Indian Railways Operationalises Its Most Powerful 12000 Hp Locomotive Made By Madhepura Loco Factory In Bihar – मेक इन इंडिया : बिहार की मधेपुरा फैक्टरी ने बनाया 12000 हॉर्सपावर का रेल इंजन




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 19 May 2020 08:41 PM IST

12000 हॉर्सपावर वाला रेल इंजन
– फोटो : प्रेस सूचना ब्यूरो

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बिहार की मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी ने देश का पहला स्वदेशी 12000 हॉर्सपावर का रेल इंजन तैयार किया है। इस इंजन को भारतीय रेलवे ने सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से संचालित किया। 

इस इंजन को WAH12 नाम दिया गया है और इसका नंबर 60027 है। दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से दोपहर 02:08 बजे चली ट्रेन डेहरी-ऑन-सोन, गढ़वा रोड होते हुए बैराडीह तक गई। इस ट्रेन में 118 डिब्बे थे। 

इसके साथ ही भारत दुनिया का छठवां ऐसा देश बन गया है जिसने इतनी हॉर्सपावर का रेल इंजन खुद तैयार किया है। वहीं, दुनिया में पहली बार उच्च हॉर्सपावर के इंजन के ब्रॉड गेज ट्रैक पर संचालित किया गया है। 

ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इस रेल इंजन का एक्सल लोड 22.5 टन है जिसे 25 टन तक बढ़ाया जा सकता है। यह इंजन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से सफर कर सकता है। इसकी सहायता से मालगाड़ियों की औसत गति और भार ले जाने की क्षमता बेहतर होगी। 

ये रेल इंजन स्टेट ऑफ दि आर्ट आईजीबीटी आधारित, 3 फेज ड्राइव, नौ हजार किलोवाट (12000 हॉर्सपावर) के हैं। इनमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) भी दिया गया है, जिसकी सहायता से इन्हें कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा। 

यह इंजन मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया गया है। 250 एकड़ में बनी मधेपुरा फैक्टरी सबसे बड़ी एकीकृत ग्रीनफील्ड सुविधा है जिसे 120 इंजन की उत्पादन क्षमता के साथ गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों के साथ बनाया गया है। 

सार

  • इस हॉर्सपावर का इंजन देश में बनाने वाला दुनिया का छठवां देश बना भारत
  • दुनिया में पहली बार इतनी क्षमता वाला इंजन ब्रॉड गेज ट्रैक पर संचालित हुआ
  • ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बिहार की मधेपुरा फैक्टरी में किया गया है निर्माण
  • 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार, बेहतर होगी मालगाड़ियों की गति और क्षमता

विस्तार

बिहार की मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी ने देश का पहला स्वदेशी 12000 हॉर्सपावर का रेल इंजन तैयार किया है। इस इंजन को भारतीय रेलवे ने सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से संचालित किया। 

इस इंजन को WAH12 नाम दिया गया है और इसका नंबर 60027 है। दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से दोपहर 02:08 बजे चली ट्रेन डेहरी-ऑन-सोन, गढ़वा रोड होते हुए बैराडीह तक गई। इस ट्रेन में 118 डिब्बे थे। 

इसके साथ ही भारत दुनिया का छठवां ऐसा देश बन गया है जिसने इतनी हॉर्सपावर का रेल इंजन खुद तैयार किया है। वहीं, दुनिया में पहली बार उच्च हॉर्सपावर के इंजन के ब्रॉड गेज ट्रैक पर संचालित किया गया है। 

ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इस रेल इंजन का एक्सल लोड 22.5 टन है जिसे 25 टन तक बढ़ाया जा सकता है। यह इंजन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से सफर कर सकता है। इसकी सहायता से मालगाड़ियों की औसत गति और भार ले जाने की क्षमता बेहतर होगी। 

ये रेल इंजन स्टेट ऑफ दि आर्ट आईजीबीटी आधारित, 3 फेज ड्राइव, नौ हजार किलोवाट (12000 हॉर्सपावर) के हैं। इनमें जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) भी दिया गया है, जिसकी सहायता से इन्हें कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा। 

यह इंजन मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया गया है। 250 एकड़ में बनी मधेपुरा फैक्टरी सबसे बड़ी एकीकृत ग्रीनफील्ड सुविधा है जिसे 120 इंजन की उत्पादन क्षमता के साथ गुणवत्ता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों के साथ बनाया गया है। 




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