अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Mon, 25 May 2020 01:45 AM IST
भारत-चीन विवाद (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बातचीत के जरिए तनाव को कम करने की कोशिशों के बावजूद पैंगोंग त्सो और गलवां घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव कम होने के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र की स्थिति को जानने वाले लोगों ने कहा, दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है, क्योंकि दोनों सेनाएं पैंगोंग त्सो, गलवां घाटी और डेमचोक के विवादित क्षेत्रों में अपने बलों की संख्या बढ़ा रही है।
चीनी पक्ष ने विशेष रूप से गलवां घाटी में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। पिछले दो हफ्तों में चीनी सेना यहां करीब 100 तंबू गाड़ चुकी है और बंकरों के निर्माण के लिए भारी उपकरण लाए हैं। भारतीय पक्ष ने पिछले सप्ताह दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों के बीच बैठकों के दौरान इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि भारतीय सेना भी पैंगोंग त्सो, गलवां घाटी और डेमचोक पर अपनी ताकत बढ़ा रही है। भारतीय सैनिकों ने डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी सहित कई संवेदनशील इलाकों में आक्रामक गश्त बढ़ा दी है।
भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेने की खबरों को किया खारिज
इस बीच भारतीय सेना ने रविवार को उन रिपोर्टों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि कुछ दिनों पहले पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भारतीय गश्ती दल को हिरासत में ले लिया था। सेना ने बयान जारी कर कहा, भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेने की कोई घटना नहीं है। हम इसका खंडन करते हैं। मीडिया जब बिना सोचे समझे खबरें प्रकाशित करती है, तो इससे केवल राष्ट्रीय हित आहत होते हैं।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बातचीत के जरिए तनाव को कम करने की कोशिशों के बावजूद पैंगोंग त्सो और गलवां घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव कम होने के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र की स्थिति को जानने वाले लोगों ने कहा, दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है, क्योंकि दोनों सेनाएं पैंगोंग त्सो, गलवां घाटी और डेमचोक के विवादित क्षेत्रों में अपने बलों की संख्या बढ़ा रही है।
चीनी पक्ष ने विशेष रूप से गलवां घाटी में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। पिछले दो हफ्तों में चीनी सेना यहां करीब 100 तंबू गाड़ चुकी है और बंकरों के निर्माण के लिए भारी उपकरण लाए हैं। भारतीय पक्ष ने पिछले सप्ताह दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों के बीच बैठकों के दौरान इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि भारतीय सेना भी पैंगोंग त्सो, गलवां घाटी और डेमचोक पर अपनी ताकत बढ़ा रही है। भारतीय सैनिकों ने डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी सहित कई संवेदनशील इलाकों में आक्रामक गश्त बढ़ा दी है।
भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेने की खबरों को किया खारिज
इस बीच भारतीय सेना ने रविवार को उन रिपोर्टों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि कुछ दिनों पहले पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों ने भारतीय गश्ती दल को हिरासत में ले लिया था। सेना ने बयान जारी कर कहा, भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेने की कोई घटना नहीं है। हम इसका खंडन करते हैं। मीडिया जब बिना सोचे समझे खबरें प्रकाशित करती है, तो इससे केवल राष्ट्रीय हित आहत होते हैं।
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