अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Fri, 24 Apr 2020 05:47 AM IST
कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन से आई रैपिड जांच किट्स के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इससे संबंधित कोई जवाब नहीं दिया। इन किट्स की गुणवत्ता में खामी पाए जाने के बाद इनसे जांच पर दो दिन की रोक लगा दी गई थी जिसकी समयसीमा बृहस्पतिवार को पूरी हो गई लेकिन आईसीएमआर की ओर से अभी तक राज्यों को लिखित दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिन राज्यों के पास ये किट्स उपलब्ध हैं, वे इनका इस्तेमाल करें या नहीं।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव से रैपिड जांच के पिछले दो दिन में फील्ड जांच की स्थिति और जांच करने वाले आठ संस्थानों की पहचान को लेकर सवाल किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के स्तर का पता लगाने के लिए साढ़े पांच लाख एंटी बॉडी रैपिड जांच किट्स पिछले हफ्ते ही चीन से मिली थी। दो दिन इनका वितरण करने के बाद कुछ राज्य में निगरानी शुरू हुई लेकिन शाम तक इनके परिणाम गड़बड़ दिखाई देने लगे। पश्चिम बंगाल सरकार की शिकायत पर आईसीएमआर ने कहा कि शायद सही तापमान पर किट्स नहीं रखी होंगी, इसलिए परिणाम गलत आ रहे हैं।
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने यहां तक कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार को रैपिड जांच किट्स 20 डिग्री से कम तापमान में रखने के लिए कहा है जबकि अगले ही दिन उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों से शिकायत मिलने के बाद तीन और राज्य से जानकारी ली गई थी। आरटी पीसीआर और रैपिड जांच में 71 फीसदी तक अंतर मिलने की वजह से दो दिन तक इसे रोकने का फैसला लिया गया है।
आठ संस्थान मिलकर फील्ड में जांच करने के बाद बताएंगे कि आगे क्या करना है। 23 अप्रैल को दो दिन पूरे होने पर जब डॉ. गंगाखेड़कर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फिलहाल कुछ भी जानकारी साझा नहीं कर पाने की बात कही।
सार
- चीन से आई किट्स की गुणवत्ता में गड़बड़ी मिलने पर लगाई गई थी दो दिन की रोक
- आईसीएमआर ने नहीं दिए निर्देश, आज हो सकता है फैसला
- बृहस्पतिवार को पूरी हो गई समयसीमा
विस्तार
कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन से आई रैपिड जांच किट्स के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इससे संबंधित कोई जवाब नहीं दिया। इन किट्स की गुणवत्ता में खामी पाए जाने के बाद इनसे जांच पर दो दिन की रोक लगा दी गई थी जिसकी समयसीमा बृहस्पतिवार को पूरी हो गई लेकिन आईसीएमआर की ओर से अभी तक राज्यों को लिखित दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिन राज्यों के पास ये किट्स उपलब्ध हैं, वे इनका इस्तेमाल करें या नहीं।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव से रैपिड जांच के पिछले दो दिन में फील्ड जांच की स्थिति और जांच करने वाले आठ संस्थानों की पहचान को लेकर सवाल किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के स्तर का पता लगाने के लिए साढ़े पांच लाख एंटी बॉडी रैपिड जांच किट्स पिछले हफ्ते ही चीन से मिली थी। दो दिन इनका वितरण करने के बाद कुछ राज्य में निगरानी शुरू हुई लेकिन शाम तक इनके परिणाम गड़बड़ दिखाई देने लगे। पश्चिम बंगाल सरकार की शिकायत पर आईसीएमआर ने कहा कि शायद सही तापमान पर किट्स नहीं रखी होंगी, इसलिए परिणाम गलत आ रहे हैं।
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने यहां तक कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार को रैपिड जांच किट्स 20 डिग्री से कम तापमान में रखने के लिए कहा है जबकि अगले ही दिन उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों से शिकायत मिलने के बाद तीन और राज्य से जानकारी ली गई थी। आरटी पीसीआर और रैपिड जांच में 71 फीसदी तक अंतर मिलने की वजह से दो दिन तक इसे रोकने का फैसला लिया गया है।
आठ संस्थान मिलकर फील्ड में जांच करने के बाद बताएंगे कि आगे क्या करना है। 23 अप्रैल को दो दिन पूरे होने पर जब डॉ. गंगाखेड़कर से संपर्क किया गया तो उन्होंने फिलहाल कुछ भी जानकारी साझा नहीं कर पाने की बात कही।
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