Coronavirus: Indian Army Decides To Put Personnel Classified In Green, Yellow And Red Categories – कोरोना: भारतीय सेना ने कर्मियों को ‘हरे, पीले व लाल’ श्रेणियों में बांटा, जानें इसके पीछे का कारण




भारतीय सेना ने कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए सैन्यकर्मियों को तीन श्रेणियों में बांटने का फैसला किया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग सिस्टम कायम हो सके।

सेना ने छुट्टी, अस्थायी ड्यूटी और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से लौटने वाले अपने कर्मियों को ‘हरे, पीले और लाल’ की तीन श्रेणियों में रखने का फैसला किया है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उपाय किए गए हैं।

नए निर्देशों के तहत, सेना मुख्यालय ने अभियान चलाने के लिए अहम उत्तरी कमान के सभी रैंक के अधिकारियों और सेना चिकित्सा कोर, सेना दंत कोर तथा सेना नर्सिंग सेवा के कर्मियों को  ‘शीर्ष प्राथमिकता’ के वर्ग में रखा है। सेना चिकित्सा कोर, सेना दंत कोर तथा सेना नर्सिंग सेवा के कई कर्मी संक्रमण का इलाज करने वाली विभिन्न टीमों का हिस्सा हैं।

जिन कर्मियों को शीर्ष प्राथमिकता में रखा गया है, उनमें वे सैनिक भी शामिल हैं जिनकी इकाई या स्टेशन उनके अवकाश स्थान से 500 किलोमीटर के दायरे में हैं और वह सड़क से वहां पहुंच सकते हैं।

सभी को ड्यूटी शुरू करने के बाद 14 दिनों के क्वारंटीन में जाना होगा
अपने सभी बेस, प्रतिष्ठानों और फॉर्मेशन को भेजे निर्देश में सेना ने कहा है कि सभी कर्मियों को ड्यूटी शुरू करने के बाद 14 दिन के क्वारंटीन में जाना जरूरी है और उन्हें ‘पीली’ श्रेणी में रखा जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि 14 दिन का  क्वारंटीन पूरा करने के बाद कर्मियों को ‘हरी’ श्रेणी में रखा जाएगा और जिनमें लक्षण दिखेंगे और उन्हें पृथक करने की जरुरत होगी। ऐसे कर्मियों को ‘लाल’ श्रेणी में रखा जाएगा।

पिछले कुछ हफ्तों में सेना मुख्यालय ने 13 लाख कर्मियों वाली मजबूत फौज को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। देश में कोविड-19 से 540 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 17000 से अधिक मामले हैं। सेना के भी आठ कर्मी संक्रमित पाए गए हैं।

नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, वे सभी कर्मी जो छुट्टी, अस्थायी ड्यूटी और पाठ्यक्रम से लौट रहे हैं, उन्हें पीली श्रेणी में रखा जाएगा और उन्हें रिपोर्टिंग स्टेशन या इकाई में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करना होगा। इसके बाद इन कर्मियों को सेना की गाड़ी या विशेष ट्रेनों से रिपोर्टिंग स्टेशन से ड्यूटी स्टेशन या इकाई में भेजा जाएगा।  

अगर कोई कर्मी सैन्य अधिकारियों की निगरानी में नहीं जाता है तो उसे फिर से ‘पीली’ श्रेणी में समझा जाएगा और उसे फिर से 14 दिन के क्वारंटीन में जाना होगा। निर्देशों के मुताबिक, पूर्वी कमान के सभी रैंक के अधिकारियों और अन्य कमान की अहम नियुक्तियों को दूसरे उच्चतर प्राथमिकता वर्ग में रखा गया है।




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