हरियाणा सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद एक साल तक नई भर्ती न करने के फैसले पर यू-टर्न लिया है। प्रदेश में खाली पदों पर जरूरत अनुसार भर्तियां जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुद इस मामले में तस्वीर साफ करनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना से उत्पन्न संकट के समय में भी सरकारी भर्तियां करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में भी खाली पदों पर जिन-जिन विभागों में आवश्यकता होगी, वहां पर सरकारी भर्तियां चालू रहेंगी। साढ़े 12 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के बाद पाइपलाइन में हैं, जैसे ही लॉकडाउन खत्म होगा, उनका परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को आरंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में लॉकडाउन में थोड़ी छूट देते हुए 20 अप्रैल से औद्योगिक इकाइयां शुरू करने की अनुमति दे दी है। अब इसके तीसरे चरण में औद्योगिक इकाइयां को खोलने के लिए हरियाणा को दो जोन में बांटने का निर्णय लिया है।
15 जिले जहां कोरोना पॉजिटिव मामले 10 से कम है, उन जिलों के लिए अलग से जिला स्तरीय योजना बनाई जाएगी। कोरोना प्रभाव वाले 7 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूहं, सोनीपत, पानीपत और पंचकूला में ब्लॉक अथवा टाउन के अनुसार योजना बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी। यह सिलसिला एक गाड़ी की तरह है जो पहले गियर से आरंभ होकर धीरे-धीरे गति पकड़ कर 5वें गियर तक जाती है। 3 मई के बाद शीघ्र ही यह गाड़ी पांचवें गियर में बढ़ेगी और विकास की गति पटरी पर आएगी।
ओवर टाइम के दोगुना वेतन के साथ 12 घंटे काम
सीएम ने कहा कि जो उद्योग सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने कम मजदूरों अर्थात 50 प्रतिशत श्रम शक्ति के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे, उन इकाइयों में 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक भी काम लिया जा सकता है। बशर्ते कि कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 59 के तहत उद्यमियों को 4 घंटे के ओवर टाइम का दोगुना वेतन देना होगा।
प्रदेश में ईंट भट्ठे खोल दिए गए हैं, जिनमें लगभग 2 लाख 7 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, अन्य औद्योगिक इकाइयों में लगभग 5 लाख कर्मचारी एवं मजदूर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में 33 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ इकाइयों को कार्य संचालन की स्वीकृति दी गई है।
शेष अन्य औद्योगिक इकाइयों को 50 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ कार्य करने की छूट है। शहरों अथवा मोहल्ले की दुकानें और जहां कहीं केवल एक अकेली दुकान है, को खोलने की छूट दी गई है। गांव में सभी छोटी-बड़ी दुकानों को खोल दिया गया है।
पैर छूकर गए प्रवासी मजदूर
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का हरियाणा के विकास में अहम योगदान है। वे 15-20 वर्षों से यहां रहकर कार्य कर रहे हैं और हरियाणा के परिवार का हिस्सा बन गए थे। उनके प्रति भ्रातृ भाव है। इसका उदाहरण देखने को मिला जब लगभग 15,500 हजार प्रवासी मजदूर राहत शिविरों में रहने के बाद घर जाने लगे तो उन्होंने कर्मचारियों के पैर छूकर परिवार से भी अधिक की गई सेवा-भाव का आभार व्यक्त किया। अभी जो मजदूर फसल कटाई के काम में लगे हैं, उन्हें कटाई के बाद उचित अवसर आते ही उनके राज्यों में भेजने के प्रबंध किए जांएगे, तब तक उनके रहने, खाने-पीने की सभी व्यवस्था की जाएगी।
31 मार्च तक 30 फीसदी वेतन देंगे माननीय
सीएम ने बताया कि सभी 90 विधायक, जिनमें 13 मंत्री भी हैं, सबने अपना एक माह का वेतन हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दिया है। इसके साथ ही 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 अर्थात एक साल के वेतन का 30 प्रतिशत इस फंड में देने का वादा किया है। राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभी मंत्रियों ने अपने स्वैच्छिक कोटा जो हर वर्ष लगभग 100 करोड से अधिक बनता है, उसमें से इस वर्ष 51 करोड़ रुपये कम खर्च करने का आश्वासन दिया है ताकि सरकारी खर्च में बचत हो सके। उन्होंने बताया कि सभी बोर्डों, निगमों के चेयरमैनों ने एक महीने का वेतन इस फंड में दिया है। 42 भूतपूर्व विधायकों ने भी अपने एक माह की पेंशन में से अंशदान दिया है।
