Corona Virus Vaccine To Be Tested On Ten Thousand People In Britain, Preparations Begin – ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वैक्सीन का दस हजार लोगों पर होगा परीक्षण, तैयारी शुरू




ख़बर सुनें

ब्रिटेन में दस हजार लोगों पर कोरोना वैक्सीन (टीके) के परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों की तरफ से तैयार प्रायोगिक टीके का परीक्षण अगले चरण में प्रवेश कर गया है। अगर यह सफल होता है तो पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों समेत 10,026 लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।

दरअसल पिछले महीने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने टीके का प्रभाव और सुरक्षा जांच करने के लिए एक हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स पर परीक्षण शुरू किया था। टीका विकसित करने में जुटी टीम के प्रमुख एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, चिकित्सीय अध्ययन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।  हम बुजुर्गों पर भी टीके का परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह पूरी आबादी को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।

गौरतलब है कि दवा निर्माता एस्ट्राजिनसा ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ टीके की 40 करोड़ खुराक के लिए करार किया है। टीके के विकास, उत्पादन और वितरण के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है।

कोरोना वायरस के इलाज के लिए करीब एक दर्जन टीके मानव पर परीक्षण शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में हैं या शुरू होने वाले हैं। इनमें से अधिकतर चीन, अमेरिका और यूरोप के हैं और दर्जनों अन्य टीके विकास के शुरुआती दौर में हैं।

टीके में चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की तरफ से तैयार टीके में नुकसान नहीं पहुंचाने वाले चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसे बदलाव किए गए हैं ताकि शरीर कोरोना से लड़ने वाले प्रोटीन से लैस हो जाए। चीनी कंपनी भी इसी तरह का टीका विकसित कर रही है। इसके अलावा अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मोर्डेना इंक और इनवियो फार्मास्युटिकल भी टीका विकसित करने में जुटी हैं।

कंपनियों और सरकारों के लिए जुए की तरह

माना जा रहा है कि कंपनियों और सरकारों के लिए यह जुए की तरह है। अगर यह असफल होता है तो बड़ी राशि की बर्बादी होगी लेकिन सौभाग्य से सफल होने पर कुछ महीनों में ही बड़े पैमाने पर लोगों को टीके देने की शुरुआत हो सकती है।

ब्रिटेन में दस हजार लोगों पर कोरोना वैक्सीन (टीके) के परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों की तरफ से तैयार प्रायोगिक टीके का परीक्षण अगले चरण में प्रवेश कर गया है। अगर यह सफल होता है तो पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों समेत 10,026 लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।

दरअसल पिछले महीने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने टीके का प्रभाव और सुरक्षा जांच करने के लिए एक हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स पर परीक्षण शुरू किया था। टीका विकसित करने में जुटी टीम के प्रमुख एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, चिकित्सीय अध्ययन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।  हम बुजुर्गों पर भी टीके का परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह पूरी आबादी को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।

गौरतलब है कि दवा निर्माता एस्ट्राजिनसा ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ टीके की 40 करोड़ खुराक के लिए करार किया है। टीके के विकास, उत्पादन और वितरण के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है।

कोरोना वायरस के इलाज के लिए करीब एक दर्जन टीके मानव पर परीक्षण शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में हैं या शुरू होने वाले हैं। इनमें से अधिकतर चीन, अमेरिका और यूरोप के हैं और दर्जनों अन्य टीके विकास के शुरुआती दौर में हैं।

टीके में चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की तरफ से तैयार टीके में नुकसान नहीं पहुंचाने वाले चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसे बदलाव किए गए हैं ताकि शरीर कोरोना से लड़ने वाले प्रोटीन से लैस हो जाए। चीनी कंपनी भी इसी तरह का टीका विकसित कर रही है। इसके अलावा अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मोर्डेना इंक और इनवियो फार्मास्युटिकल भी टीका विकसित करने में जुटी हैं।

कंपनियों और सरकारों के लिए जुए की तरह

माना जा रहा है कि कंपनियों और सरकारों के लिए यह जुए की तरह है। अगर यह असफल होता है तो बड़ी राशि की बर्बादी होगी लेकिन सौभाग्य से सफल होने पर कुछ महीनों में ही बड़े पैमाने पर लोगों को टीके देने की शुरुआत हो सकती है।




Source link

Leave a comment