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कोरोना वायरस से राहत मिलने तक शिक्षण संस्थान खोलना मुश्किल है। ऐसे में शैक्षिक सत्र 2020-21 कैसे और कब शुरू होगा, इसकी तैयारियों व संभावनाओं को लेकर विशेषज्ञों की कमेटी रिपोर्ट बना रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, अकादमिक सत्र 2020 देरी से शुरू होने पर पाठ्यक्रम थोड़ा कम करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए विशेषज्ञों की अगल-अलग कमेटी गठित कर रखी हैं। स्कूल स्तर पर तीन भाग नर्सरी से 5वीं, छठी से आठवीं और 9वीं से 12वीं कक्षा बनाए गए हैं।
इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम पर आधारित अकादमिक सत्र 2020 का कलेंडर बन रहा है। इसमें तय होगा कि कौन सी कक्षा को कैसे, कितना, कितने विषय, पाठ आदि पढ़ने हैं और परीक्षा कैसे आयोजित करनी है आदि।
सूत्रों का कहना है कि 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के पाठ्यक्रम में अधिक छेड़छाड़ नहीं होगी। इन कक्षाओं के रिजल्ट के आधार पर आगे विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलता है। हालांकि गैरजरूरी पाठ्यक्रम कम हो सकता है। उम्मीद है कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक सभी कमेटियां अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगी।
कमेटियां विभिन्न राज्य सरकारों के शिक्षा विभाग के साथ-साथ विशेषज्ञों से भी सुझाव ले रही हैं। भारत में स्कूली शिक्षा में सत्र 1 अप्रैल से 31 मार्च तक सत्र चलता है। उच्च शिक्षण संस्थानों में 21 जुलाई से जून तक अकादमिक सत्र माना जाता है।
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