Iit Ropar Researchers Develop Remote Device To Detect Covid-19 Symptoms – आईआईटी रोपड़ ने विकसित किया इंफ्रारेड विजन सिस्टम, कोरोना के लक्षणों की ऐसे होगी पहचान




आईआईटी रोपड़ ने विकसित किया उपकरण।

ख़बर सुनें

पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए नए-नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। दुनिया भर में इससे जुड़े शोध भी जारी हैं। कोरोना वायरस को मात देने में सबसे अहम हथियार संदिग्धों का पता लगाना और उससे जुड़े लोगों को ट्रेस करना है।

आईआईटी रोपड़ ने कोरोना वायरस के संदिग्धों को पता लगाने के लिए एक खास उपकरण को विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि इसका अभी क्लीनिकल ट्रायल बाकी है। 

आईआईटी रोपड़ के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के लक्षणों की पहचान के लिए एक खास उपकरण विकसित किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह उपकरण रिमोट से नियंत्रित होता है। ये दूर से ही शरीर का तापमान मापकर कोविड-19 के लक्षणों को पहचान सकेगा। यह उपकरण हाथ में पकड़ने जाने वाले स्कैनर की एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

आईआईटी रोपड़ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असोसिएट प्रोफेसर रविबाबू मूलवीशला ने कहा कि यह अपने आप यह पता करने में सक्षम है कि व्यक्ति स्वस्थ्य है या फिर संदिग्ध। उपकरण बुखार और सर्दी को भी पकड़ने में सक्षम है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि इंफ्रारेड विजन सिस्टम शरीर से निकलने वाले इंफ्रारेड विकरण को परखेगा और यह तय करेगा कि इंसान को बुखार है या नहीं। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका इस्तेमाल रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट बस अड्डों, मॉल और सिनेमा घरों में किया जा सकता है। जो जांच प्रक्रिया के दौरान संक्रमण के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होगा। यह उपकरण शरीर के तापमान के आधार पर संदिग्ध का पता लगाने में सक्षम है।

ऐसे करता है काम
आईआईटी रोपड़ के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह उपकरण हमारे चेहरे की इंफ्रारेड तस्वीर लेता है। बिना किसी वायर की मदद से इसे जांच मशीन तक भेजा जाता है। यहां दो सेंकड के अंदर मशीन अपने नतीजे तक पहुंच जाती है। जिससे यह पता लग जाता है कि संबंधित व्यक्ति स्वस्थ्य है या फिर संदिग्ध।

खुद फैसला लेने में सक्षम
कोरोना के खिलाफ जंग में यह उपकरण एक अहम हथियार साबित हो सकता है। शोधकर्ता के मुताबिक इंफ्रारेड विजन सिस्टम कम लागत वाला एक छोटा उपकरण है और यह सुरक्षित तरीके से बिना किसी इंसानी दखल के फैसले ले सकता है। उपकरण 160×120 पिक्सल रेजोल्यूशन के साथ तापमान की माप करता है। इस उपकरण का वजन 400 ग्राम से भी कम है। प्रोफेसर रविबाबू ने बताया कि यह क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार है। इसके लिए आईआईटी रोपड़ ने उन्होंने चिकित्सा उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है।

पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए नए-नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। दुनिया भर में इससे जुड़े शोध भी जारी हैं। कोरोना वायरस को मात देने में सबसे अहम हथियार संदिग्धों का पता लगाना और उससे जुड़े लोगों को ट्रेस करना है।

आईआईटी रोपड़ ने कोरोना वायरस के संदिग्धों को पता लगाने के लिए एक खास उपकरण को विकसित करने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि इसका अभी क्लीनिकल ट्रायल बाकी है। 

आईआईटी रोपड़ के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के लक्षणों की पहचान के लिए एक खास उपकरण विकसित किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह उपकरण रिमोट से नियंत्रित होता है। ये दूर से ही शरीर का तापमान मापकर कोविड-19 के लक्षणों को पहचान सकेगा। यह उपकरण हाथ में पकड़ने जाने वाले स्कैनर की एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

आईआईटी रोपड़ के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असोसिएट प्रोफेसर रविबाबू मूलवीशला ने कहा कि यह अपने आप यह पता करने में सक्षम है कि व्यक्ति स्वस्थ्य है या फिर संदिग्ध। उपकरण बुखार और सर्दी को भी पकड़ने में सक्षम है।




Source link

Leave a comment