India China Dispute On Lac: Army Chief General Manoj Mukund Naravane Visits Ladakh, Indian Army China Army – सरहद पर तनाव: भारतीय सेना ने किया खंडन, चीन ने नहीं छीने जवानों के हथियार, न हिरासत में लिया




भारत और चीन के बीच विवाद
– फोटो : PTI

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भारत और चीन के बीच सरहद पर तनाव जारी है। पिछले एक सप्ताह में चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर कई हमले करने, हथियार छीनने और उनको हिरासत में लेने की खबर है। अब भारतीय सेना ने इन खबरों का खंडन किया है। सेना की ओर से कहा गया है कि चीन की ओर से भारतीय जवानों को हिरासत में नहीं लिया गया और न ही उनके हथियार छीने गए हैं। 

सेना की ओर से इस विवाद पर और कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, बस इतना कहा गया है कि गश्त के दौरान चीनी सेना द्वारा न तो सेना और न ही आईटीबीपी के जवानों को हिरासत में लिया गया था और न ही हथियार छीने गए। उम्मीद लगाई जा रही है कि सेना की तरफ से शाम तक बयान जारी किया जा सकता है।

दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर लद्दाख में तनाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के पैंगोंग सो झील और गलवां नदी घाटी समेत कुल तीन जगहों पर 300 सैनिकों की तैनाती के साथ चीन ने अपना दावा किया, जिसके बाद भारत ने भी अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

सूत्र ने कहा, हमारे उपग्रह की निगरानी और खुफिया जानकारी से पता चला है कि चीन ने गलवां नदी के पास भारतीय गश्ती क्षेत्र के पास सैनिकों के लाने-ले जाने और सामानों की आपूर्ति के लिए क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण किया है। वहीं, दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 81 ब्रिगेड के अधिकारियों और उनके चीनी समकक्षों के बीच बैठकें हो रही हैं। 

अब तक पांच बैठक, नहीं निकला कोई हल

दोनों पक्षों के स्थानीय सैन्य कमांडरों के बीच अब तक पांच बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक स्थिति अनसुलझी है। सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों ने एलएसी पर तीन स्थानों को पार किया है। इनमें से प्रत्येक स्थान पर लगभग 800-1000 चीनी सैनिक मौजूद हैं।

चीन ने 100 से ज्यादा तंबू गाड़े

सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना ने पिछले दो सप्ताह में 100 से ज्यादा तंबू गाड़कर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। बंकर बनाने वाली मशीनों को भी लाना चालू कर दिया है। भारतीय सेना ने भी गलवां झील और घाटी क्षेत्र, दोनों जगह पर निर्माण चालू किया है। भारतीय सेना इस क्षेत्र में बेहतर स्थिति में है। पिछले एक सप्ताह में चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर कई हमले करने की भी खबर है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे 

वहीं, शनिवार को सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन में तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख दौरे पर पहुंचे। नरवणे के साथ सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

हालांकि, सेना प्रमुख ने पूरे हालात और रक्षा तैयारियों का जायजा लिया। इसी इलाके के गलवां नदी घाटी के पास पिछले दिनों भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई थी। इससे पहले नरवणे ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं और सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी को देखते हुए पिछले महीने वहां का दौरा किया था। 

सार

  • भारत और चीन के बीच सरहद पर तनाव जारी
  • चीन ने जवानों को हिरासत में नहीं लिया: सेना
  • तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे 
  • चीन की सेना ने गाड़े 100 से ज्यादा तंबू

विस्तार

भारत और चीन के बीच सरहद पर तनाव जारी है। पिछले एक सप्ताह में चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर कई हमले करने, हथियार छीनने और उनको हिरासत में लेने की खबर है। अब भारतीय सेना ने इन खबरों का खंडन किया है। सेना की ओर से कहा गया है कि चीन की ओर से भारतीय जवानों को हिरासत में नहीं लिया गया और न ही उनके हथियार छीने गए हैं। 

सेना की ओर से इस विवाद पर और कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, बस इतना कहा गया है कि गश्त के दौरान चीनी सेना द्वारा न तो सेना और न ही आईटीबीपी के जवानों को हिरासत में लिया गया था और न ही हथियार छीने गए। उम्मीद लगाई जा रही है कि सेना की तरफ से शाम तक बयान जारी किया जा सकता है।

दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर लद्दाख में तनाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के पैंगोंग सो झील और गलवां नदी घाटी समेत कुल तीन जगहों पर 300 सैनिकों की तैनाती के साथ चीन ने अपना दावा किया, जिसके बाद भारत ने भी अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

सूत्र ने कहा, हमारे उपग्रह की निगरानी और खुफिया जानकारी से पता चला है कि चीन ने गलवां नदी के पास भारतीय गश्ती क्षेत्र के पास सैनिकों के लाने-ले जाने और सामानों की आपूर्ति के लिए क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण किया है। वहीं, दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में 81 ब्रिगेड के अधिकारियों और उनके चीनी समकक्षों के बीच बैठकें हो रही हैं। 

अब तक पांच बैठक, नहीं निकला कोई हल

दोनों पक्षों के स्थानीय सैन्य कमांडरों के बीच अब तक पांच बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक स्थिति अनसुलझी है। सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों ने एलएसी पर तीन स्थानों को पार किया है। इनमें से प्रत्येक स्थान पर लगभग 800-1000 चीनी सैनिक मौजूद हैं।

चीन ने 100 से ज्यादा तंबू गाड़े

सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना ने पिछले दो सप्ताह में 100 से ज्यादा तंबू गाड़कर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। बंकर बनाने वाली मशीनों को भी लाना चालू कर दिया है। भारतीय सेना ने भी गलवां झील और घाटी क्षेत्र, दोनों जगह पर निर्माण चालू किया है। भारतीय सेना इस क्षेत्र में बेहतर स्थिति में है। पिछले एक सप्ताह में चीनी सैनिकों की तरफ से भारतीय सैनिकों पर कई हमले करने की भी खबर है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे 

वहीं, शनिवार को सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन में तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख दौरे पर पहुंचे। नरवणे के साथ सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

हालांकि, सेना प्रमुख ने पूरे हालात और रक्षा तैयारियों का जायजा लिया। इसी इलाके के गलवां नदी घाटी के पास पिछले दिनों भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई थी। इससे पहले नरवणे ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं और सीमा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी को देखते हुए पिछले महीने वहां का दौरा किया था। 




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