Fir Registered Against Sir Gangaram Hospital For Flouting Icmr Testing Norms – दिल्लीः सर गंगा राम अस्पताल पर कोरोना जांच के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के आरोप में एफआईआर दर्ज




सर गंगा राम अस्पताल
– फोटो : अमर उजाला

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दिल्ली सरकार ने शनिवार को सर गंगा राम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज कराई है। अस्पताल पर आईसीएमआर द्वारा जारी कोरोना वायरस जांच के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के आरोप हैं। इस मामले में दिल्ली सरकार ने अस्पताल को तीन जून को आदेश भी दिए थे। अस्पताल पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

आदेश में दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल को तुरंत कोरोना वायरस की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सैंपल लेने से मना किया था। उसी दिन दिल्ली सरकार ने घोषणा भी की थी कि 675 बेड की व्यवस्था वाले अस्पताल को अपनी क्षमता के 80 प्रतिशत बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित रखने हैं।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के अस्पतालों पर कोरोना मरीजों का इलाज न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे थे। इस पर शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने कहा था कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बेड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने मरीजों को भर्ती ना करने वाले अस्पतालों को भी चेतावनी दी।

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दिल्ली सरकार ने हर निजी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए हुए हैं। केजरीवाल ने शनिवार को मीडिया के सामने कहा कि अगर अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना करते हैं तो हम उन पर सख्त कार्रवाई करेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शहर के कुछ निजी अस्पतालों पर बेड की कालाबाजारी का आरोप लगाया। इसके साथ ही यह आदेश भी जारी कर दिया कि किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज का इलाज करने से कोई अस्पताल इनकार नहीं कर सकता।

केजरीवाल बोले- संदिग्ध है तो मान लो उसे कोरोना है, करो उसका इलाज
केजरीवाल ने कहा कि हमें ये सुनने में आया है कि किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है और उसका कोरोना टेस्ट नहीं हुआ होता है तो अस्पताल उसे लेने से इनकार कर देते हैं। अस्पताल कहते हैं कि पहले टेस्ट करा कर आओ। इस पर केजरीवाल ने पूछा कि वो कहां से टेस्ट कराएगा, अस्पताल ही तो उसका टेस्ट कराएंगे। केजरीवाल ने अस्पतालों को आदेश जारी किया कि पहले आप उन्हें भर्ती कीजिए, ऑक्सीजन की व्यवस्था कीजिए और बाद में उनका टेस्ट कराइए।

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अगर वह पॉजिटिव निकलते हैं तो उनका कोरोना मरीजों की तरह पूरा इलाज करें। उन्होंने कहा कि कोई भी अस्पताल कोरोना संदिग्ध मरीज का इलाज करने से इनकार नहीं कर सकता है। उसका टेस्ट हुआ हो या नहीं सबसे पहले उसे इलाज उपलब्ध कराया जाएगा फिर उसका टेस्ट कराया जाएगा। हमारा उद्देश्य लोगों की जान बचाना है।

पत्रकार वार्ता की शुरुआत केजरीवाल ने एक शख्स की आपबीती से की जो कुछ समय पहले ही उनसे मिला था। उस शख्स ने उन्हें बताया कि वह एक निजी अस्पताल में गया और उसने कोरोना मरीज के लिए बेड की मांग की तो अस्पताल ने मना कर दिया। जब उस शख्स ने मिन्नतें कीं तो अस्पताल ने उससे दो लाख रुपये मांगे। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ।

केजरीवाल ने कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि सभी निजी अस्पताल ऐसा कर रहे हैं। लेकिन चंद अस्पताल ऐसे हैं जो महामारी के दौर में भी मरीजों से दो-पांच लाख मांग कर बेड की कालाबाजारी कर रहे हैं। 

केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि ज्यादातर अस्पताल बहुत अच्छे हैं, लेकिन दो-चार कालाबाजारी कर रहे हैं। हमने बीते मंगलवार को एप लॉन्च कर सारी जानकारी सार्वजनिक कर दी। फिर भी कुछ अस्पताल बदमाशी कर रहे हैं। लोगों से कह रहे हैं कि बेड नहीं हैं। 

दिल्ली के चंद अस्पताल बेहद शक्तिशाली हैं, वह धमकी दे रहे हैं कि हम कोरोना के मरीज नहीं लेंगे। उनकी पहुंच सभी पार्टियों में है। बता दें कि अगर किसी ने मरीजों का इलाज करने से मना किया तो हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। हमने कुछ अफसरों को बैठाया है वह सभी निजी अस्पतालों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सभी के मालिकों से बात हो रही है। उनसे उनकी परेशानी भी पूछी जा रही है। जो समस्या है उसे खत्म करने की कोशिश हो रही है।

दिल्ली सरकार ने शनिवार को सर गंगा राम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज कराई है। अस्पताल पर आईसीएमआर द्वारा जारी कोरोना वायरस जांच के दिशा-निर्देशों का पालन न करने के आरोप हैं। इस मामले में दिल्ली सरकार ने अस्पताल को तीन जून को आदेश भी दिए थे। अस्पताल पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

आदेश में दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल को तुरंत कोरोना वायरस की जांच के लिए आरटी-पीसीआर सैंपल लेने से मना किया था। उसी दिन दिल्ली सरकार ने घोषणा भी की थी कि 675 बेड की व्यवस्था वाले अस्पताल को अपनी क्षमता के 80 प्रतिशत बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित रखने हैं।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के अस्पतालों पर कोरोना मरीजों का इलाज न करने और लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे थे। इस पर शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने कहा था कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बेड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने मरीजों को भर्ती ना करने वाले अस्पतालों को भी चेतावनी दी।

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दिल्ली सरकार ने हर निजी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए हुए हैं। केजरीवाल ने शनिवार को मीडिया के सामने कहा कि अगर अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना करते हैं तो हम उन पर सख्त कार्रवाई करेंगे।


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