जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या चार लाख के करीब पहुंच गई है। वहीं, दुनियाभर में इस खतरनाक वायरस से 70 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
चीन ने कहा है कि वह भविष्य में कोरोना वायरस की वैक्सीन के परीक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस को लेकर दक्षिण एशिया का यह देश वैक्सीन निर्माण में लगा हुआ है।
यह भी पढ़ें: सामाजिक दूरी के लिए तैयार किया गया अनोखा जूता, लोगों के बीच रखेगा डेढ़ मीटर का फासला
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा इकट्ठा किए गए डाटा के अनुसार, चीन के शोधकर्ताओं द्वारा मानव शरीर पर पांच अलग-अलग क्लीनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं और यह दुनियाभर में हो रहे परीक्षणों की आधी संख्या है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने डब्लूएचओ के प्रबंधक निकाय वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में इस बात को लेकर वादा किया कि यदि चीन द्वारा तैयार की गई वैक्सीन प्रयोग के लिए उपयोगी होगी तो वह उसे विश्व बिरादरी के लिए सार्वजनिक करेंगे। साथ ही यह विकासशील देशों में वैक्सीन की पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने में चीन का योगदान होगा।
चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री वांग झींगंग ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हमारे प्रयास में वैक्सीन तैयार करना हमारी मौलिक रणनीति है। उन्होंने कहा कि लेकिन वैक्सीन को तैयार करना बहुत कठिन और अधिक समय लेने वाला काम है।
संवाददाता सम्मेलन में राज्य परिषद सूचना कार्यालय द्वारा जारी एक श्वेत पत्र में, चीन की सरकार ने वैश्विक सहयोग की बात को दोहराया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वायरस को लेकर उंगलियां उठाने और इसके राजनीतिकरण का विरोध करना चाहिए। हालांकि, इस दौरान चीन ने किसी देश का नाम नहीं लिया। लेकिन उसका इशारा अमेरिका की तरफ था।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन लगातार चीन पर वायरस की जानकारी छिपाने और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगा रहा है। श्वेत पत्र के अनुसार, चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के प्रमुख ने अपने अमेरिकी समकक्ष को चार जनवरी की शुरुआत में तत्कालीन अज्ञात वायरस के बारे में बताया था।