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नौसेना ने एक बयान में कहा कि आईएनएस मगर पर कुल 202 लोग सवार हैं जिनमें दो गभर्वती महिलाओं समेत कुल 24 महिलाएं और दो बच्चे हैं। बयान में कहा गया है कि भीड़ से बचने के लिये इन नागरिकों को दो समूहों में बांटा गया।
पोर्ट ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि मालदीव से लाए गए 698 लोगों का पहला समूह रविवार सुबह साढ़े नौ बजे भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस जलाश्व से कोचीन बंदरगाह पहुंचा। इस समूह में 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं। इनमें से 10 साल से कम आयु के 14 बच्चे और 19 गर्भवती महिलाएं हैं।
पोत से आए यात्रियों में से 440 केरल से हैं जबकि 187 तमिलनाडु तथा चार दिल्ली के रहने वाले हैं। अन्य यात्री 17 अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से हैं। पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के लक्षणों वाले यात्रियों को आईएनएस जलाश्व से पहले उतारा गया और इसके बाद छोटे-छोटे समूहों में अन्य लोगों को जिले-वार उतारा गया। उन्होंने कहा कि यात्रियों के सामानों को भी सैनिटाइज किया गया।
वहीं लंदन और सिंगापुर से एअर इंडिया की दो उड़ानों के जरिये 572 भारतीय रविवार सुबह मुंबई पहुंचे। ब्रिटेन में फंसे 329 भारतीय नागरिक एअर इंडिया के विमान से मुंबई पहुंचे।
महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इन यात्रियों में से जो लोग मुंबई के हैं, उन्हें हवाईअड्डे के पास स्थित होटलों में अनिवार्य रूप से क्वारंटीन में रखा गया है जबकि अन्य शहरों के यात्रियों को उनके स्थानों पर ले जाया गया और उन्हें भी पृथक-वास के उद्देश्य से अधिग्रहीत किये गए होटलों में रखा।
एअर इंडिया की उड़ान न्यूजर्सी में नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भारतीय नागरिकों को लेकर मुंबई और अहमदाबाद के लिए रविवार को रवाना होगी। नेवार्क से 14 मई को दिल्ली और हैदराबाद के लिए एक अन्य उड़ान रवाना होगी। विमान में सवार होने से पहले सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच होगी और उन्हीं लोगों को यात्रा की इजाजत होगी जिनमें लक्षण नजर नहीं आएंगे।
भारत पहुंचने पर सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और उन्हें आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा तथा उस पर पंजीकरण कराना होगा। सभी यात्रियों को भारत पहुंचने पर अनिवार्य रूप से 14 दिन तक पृथक केंद्रों में भारत सरकार द्वारा तय मानकों के मुताबिक भुगतान कर रहना होगा।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार तक भारत वापसी के लिये विदेशों में फंसे 67,833 लोग पंजीकरण करा चुके थे इनमें 22,470 छात्र,15,815 प्रवासी कामगार, वीजा खत्म होने का सामना कर रहे 9,250 और चिकित्सा आपातकाल के आधार पर वतन वापसी चाहने वाले 5,531 लोग शामिल हैं।
नौसेना ने एक बयान में कहा कि आईएनएस मगर पर कुल 202 लोग सवार हैं जिनमें दो गभर्वती महिलाओं समेत कुल 24 महिलाएं और दो बच्चे हैं। बयान में कहा गया है कि भीड़ से बचने के लिये इन नागरिकों को दो समूहों में बांटा गया।
मालदीव में फंसे 700 भारतीयों को लेकर लौटा आईएनएस जलाश्व , ब्रिटेन से विमान से लौटे 300 से ज्यादा भारतीय
पोर्ट ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि मालदीव से लाए गए 698 लोगों का पहला समूह रविवार सुबह साढ़े नौ बजे भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस जलाश्व से कोचीन बंदरगाह पहुंचा। इस समूह में 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं। इनमें से 10 साल से कम आयु के 14 बच्चे और 19 गर्भवती महिलाएं हैं।
पोत से आए यात्रियों में से 440 केरल से हैं जबकि 187 तमिलनाडु तथा चार दिल्ली के रहने वाले हैं। अन्य यात्री 17 अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से हैं। पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के लक्षणों वाले यात्रियों को आईएनएस जलाश्व से पहले उतारा गया और इसके बाद छोटे-छोटे समूहों में अन्य लोगों को जिले-वार उतारा गया। उन्होंने कहा कि यात्रियों के सामानों को भी सैनिटाइज किया गया।
वहीं लंदन और सिंगापुर से एअर इंडिया की दो उड़ानों के जरिये 572 भारतीय रविवार सुबह मुंबई पहुंचे। ब्रिटेन में फंसे 329 भारतीय नागरिक एअर इंडिया के विमान से मुंबई पहुंचे।
महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इन यात्रियों में से जो लोग मुंबई के हैं, उन्हें हवाईअड्डे के पास स्थित होटलों में अनिवार्य रूप से क्वारंटीन में रखा गया है जबकि अन्य शहरों के यात्रियों को उनके स्थानों पर ले जाया गया और उन्हें भी पृथक-वास के उद्देश्य से अधिग्रहीत किये गए होटलों में रखा।
अमेरिका में फंसे भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया भी शुरू
एअर इंडिया की उड़ान न्यूजर्सी में नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भारतीय नागरिकों को लेकर मुंबई और अहमदाबाद के लिए रविवार को रवाना होगी। नेवार्क से 14 मई को दिल्ली और हैदराबाद के लिए एक अन्य उड़ान रवाना होगी। विमान में सवार होने से पहले सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच होगी और उन्हीं लोगों को यात्रा की इजाजत होगी जिनमें लक्षण नजर नहीं आएंगे।
भारत पहुंचने पर सभी यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी और उन्हें आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा तथा उस पर पंजीकरण कराना होगा। सभी यात्रियों को भारत पहुंचने पर अनिवार्य रूप से 14 दिन तक पृथक केंद्रों में भारत सरकार द्वारा तय मानकों के मुताबिक भुगतान कर रहना होगा।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार तक भारत वापसी के लिये विदेशों में फंसे 67,833 लोग पंजीकरण करा चुके थे इनमें 22,470 छात्र,15,815 प्रवासी कामगार, वीजा खत्म होने का सामना कर रहे 9,250 और चिकित्सा आपातकाल के आधार पर वतन वापसी चाहने वाले 5,531 लोग शामिल हैं।