिल्ट फंड्स और हाई-क्वालिटी पोर्टफोलियो वाली स्कीम सिक्योरिटी देती हैं। साथ ही एएमएफआई को इस पहलू पर निवेशकों को शिक्षित करना चाहिए कि वे जोखिम का आकलन कैसे कर सकते हैं।’




Source link

Leave a comment