हरियाणा सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद एक साल तक नई भर्ती न करने के फैसले पर यू-टर्न लिया है। प्रदेश में खाली पदों पर जरूरत अनुसार भर्तियां जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खुद इस मामले में तस्वीर साफ करनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना से उत्पन्न संकट के समय में भी सरकारी भर्तियां करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में भी खाली पदों पर जिन-जिन विभागों में आवश्यकता होगी, वहां पर सरकारी भर्तियां चालू रहेंगी। साढ़े 12 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के बाद पाइपलाइन में हैं, जैसे ही लॉकडाउन खत्म होगा, उनका परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को आरंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में लॉकडाउन में थोड़ी छूट देते हुए 20 अप्रैल से औद्योगिक इकाइयां शुरू करने की अनुमति दे दी है। अब इसके तीसरे चरण में औद्योगिक इकाइयां को खोलने के लिए हरियाणा को दो जोन में बांटने का निर्णय लिया है।
15 जिले जहां कोरोना पॉजिटिव मामले 10 से कम है, उन जिलों के लिए अलग से जिला स्तरीय योजना बनाई जाएगी। कोरोना प्रभाव वाले 7 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूहं, सोनीपत, पानीपत और पंचकूला में ब्लॉक अथवा टाउन के अनुसार योजना बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी। यह सिलसिला एक गाड़ी की तरह है जो पहले गियर से आरंभ होकर धीरे-धीरे गति पकड़ कर 5वें गियर तक जाती है। 3 मई के बाद शीघ्र ही यह गाड़ी पांचवें गियर में बढ़ेगी और विकास की गति पटरी पर आएगी।
ओवर टाइम के दोगुना वेतन के साथ 12 घंटे काम
सीएम ने कहा कि जो उद्योग सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने कम मजदूरों अर्थात 50 प्रतिशत श्रम शक्ति के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे, उन इकाइयों में 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक भी काम लिया जा सकता है। बशर्ते कि कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 59 के तहत उद्यमियों को 4 घंटे के ओवर टाइम का दोगुना वेतन देना होगा।
प्रदेश में ईंट भट्ठे खोल दिए गए हैं, जिनमें लगभग 2 लाख 7 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, अन्य औद्योगिक इकाइयों में लगभग 5 लाख कर्मचारी एवं मजदूर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में 33 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ इकाइयों को कार्य संचालन की स्वीकृति दी गई है।
शेष अन्य औद्योगिक इकाइयों को 50 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ कार्य करने की छूट है। शहरों अथवा मोहल्ले की दुकानें और जहां कहीं केवल एक अकेली दुकान है, को खोलने की छूट दी गई है। गांव में सभी छोटी-बड़ी दुकानों को खोल दिया गया है।
पैर छूकर गए प्रवासी मजदूर
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का हरियाणा के विकास में अहम योगदान है। वे 15-20 वर्षों से यहां रहकर कार्य कर रहे हैं और हरियाणा के परिवार का हिस्सा बन गए थे। उनके प्रति भ्रातृ भाव है। इसका उदाहरण देखने को मिला जब लगभग 15,500 हजार प्रवासी मजदूर राहत शिविरों में रहने के बाद घर जाने लगे तो उन्होंने कर्मचारियों के पैर छूकर परिवार से भी अधिक की गई सेवा-भाव का आभार व्यक्त किया। अभी जो मजदूर फसल कटाई के काम में लगे हैं, उन्हें कटाई के बाद उचित अवसर आते ही उनके राज्यों में भेजने के प्रबंध किए जांएगे, तब तक उनके रहने, खाने-पीने की सभी व्यवस्था की जाएगी।
31 मार्च तक 30 फीसदी वेतन देंगे माननीय
सीएम ने बताया कि सभी 90 विधायक, जिनमें 13 मंत्री भी हैं, सबने अपना एक माह का वेतन हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दिया है। इसके साथ ही 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 अर्थात एक साल के वेतन का 30 प्रतिशत इस फंड में देने का वादा किया है। राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभी मंत्रियों ने अपने स्वैच्छिक कोटा जो हर वर्ष लगभग 100 करोड से अधिक बनता है, उसमें से इस वर्ष 51 करोड़ रुपये कम खर्च करने का आश्वासन दिया है ताकि सरकारी खर्च में बचत हो सके। उन्होंने बताया कि सभी बोर्डों, निगमों के चेयरमैनों ने एक महीने का वेतन इस फंड में दिया है। 42 भूतपूर्व विधायकों ने भी अपने एक माह की पेंशन में से अंशदान दिया है।