Corona Suspect Was Not Let Down From Ambulance For Two Hours Dead In Lucknow – कोरोना संक्रमित को लेकर दो घंटे धूप में खड़ी रही एंबुलेंस, पीड़ित ने तड़पकर तोड़ा दम




प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Social media

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नगराम में मुंबई से आए बुखार पीड़ित प्रवासी की रविवार सुबह क्वारंटीन सेंटर में हालत बिगड़ गई। एंबुलेंस से उसे पहले नजदीकी सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे बलरामपुर रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस उसे लेकर बलरामपुर अस्पताल गई। यहां पर स्टॉफ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानकर एंबुलेंस से नीचे ही नहीं उतारा। दो घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। नाराज परिवारजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को पैक कराकर मर्च्युरी में रखवा दिया है। वहीं नमूना जांच को भेजा गया है। यह दूसरा मामला है कि जब राजधानी के क्वारंटीन सेंटरों में ठहरे प्रवासी की संदिग्ध हालात में मौत हुई है। 

नगराम के बहरौली गांव का रहने वाला ताज मोहम्मद (45) गत 10 मई को लखनऊ आया था। उसके बाद से वह गांव के बाहर बने क्वारंटीन सेंटर में था। भतीजे फैज ने बताया कि शनिवार रात उसे तेज बुखार आया। परिवारीजनों ने पैरासिटामॉल दवा खिला दी। रविवार सुबह अचानक उसकी हालत और बिगड़ गई। एंबुलेंस से उसे पहले गोसाईगंज सीएचसी ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया। 

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सुबह करीब 11 बजे एंबुलेंस उसे लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंची, जहां पर डॉक्टर व स्टॉफ ने कोरोना का संदिग्ध मानकर उसे एंबुलेंस से नीचे तक नहीं उतारा। भतीजे फैज अहमद का आरोप है कि वह भर्ती के लिए डॉक्टर व स्टॉफ से गुहार लगाता रहा, मगर कोई सुनवाई न हुई। इस दौरान भीषण गर्मी में एंबुलेंस में पड़े प्रवासी ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। 

घटना से नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को सील कराकर मर्च्युरी में रखवा दिया। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि तीमारदार के आरोप बेबुनियाद है। मरीज को प्राथमिक उपचार दिया गया था। उसकी हालत गंभीर थी, जिसकी वजह से मौत हुई।

मौत के बाद भी एक घंटे एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना संदिग्ध रोगी की मौत के बाद भी उसका शव एंबुलेंस में ही पड़ा रहा। भतीजे का आरोप है कि एक घंटे बाद सफाईकर्मी आए और शव को सील किया गया। 

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इससे पहले काकोरी के क्वारंटीन सेंटर में हुई थी प्रवासी की मौत
काकोरी के सिमरामऊ निवासी सूरज (22) पुत्र गुड्डू छह दिन पूर्व हरियाणा से आया था। उसे गांव के बाहर बने स्कूल में क्वारंटीन किया गया था। तभी से वह बीमार चल रहा था। गत मंगलवार देर शाम उसे तेज बुखार आया। केजीएमयू ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई थी। हालांकि बाद में उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से अफसरों ने राहत की सांस ली थी।

नगराम में मुंबई से आए बुखार पीड़ित प्रवासी की रविवार सुबह क्वारंटीन सेंटर में हालत बिगड़ गई। एंबुलेंस से उसे पहले नजदीकी सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे बलरामपुर रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस उसे लेकर बलरामपुर अस्पताल गई। यहां पर स्टॉफ ने उसे कोरोना संदिग्ध मानकर एंबुलेंस से नीचे ही नहीं उतारा। दो घंटे तक एंबुलेंस में पड़ा तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई। नाराज परिवारजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को पैक कराकर मर्च्युरी में रखवा दिया है। वहीं नमूना जांच को भेजा गया है। यह दूसरा मामला है कि जब राजधानी के क्वारंटीन सेंटरों में ठहरे प्रवासी की संदिग्ध हालात में मौत हुई है। 

नगराम के बहरौली गांव का रहने वाला ताज मोहम्मद (45) गत 10 मई को लखनऊ आया था। उसके बाद से वह गांव के बाहर बने क्वारंटीन सेंटर में था। भतीजे फैज ने बताया कि शनिवार रात उसे तेज बुखार आया। परिवारीजनों ने पैरासिटामॉल दवा खिला दी। रविवार सुबह अचानक उसकी हालत और बिगड़ गई। एंबुलेंस से उसे पहले गोसाईगंज सीएचसी ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया। 

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सुबह करीब 11 बजे एंबुलेंस उसे लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंची, जहां पर डॉक्टर व स्टॉफ ने कोरोना का संदिग्ध मानकर उसे एंबुलेंस से नीचे तक नहीं उतारा। भतीजे फैज अहमद का आरोप है कि वह भर्ती के लिए डॉक्टर व स्टॉफ से गुहार लगाता रहा, मगर कोई सुनवाई न हुई। इस दौरान भीषण गर्मी में एंबुलेंस में पड़े प्रवासी ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। 

घटना से नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया। मौके पर पहुंचे अफसरों ने शव को सील कराकर मर्च्युरी में रखवा दिया। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि तीमारदार के आरोप बेबुनियाद है। मरीज को प्राथमिक उपचार दिया गया था। उसकी हालत गंभीर थी, जिसकी वजह से मौत हुई।

मौत के बाद भी एक घंटे एंबुलेंस में पड़ा रहा शव
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना संदिग्ध रोगी की मौत के बाद भी उसका शव एंबुलेंस में ही पड़ा रहा। भतीजे का आरोप है कि एक घंटे बाद सफाईकर्मी आए और शव को सील किया गया। 

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इससे पहले काकोरी के क्वारंटीन सेंटर में हुई थी प्रवासी की मौत
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