न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 02 Jun 2020 07:18 PM IST
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बात 30 अप्रैल 1999 की उस काली रात की है जब दर्जनों लोगों के सामने मनु शर्मा ने जेसिका लाल की हत्या कर दी थी। दिल्ली के एक पब में रात के 2 बजे मनु शर्मा ने जेसिका को गोलियों से भून दिया। जेसिका पेशे से एक मॉडल थी, घर चलाने के लिए वह मॉडलिंग के साथ ही एक पब में भी काम करती थी। 30 अप्रैल 1999 की रात वह पब में थी। उस रात मनु शर्मा भी उस पब में आया।
शराब देने से किया इनकार तो चलाई गोलियां
मनु शर्मा ने जेसिका से शराब मांगी और उसने देने से मना कर दिया। उस वक्त जेसिका उसी काउंटर पर थी। जेसिका का कहना था कि काउंटर बंद हो चुका है इसलिए शराब नहीं मिल सकती। इस बात पर मनु शर्मा को बहुत गुस्सा आ गया।
मनु ने आव देखा न ताव उसने जेसिका पर गोलियां चला दीं और वो जेसिका के सिर पर जा लगीं। जेसिका ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जेसिका की हत्या होने के बाद पुलिस ने मनु शर्मा को आरोपी के तौर पर गिरफ्तार कर लिया।
पहली बार हो गया रिहा
बाद में अदालती कार्रवाई में कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट को झूठा माना और मनु को बरी कर दिया। उसी दिन मीडिया के गलियारों और लोगों के बीच ये बहस छिड़ी कि ‘नो वन किल्ड जेसिका’ यानी जेसिका को किसी ने नहीं मारा। हालांकि कोर्ट का फैसला आने के बाद भी जेसिका का परिवार हारा नहीं उसने मनु को सजा दिलाने का फैसला किया।
मीडिया ने भी निभाया बड़ा रोल
परिवार को मीडिया का सपोर्ट मिला और ये केस दोबारा खुला। इसके बाद पूरी दिल्ली ने जेसिका को इंसाफ दिलाने की मांग की। दोबारा जब केस खुला तो इसके चश्मदीद गवाह एक्टर श्यान मुंशी ने भी अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चला और कोर्ट ने मनु शर्मा को हत्यारा घोषित करते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
जेसिका को शायद कभी इंसाफ ना मिलता अगर उसकी बहन सबरीना लाल इंसाफ की लड़ाई ना लड़ती। उन्होंने ही हिम्मत नहीं हारी और हर दबाव और डर के बावजूद जेसिका को इंसाफ दिलाया। उन्होंने कुछ महीनों पहले ये भी कहा था कि मनु शर्मा को रिहा कर भी दिया जाता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है।