Government To Amend The Essential Commodities Act To Enable Better Price Realisation For Farmers: Fm – आर्थिक पैकेज: आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा संशोधन, किसानों को मिलेंगे कई फायदे 




आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा संशोधन (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

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वित्त मंत्रालय ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त जारी करते हुए कई एलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फोकस मुख्य रूप से किसानों और पशुपालन से जुड़े वर्ग पर रहा। इस दौरान उन्होंने कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर कई घोषणाएं की। एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम मे संशोधन को लेकर हुआ। 

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम मे संशोधन किया जाएगा। इससे किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिल सकेगा। 1955 में ये एक्ट बनाया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी। अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालों, आलू और प्याज को इस कानून के दायरे से नियमन मुक्त किया जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों और मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।
 

उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद खाद्य प्रसंस्करण में स्टॉक लिमिट नहीं होगा। इस बदलाव से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। तिलहन, दलहन, आलू, प्याज जैसे उत्पादों को अनियमित किया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा या मुखमरी के दौरान जब दाम में 100 फीसदी वृद्धि होती है तो ऐसे हालात में ही स्टॉक नियम लागू किया जाएगा। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए 74,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पीएम किसान फंड के तरह 18,700 करोड़ रुपये पिछले दो महीने में किसानों के खाते में डाले गए हैं।    

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना लाई जा रही है। इसके तहत कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी। किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी। इसका लाभ किसान संघों, उद्यमियों और स्टार्ट अप को मिलेगा। 

 

वित्त मंत्रालय ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त जारी करते हुए कई एलान किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फोकस मुख्य रूप से किसानों और पशुपालन से जुड़े वर्ग पर रहा। इस दौरान उन्होंने कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर कई घोषणाएं की। एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम मे संशोधन को लेकर हुआ। 

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम मे संशोधन किया जाएगा। इससे किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिल सकेगा। 1955 में ये एक्ट बनाया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी। अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालों, आलू और प्याज को इस कानून के दायरे से नियमन मुक्त किया जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों और मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।

 

उन्होंने कहा कि संशोधन के बाद खाद्य प्रसंस्करण में स्टॉक लिमिट नहीं होगा। इस बदलाव से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। तिलहन, दलहन, आलू, प्याज जैसे उत्पादों को अनियमित किया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा या मुखमरी के दौरान जब दाम में 100 फीसदी वृद्धि होती है तो ऐसे हालात में ही स्टॉक नियम लागू किया जाएगा। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए 74,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पीएम किसान फंड के तरह 18,700 करोड़ रुपये पिछले दो महीने में किसानों के खाते में डाले गए हैं।    

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना लाई जा रही है। इसके तहत कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी। किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी। इसका लाभ किसान संघों, उद्यमियों और स्टार्ट अप को मिलेगा। 

 






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