Government Issued Guidelines, Run Ac, Cooler Anything But Keep The Window Open – एसी, कूलर कुछ भी चलाएं…खिड़की जरा खुली रखें, कोरोना को लेकर सरकार की गाइडलाइन




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कोरोना महामारी और बढ़ती गर्मी में कई चिंताएं, अफवाहें और पुष्ट-अपुष्ट सूचनाएं लोगों को बेचैन कर रही हैं। ऐसे में भारत सरकार ने जागरूकता के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें बताया गया है कि आप चाहे पंखा चलाएं या एसी-कूलर, पर कमरे की खिड़की को थोड़ा सा खोल कर जरूर रखें। इससे हवा के जरिये संक्रमण की संभावना कम कर सकेंगे। कार्यालय, अस्पताल और बड़े सेट-अप वाली अन्य जगहों के लिए अंदर की अशुद्ध हवा बाहर जाने और बाहर की ताजी हवा आने की व्यवस्था रखें।

यह गाइडलाइन भारत की हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स सोसायटी (आईशेयर) की मदद से तैयार की गई है। 1981 में बनी और 41 शहरों में मौजूद इस सोसायटी से 29 हजार  इंजीनियर जुड़े हैं। आईशेयर ने चीन के 100 शहरों में हुए अध्ययन के हवाले से दावा किया कि अधिक तापमान पर हवा से संक्रमण घट सकता है। हवा से संक्रमण न फैले, इसलिए बाहर की हवा अंदर  जाने के साथ ही इंडोर हवा का निकलना जरूरी है। 

तापमान का कितना असर

सर्वाधिक संक्रमण : आईशेयर के अनुसार, 7-8 डिग्री सेल्सियस पर हवा से संक्रमण सबसे अधिक होता है। 4 डिग्री सेल्सियस पर  कोरोना वायरस 14 दिन तक जीवित रह सकता है।

मध्यम संक्रमण : 20-24 डिग्री पर संक्रमण की रफ्तार घटने लगती है। 30 डिग्री में यह और कम हो जाती है। 37 डिग्री में एक दिन तक जीवित रहता है।

सबसे कम : 56 डिग्री पारा होने पर यह वायरस 30 मिनट तक ही जिंदा रह सकता है। गर्मी बढ़ने पर संक्रमण की रफ्तार भी बेहद कम हो जाएगी।

तीन हालात के लिए गाइडलाइन

  • एसी : तापमान 24 से 30 डिग्री पर रखें

कमरे का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस रखें ताकि नमी घट सके। अगर गर्मी लगे तो पंखा भी चला लें, ताकि पूरे कमरे में ठंडक फैले। खिड़की थोड़ी खोलकर रखें ताकि प्राकृतिक हवा का आदान-प्रदान होता रहे। 

  • कूलर : नियमित सफाई का ख्याल रहे

कूलर को बाहर की ताजी हवा मिलती रहे यह सुनिश्चित करें, बचे पानी को बाहर निकाल दें। कमरे की खिड़की को थोड़ा सा खोलकर रखें ताकि कूलर से बनी नमी निकल सके।

  • पंखे : एग्जॉस्ट फैन भी चलाएं

पंखे चलाते समय खिड़की जरूर खोलकर रखें और एग्जॉस्ट फैन भी चलाएं, ताकि वेंटिलेशन बना रहे। 

कोरोना महामारी और बढ़ती गर्मी में कई चिंताएं, अफवाहें और पुष्ट-अपुष्ट सूचनाएं लोगों को बेचैन कर रही हैं। ऐसे में भारत सरकार ने जागरूकता के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें बताया गया है कि आप चाहे पंखा चलाएं या एसी-कूलर, पर कमरे की खिड़की को थोड़ा सा खोल कर जरूर रखें। इससे हवा के जरिये संक्रमण की संभावना कम कर सकेंगे। कार्यालय, अस्पताल और बड़े सेट-अप वाली अन्य जगहों के लिए अंदर की अशुद्ध हवा बाहर जाने और बाहर की ताजी हवा आने की व्यवस्था रखें।

यह गाइडलाइन भारत की हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स सोसायटी (आईशेयर) की मदद से तैयार की गई है। 1981 में बनी और 41 शहरों में मौजूद इस सोसायटी से 29 हजार  इंजीनियर जुड़े हैं। आईशेयर ने चीन के 100 शहरों में हुए अध्ययन के हवाले से दावा किया कि अधिक तापमान पर हवा से संक्रमण घट सकता है। हवा से संक्रमण न फैले, इसलिए बाहर की हवा अंदर  जाने के साथ ही इंडोर हवा का निकलना जरूरी है। 

तापमान का कितना असर

सर्वाधिक संक्रमण : आईशेयर के अनुसार, 7-8 डिग्री सेल्सियस पर हवा से संक्रमण सबसे अधिक होता है। 4 डिग्री सेल्सियस पर  कोरोना वायरस 14 दिन तक जीवित रह सकता है।

मध्यम संक्रमण : 20-24 डिग्री पर संक्रमण की रफ्तार घटने लगती है। 30 डिग्री में यह और कम हो जाती है। 37 डिग्री में एक दिन तक जीवित रहता है।

सबसे कम : 56 डिग्री पारा होने पर यह वायरस 30 मिनट तक ही जिंदा रह सकता है। गर्मी बढ़ने पर संक्रमण की रफ्तार भी बेहद कम हो जाएगी।

तीन हालात के लिए गाइडलाइन

  • एसी : तापमान 24 से 30 डिग्री पर रखें

कमरे का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस रखें ताकि नमी घट सके। अगर गर्मी लगे तो पंखा भी चला लें, ताकि पूरे कमरे में ठंडक फैले। खिड़की थोड़ी खोलकर रखें ताकि प्राकृतिक हवा का आदान-प्रदान होता रहे। 

  • कूलर : नियमित सफाई का ख्याल रहे

कूलर को बाहर की ताजी हवा मिलती रहे यह सुनिश्चित करें, बचे पानी को बाहर निकाल दें। कमरे की खिड़की को थोड़ा सा खोलकर रखें ताकि कूलर से बनी नमी निकल सके।

  • पंखे : एग्जॉस्ट फैन भी चलाएं

पंखे चलाते समय खिड़की जरूर खोलकर रखें और एग्जॉस्ट फैन भी चलाएं, ताकि वेंटिलेशन बना रहे। 




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