न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Thu, 23 Apr 2020 08:02 AM IST
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कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि हैकिंग का शिकार हुए दोनों लोग जूम एप का इस्तेमाल कर रहे थे। दोनों को हैकरों ने एक ईमेल भेजकर उनके कंप्यूटर का बहुत सारा डाटा एनक्रिप्ट (कंप्यूटर में ही फाइल को कूट भाषा में सिक्योर कर देना) कर देने की जानकारी दी।
हैकरों ने इस डाटा को वापस करने के लिए बिटकॉइन में भुगतान करने के लिए कहा। ईमेल में बिटकॉइन खरीदने के लिए एक वेबसाइट लिंक भी शेयर किया गया था। अधिकारी के मुताबिक, हैकरों ने अपनी मांग पूरी नहीं करने पर उनका डाटा हमेशा के लिए खत्म कर देने की धमकी भी दी।
उन्होंने बताया कि एक शिकायतकर्ता ने उसे फाइलों को डिक्रिप्ट (कूट भाषा खत्म करना) करने के लिए 1000 डॉलर के बिटकॉइन का भुगतान करने का आदेश दिया। अधिकारी के मुताबिक, साइबर क्राइम विभाग के अलावा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को भी इस मामले में जांच चालू करने को कहा गया है।
अधिकारी ने कहा, हम लोग इस बात की जांच कर रहे हैं इस अपराध में जूम एप का कैसे इस्तेमाल किया गया है। साथ ही हम हैकरों की तरफ से ईमेल में भेजे गए लिंक की भी जांच कर रहे हैं। इससे हमें कुछ जानकारी मिल सकती है।
जमकर इस्तेमाल हो रहा जूम एप
जूम एप के वीडियो कॉलिंग प्लेटफार्म का देश में लॉकडाउन चालू होने के बाद से जमकर उपयोग हो रहा है। बहुत सारे स्कूल इसके जरिए अपनी ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं, जबकि बहुत सारी निजी कंपनियां इसी पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना कामकाज निपटा रही हैं।
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर ने 16 अप्रैल को इस एप का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं होने और डाटा चोरी होने की संभावना वाली एडवाइजरी जारी की थी। कई अन्य देश भी इस एप के उपयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगा चुके हैं।