Corona Virus: Icmr Dr R Gangakhedkar Speaks On Hydroxychloroquinn – Covid-19: हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के साइड इफेक्ट पर आईसीएमआर कर रहा है अध्ययन




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 18 Apr 2020 10:45 PM IST

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शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कोरोना वायरस से लड़ाई में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल के सवाल पर आईसीएमआर के आर गंगाखेड़कर ने विस्तार से इसे समझाया। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके साइड इफेक्ट पर भी अध्ययन किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वयं ही एंटी-मलेरिया दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले ली थी, लेकिन इन लोगों में साइड इफेक्ट दिखे हैं। इनमें पेट संबंधी दर्द, उल्टी और कम ब्लड शुगर के लक्षण दिखे हैं। डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि आईसीएमआर ने इन लोगों पर अध्ययन शुरू किया है।  
 
डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि इनकी औसत उम्र 35 साल है और इनपर की गई स्टडी में पता चला कि इनमें सबसे सामान्य लक्षण था पेट दर्द। 10 फीसदी लोगों को पेट दर्द हुआ। 6 फीसदी लोगों को उल्टी आने जैसी शिकायत हुई। बाकी लक्षण कम अनुपात में थे। 1.3 फीसदी लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लग शुगर कम) था।      

इन स्वास्थ्यकर्मियों में से 22 फीसदी को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और सांस से जुड़ी बीमारी थी। 14 फीसदी लोगों ने खुद का ईसीजी भी नहीं निकाला था। ध्यान देने की जरूरत है कि स्वास्थ्यकर्मी विभिन्न साइटों से दवाएं ले रहे हैं। उसका असर स्टडी पर होता है। इसीलिए हमें होमोजीनस पॉपुलेशन मिलने में दिक्कत आ रही है जिसकी इसमें खास जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की स्डटी ऑब्जरवेशनल यानी कोहर्ट है। कोई ट्रायल नहीं कर रहे हैं। क्योंकि ट्रायल के लिए फिलहाल बेस नहीं है। इसमें करीब 480 मरीज शामिल हैं और ये आठ हफ्ते चलेगा। लॉकडाउन का समय है इसलिए ज्यादा वक्त भी लग सकता है। 
 

शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कोरोना वायरस से लड़ाई में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल के सवाल पर आईसीएमआर के आर गंगाखेड़कर ने विस्तार से इसे समझाया। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके साइड इफेक्ट पर भी अध्ययन किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वयं ही एंटी-मलेरिया दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले ली थी, लेकिन इन लोगों में साइड इफेक्ट दिखे हैं। इनमें पेट संबंधी दर्द, उल्टी और कम ब्लड शुगर के लक्षण दिखे हैं। डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि आईसीएमआर ने इन लोगों पर अध्ययन शुरू किया है।  
 
डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि इनकी औसत उम्र 35 साल है और इनपर की गई स्टडी में पता चला कि इनमें सबसे सामान्य लक्षण था पेट दर्द। 10 फीसदी लोगों को पेट दर्द हुआ। 6 फीसदी लोगों को उल्टी आने जैसी शिकायत हुई। बाकी लक्षण कम अनुपात में थे। 1.3 फीसदी लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लग शुगर कम) था।      

इन स्वास्थ्यकर्मियों में से 22 फीसदी को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और सांस से जुड़ी बीमारी थी। 14 फीसदी लोगों ने खुद का ईसीजी भी नहीं निकाला था। ध्यान देने की जरूरत है कि स्वास्थ्यकर्मी विभिन्न साइटों से दवाएं ले रहे हैं। उसका असर स्टडी पर होता है। इसीलिए हमें होमोजीनस पॉपुलेशन मिलने में दिक्कत आ रही है जिसकी इसमें खास जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की स्डटी ऑब्जरवेशनल यानी कोहर्ट है। कोई ट्रायल नहीं कर रहे हैं। क्योंकि ट्रायल के लिए फिलहाल बेस नहीं है। इसमें करीब 480 मरीज शामिल हैं और ये आठ हफ्ते चलेगा। लॉकडाउन का समय है इसलिए ज्यादा वक्त भी लग सकता है। 
 




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