ट्रेनें मई की शुरुआत से ही शुरू हो चुकी हैं और सोमवार से देश के विभिन्न इलाकों के लिए उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी। इसके लिए हवाई अड्डों पर भी कड़े दिशा-निर्देशों के साथ तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। करीब दो महीने के बाद विमानों की उड़ानों के लिए हवाई अड्डों पर अब नए नियम और कानून के साथ बहुत कुछ बदल जाएगा। हवाई अड्डों पर दो मीटर की दूरी और टचलेस सिस्टम फॉलो किया जाएगा ताकि लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हवाई अड्डे की एंट्री गेट और चेक-इन जैसे स्थानों पर यात्रियों के लिए ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजर मशीन, फ्लोर मार्कर सहित कई व्यवस्थाएं की गई हैं।
कुछ राज्यों ने किया विरोध
फिलहाल विमानों को दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, गुवाहाटी, गोवा, उत्तराखंड जैसे कुछ राज्यों में ही उड़ान भरने की अनुमति होगी क्योंकि छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों ने अपने प्रदेशों में इसकी अनुमति नहीं दी है। वहीं, महाराष्ट्र ने पहले इनकार किया था लेकिन रविवार शाम को रोजाना 25 टेक ऑफ और 25 लैंडिंग की इजाजत दे दी।
Maharashtra govt has agreed to allow 25 take offs and 25 landings everyday for domestic flights from Mumbai. This number will be increased gradually. State govt will issue details and guidelines in this regard soon: Maharashtra Minister Nawab Malik. (File pic) pic.twitter.com/VnctP8YpK5
— ANI (@ANI) May 24, 2020
बंगाल ने जहां अम्फान चक्रवात की वजह से उड़ानों की इजाजत नहीं दी है, वहीं झारखंड और छत्तीसगढ़ ने कोरोना के खतरे की वजह से विमानों के उड़ान को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
कहां-कहां विमान भरेंगे उड़ान
बंगलूरू हवाईअड्डे से 215 विमान उड़ान भरेंगे, जबकि चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से घरेलू उड़ान के लिए शुरुआत में सात विमान उड़ान भरेंगे। 27 मई से दो और विमान सेवा के लिए जुड़ जाएंगी, जबकि एक जून से चार और विमान जुड़ेंगे। वहीं, जम्मू में सोमवार को नौ विमान पहुंचेंगे। इसमें श्रीनगर से तीन, दिल्ली से चार, मुंबई और ग्वालियर से एक-एक विमान यहां पहुंचेंगे। दिल्ली में सबसे अधिक 380 विमान उड़ान भरेंगे।
उड़ान योजना के तहत उड़ानें होंगी शुरू
वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, उड़ान योजना के तहत मंत्रालय ने उड़ानें शुरू करने का फैसला लिया है। प्राथमिकता उत्तर-पूर्व क्षेत्र, पहाड़ी इलाकों, द्वीप और छोटे रूट को जोड़ने वाली उड़ानों को दी जाएगी।