घरेलू विमान सेवाओं का संचालन तकरीबन दो महीने लॉकडाउन रहने के बाद सोमवार से फिर चालू हो रहा है, लेकिन यात्रियों पर लागू होने वाले क्वारंटीन नियमों को लेकर रविवार देर रात तक भी असमंजस के हालात बने हुए थे। माना जा रहा है कि इसके चलते कम ही मार्गों पर हवाई सेवाओं की शुरुआत होगी और ज्यादातर राज्यों में एयरपोर्ट पर कामकाज चालू होने में देरी हो सकती है।
दरअसल यात्रियों और विमान लेकर आने वाले पायलटों व केबिन क्रू के लिए विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग तरह के क्वारंटीन नियम बनाए हैं। इससे एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। वैसे तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू हवाई सेवा, रेलवे और सड़क यात्रा के लिए अपनी गाइडलाइंस जारी की थी। लेकिन मंत्रालय ने राज्यों को भी क्वारंटीन व आइसोलेशन को लेकर अपने आकलन के हिसाब से प्रोटोकॉल तय करने की छूट दी थी। इसी से भ्रम पैदा हो रहा है।
प्रमुख एयरलाइंस एयरएशिया ने रविवार को ट्विटर के जरिये अपने यात्रियों के लिए सलाह जारी की। ट्वीट में लिखा, सभी यात्रियों को उस राज्य के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को पढ़ लेना चाहिए, जहां उनकी यात्रा पूरी हो रही है। यात्रियों को क्वारंटीन किए जाने या अन्य ऐसे किसी खर्च की स्थिति में एयरलाइंस किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं होगी।
बहुत सारे पायलटों और उनके फर्स्ट ऑफिसरों ने भी विमान स्टाफ से जुड़े क्वारंटीन नियमों को लेकर स्पष्टता नहीं होने पर चिंता जताई है। उनमें से से अधिकतर क्वारंटीन प्रक्रिया, अपनी व परिवार की सुरक्षा और महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में उड़ान भरने को लेकर चिंतित दिखाई दिए। एक पायलट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, मुझे अब तक स्पष्ट नहीं है कि वापस अपने बेस लौटने पर मुझे 14 दिन के होम क्वारंटीन पर रहने की जरूरत है या सोमवार को ड्यूटी पर पेश होना है।
एयरलाइंस स्टाफ की मांग, केंद्र स्पष्ट करे स्थिति
कई एयरलाइंस के बहुत सारे अधिकारियों ने कहा, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट घरेलू विमानों के संचालन में अहम हिस्सेदारी रखते हैं। ऐसे में ऑपरेटरों को केंद्र सरकार से क्वारंटीन को लेकर बढ़ते जा रहे भ्रम पर स्थिति स्पष्ट किए जाने की उम्मीद है। एक कम बजट वाली एयरलाइंस के एक्जीक्यूटिव ने कहा, क्वारंटीन और मुंबई व कोलकाता जाने वाले विमानों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है, क्योंकि ये हमारी बुकिंग को प्रभावित कर रहे हैं। ज्यादातर यात्री ऐसे माहौल में टिकट बुक कराने में अनिच्छा दिखा रहे हैं।
मंत्रालय और कंपनियों ने की बैठक
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रविवार शाम को कई एयरलाइंस और कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं है, जिनमें यात्रियों के लिए क्वारंटीन नियमों और प्रमुख हवाई अड्डों के लिए एसओपी जैसे कई विवादास्पद मुद्दों को शामिल किया गया था। हालांकि बैठक में क्या नतीजा निकला, इस पर इन अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा।
घरेलू विमान सेवाओं का संचालन तकरीबन दो महीने लॉकडाउन रहने के बाद सोमवार से फिर चालू हो रहा है, लेकिन यात्रियों पर लागू होने वाले क्वारंटीन नियमों को लेकर रविवार देर रात तक भी असमंजस के हालात बने हुए थे। माना जा रहा है कि इसके चलते कम ही मार्गों पर हवाई सेवाओं की शुरुआत होगी और ज्यादातर राज्यों में एयरपोर्ट पर कामकाज चालू होने में देरी हो सकती है।
दरअसल यात्रियों और विमान लेकर आने वाले पायलटों व केबिन क्रू के लिए विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग तरह के क्वारंटीन नियम बनाए हैं। इससे एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। वैसे तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घरेलू हवाई सेवा, रेलवे और सड़क यात्रा के लिए अपनी गाइडलाइंस जारी की थी। लेकिन मंत्रालय ने राज्यों को भी क्वारंटीन व आइसोलेशन को लेकर अपने आकलन के हिसाब से प्रोटोकॉल तय करने की छूट दी थी। इसी से भ्रम पैदा हो रहा है।
प्रमुख एयरलाइंस एयरएशिया ने रविवार को ट्विटर के जरिये अपने यात्रियों के लिए सलाह जारी की। ट्वीट में लिखा, सभी यात्रियों को उस राज्य के स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को पढ़ लेना चाहिए, जहां उनकी यात्रा पूरी हो रही है। यात्रियों को क्वारंटीन किए जाने या अन्य ऐसे किसी खर्च की स्थिति में एयरलाइंस किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं होगी।
बहुत सारे पायलटों और उनके फर्स्ट ऑफिसरों ने भी विमान स्टाफ से जुड़े क्वारंटीन नियमों को लेकर स्पष्टता नहीं होने पर चिंता जताई है। उनमें से से अधिकतर क्वारंटीन प्रक्रिया, अपनी व परिवार की सुरक्षा और महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में उड़ान भरने को लेकर चिंतित दिखाई दिए। एक पायलट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, मुझे अब तक स्पष्ट नहीं है कि वापस अपने बेस लौटने पर मुझे 14 दिन के होम क्वारंटीन पर रहने की जरूरत है या सोमवार को ड्यूटी पर पेश होना है।
एयरलाइंस स्टाफ की मांग, केंद्र स्पष्ट करे स्थिति
कई एयरलाइंस के बहुत सारे अधिकारियों ने कहा, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट घरेलू विमानों के संचालन में अहम हिस्सेदारी रखते हैं। ऐसे में ऑपरेटरों को केंद्र सरकार से क्वारंटीन को लेकर बढ़ते जा रहे भ्रम पर स्थिति स्पष्ट किए जाने की उम्मीद है। एक कम बजट वाली एयरलाइंस के एक्जीक्यूटिव ने कहा, क्वारंटीन और मुंबई व कोलकाता जाने वाले विमानों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है, क्योंकि ये हमारी बुकिंग को प्रभावित कर रहे हैं। ज्यादातर यात्री ऐसे माहौल में टिकट बुक कराने में अनिच्छा दिखा रहे हैं।
मंत्रालय और कंपनियों ने की बैठक
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रविवार शाम को कई एयरलाइंस और कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं है, जिनमें यात्रियों के लिए क्वारंटीन नियमों और प्रमुख हवाई अड्डों के लिए एसओपी जैसे कई विवादास्पद मुद्दों को शामिल किया गया था। हालांकि बैठक में क्या नतीजा निकला, इस पर इन अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा।
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