निर्माण गतिविधियों को सीमित तौर पर सिर्फ उन्हीं शहरी और ग्रामीण इलाकों में अनुमति होगी, जहां श्रमिक स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हों। ग्रामीण इलाकों में सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियां, मनरेगा कामकाज, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, ईंट-भट्ठे, हर तरह की दुकानें खुल सकेंगी।
जुताई, बुआई, मंडियों में अनाजों की खरीद-बिक्री, सिंचाई सभी तरह की खेती की गतिविधियां, पशुपालन, मछली पालन हो सकेंगी। वहीं, आयुष समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं, बैंकिंग सेवाएं भी खुली रहेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, रेलमंत्री पीयूष गोयल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक के बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया। रेड जोन में शहरी क्षेत्रों में फैक्टरियों के लिए सीमित अनुमति…विशेष आर्थिक क्षेत्रों, निर्यातोन्मुख इकाइयों, औद्योगिक परिसंपत्तियों और औद्योगिक टाउनशिप समेत शहरी क्षेत्रों में सीमित अनुमति होगी।
दवा, चिकित्सा उपकरण, आईटी से जुड़े उपकरण के उत्पादन, जूट उद्योग समेत जरूरी वस्तुओं के उत्पादन वाली इकाइयों खुलेंगी। वहीं, शिफ्टों में अंतराल रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य होगा।
केंद्र द्वारा जारी सूची में उत्तर प्रदेश में 19, महाराष्ट्र में 14, तमिलनाडु में 12, दिल्ली में 11, पश्चिम बंगाल में 10, आंध्र प्रदेश में 5, बिहार 5, चंडीगढ़ में 1, छत्तीसगढ़ में 1, गुजरात में 9, हरियाणा में 2, जम्मू-कश्मीर में 4, झारखंड में 1, कर्नाटक में 3, केरल में 2, मध्य प्रदेश में 9, ओडिशा में 3, पंजाब में 3, राजस्थान में 8, उत्तराखंड में 1, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 1 और तेलंगाना में 6 जिले रेड जोन में हैं।
ऑरेंज जोन के मामले में भी यूपी पहले स्थान पर है। प्रदेश के 36 जिले ऑरेंज जोन में हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 24, बिहार में 20 ऑरेंज जोन हैं।
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दिल्ली: दक्षिण पूर्व दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तर दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, उत्तर पूर्व दिल्ली, पूर्व दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, शाहदरा, नई दिल्ली, उत्तर पश्चिम दिल्ली, दक्षिण पश्चिम दिल्ली,
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कर्नाटक : बंगलूरू अर्बन, बंगलूरू रूरल, मैसूर, केरल : कन्नूर, कोट्टायम,
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गुजरात : अहमदाबाद, सूरत, वदोदरा, आणंद, बनास कांथा, पंचमहलास, भावनगर, गांधीनगर, अरवाली
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मध्यप्रदेश : इंदौर, भेपाल, उज्जैन, जबलपुर, धार, बरवानी, पूव्री निमार, देवास, ग्वालियर,
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महाराष्ट्र : मुंबई, पुणे, थाने, नासिक, पालघर, नागपुर, शोलापुर, यावतमल, औरंगाबाद, सतारा, धुले, अकोला, जलगांव, मुंबई (सब अर्बन),
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ओडिसा : जाजपुर, भद्रक, बालेश्वर, राजस्थान : जोधपुर, जयपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर, नागौर, बंशवारा, झालावाड़,
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तमिलनाडु : 12 चेन्नई, मदुरै, नामक्कल, तंजौर, चेनगालपट्टु, थिरूवल्लूर, थिरूपपुर, रानीपेट, वीरुधुनागढ़, थिरूवरुर, कांचीपुरम,
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तेलंगाना : हैदराबाद, सूर्यापेट, रंगा रेड्डी, मेडचल मलकाजगिरि, वीकाराबाद, वारांगल अर्बन
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पश्चिम बंगाल : कोलकाता, हावड़ा, 24 परगना नॉर्थ, 24 परगना साउथ, मेदिनीपुर वेस्ट, मेदिनीपुर ईस्ट, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिंम्पोंग, माल्दाअसम में सबसे ज्यादा ग्रीन जोन
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चंडीगढ़ : चंडीगढ़,
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छत्तीसगढ़ : रायगढ़, झारखंड : रांची
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जम्मू-कश्मीर : बांदीपोरा, शोपियां, अनंतनाग, श्रीनगर,
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पंजाब: जालंधर, पटियाला, लुधियाना, उत्तराखंड: हरिद्वार
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अंडमान निकोबार : दक्षिण अंडमान,
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आंध्रप्रदेश : कुर्नूल, गुंटूर कृष्णा, चित्तुर, एसपीएसआर नेल्लौर,
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असम ः धुबरी, मारीगांव, गोलपाड़ा,
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बिहार : मुंगेर, पटना, रोहताश, बक्सर, गया,
वहीं, ग्रीन जोन के मामले में असम सबसे आगे हैं। यहां के 30 जिले इस जोन में रखे गए हैं। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ हैं, जहां 25-25 जिले इस जोन में शामिल किए गए हैं। मध्य प्रदेश के 24 ग्रीन जोन हैं