♦ आपली इयत्ता निवडा ♦

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इ 8 वी सेतू अभ्यास दिवस 37

इ 8 वी  सेतू अभ्यास दिवस  37

विषय  – हिंदी  

ग्रामधम कपा ग्रामधर्म का पहला लक्षण तो यह है कि गाँव के झगड़ों को आपस में ही निपटाना चाहिए । पहले तो झगड़े ही न हों। मगर जहाँ पाँच- पचास लोग साथ रहते हैं, वहाँ झगड़ा हो ही जाता है। झगड़ा न होने की अवस्था एक ऐसा आदर्श है, जिसे सब लोग प्राप्त नहीं करते। गाँव के अच्छे लोगों के पास जाकर इसका फैसला कर लेना चाहिए और उसको कबूल करना चाहिए। झगड़ा करनेवाले तो हम लोग हों और फैसला कराने के लिए शहरवालों के पास जाएँ और वहाँ की अदालत में पैसा तथा समय बरबाद करें, इसमें क्या बुद्धिमानी है ? उल्टे इससे गाँव में मनमुटाव बढ़ता है। इस तरह काम नहीं चल सकता। झगड़े को शहर में नहीं संकेत देखेगा, लेकिन उसके जमाने की भावना का अंश वह आज भी देहातों में जरूर देखेगा, इसमें संदेह नहीं है।