न्यूज डेस्क, अमर उजाला, डीडीहाट(पिथौरागढ़)
Updated Thu, 04 Jun 2020 08:44 PM IST
लद्दाख के बाद ड्रैगन अब लिपुपास में भी माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। चीनी सैनिक पिछले कुछ दिनों से भारत की ओर झंडे लहराकर सीमा पर बने भारत के टिन शेडों को हटाने की चेतावनी दे रहे हैं। चीनी सैनिकों की ऐसी हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
पिथौरागढ़ जिले के लिपुपास में भारत और चीन की सीमाओं का विभाजन होता है। लिपुपास से कैलाश यात्रा और भारत चीन व्यापार का संचालन होता है। पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्री और व्यापारी लिपुपास से ही चीन में प्रवेश करते हैं।
यह भी पढ़ें: चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर तैयार हुआ 100 फीट लंबा बैली ब्रिज, कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी सुगम
पिछले वर्ष तक जून में कैलाश यात्रा शुरू होते ही भारतीय सुरक्षा बल यात्रियों और व्यापारियों को लिपुपास तक पहुंचाते थे, जहां से चीनी सैनिक सामान आदि की जांच पड़ताल के बाद यात्रियों और व्यापारियों को तकलाकोट की ओर से जाने की अनुमति देते थे।
इस बार कोरोना के कारण कैलाश यात्रा शुरू नहीं हो पाई। लेकिन चीन के सैनिकों ने इस बार सीमा पर उकसाने वाली हरकतें शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से चीनी सैनिक भारत की ओर झंडे लहरा रहे हैं।
झंडों पर चीनी भाषा में भारतीय सीमा पर लगभग 200 मीटर भीतर सैनिकों और यात्रियों के विश्राम के लिए बनाए गए हट्स को हटाने की चेतावनी लिखी गई है। चीनी सैनिकों के हाथों में जो बैनर है, उनमें इस स्थान को विवादित बताया गया है। सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिक ऐसा लगभग तीन बार कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीमा पर गश्त बढ़ा दी है और जवानों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सार
- झंडे दिखाकर भारतीय सीमा में बने टिन शेडों को हटाने की धमकी दे रहे चीनी सैनिक
- चीन की इस हरकत के बाद सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी
- सैनिकों और यात्रियों के विश्राम के लिए बनाए गए हट्स पर चीनी भाषा में लिखी चेतावनी
विस्तार
लद्दाख के बाद ड्रैगन अब लिपुपास में भी माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। चीनी सैनिक पिछले कुछ दिनों से भारत की ओर झंडे लहराकर सीमा पर बने भारत के टिन शेडों को हटाने की चेतावनी दे रहे हैं। चीनी सैनिकों की ऐसी हरकतों को देखते हुए सुरक्षा बलों ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
पिथौरागढ़ जिले के लिपुपास में भारत और चीन की सीमाओं का विभाजन होता है। लिपुपास से कैलाश यात्रा और भारत चीन व्यापार का संचालन होता है। पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्री और व्यापारी लिपुपास से ही चीन में प्रवेश करते हैं।
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पिछले वर्ष तक जून में कैलाश यात्रा शुरू होते ही भारतीय सुरक्षा बल यात्रियों और व्यापारियों को लिपुपास तक पहुंचाते थे, जहां से चीनी सैनिक सामान आदि की जांच पड़ताल के बाद यात्रियों और व्यापारियों को तकलाकोट की ओर से जाने की अनुमति देते थे।
तीन बार ऐसी हरकत कर चुके चीनी सैनिक
इस बार कोरोना के कारण कैलाश यात्रा शुरू नहीं हो पाई। लेकिन चीन के सैनिकों ने इस बार सीमा पर उकसाने वाली हरकतें शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से चीनी सैनिक भारत की ओर झंडे लहरा रहे हैं।
झंडों पर चीनी भाषा में भारतीय सीमा पर लगभग 200 मीटर भीतर सैनिकों और यात्रियों के विश्राम के लिए बनाए गए हट्स को हटाने की चेतावनी लिखी गई है। चीनी सैनिकों के हाथों में जो बैनर है, उनमें इस स्थान को विवादित बताया गया है। सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिक ऐसा लगभग तीन बार कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि सीमा पर गश्त बढ़ा दी है और जवानों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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