न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 15 May 2020 11:33 PM IST
देश में लॉकडाउन 4.0 की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को चौथे लॉकडाउन के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा से पहले अधिकारियों के साथ बैठक की।कोरोना वायरस के खतरे के चलते देश चौथे लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है। सोमवार से लॉकडाउन 4.0 लागू होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को करीब पांच घंटे के लिए नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में गृह सचिव अजय भल्ला सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठक कीं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी लॉकडाउन 4.0 के दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
इसी दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिख कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सड़कों पर या रेलवे ट्रैक पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही न हो। भल्ला ने राज्यों को निर्देश दिया कि प्रवासी मजदूरों को विशेष बसों या श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से रवाना किया जाए।
यदि प्रवासी श्रमिक सड़कों पर पैदल चलते पाए जाते हैं, तो उन्हें पास के आश्रय गृह में ले जाया जाए और उनके भोजन-पानी की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को ऊपर होगी। राज्यों की जिम्मेदारी होगी कि वे फंसे हुए प्रवासी कामगारों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करें जो अपने गृह राज्यों में जाने के इच्छुक हैं। सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।
देश में लॉकडाउन 4.0 की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को चौथे लॉकडाउन के लिए दिशानिर्देशों की घोषणा से पहले अधिकारियों के साथ बैठक की।कोरोना वायरस के खतरे के चलते देश चौथे लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है। सोमवार से लॉकडाउन 4.0 लागू होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को करीब पांच घंटे के लिए नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में गृह सचिव अजय भल्ला सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठक कीं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी लॉकडाउन 4.0 के दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।
इसी दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिख कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सड़कों पर या रेलवे ट्रैक पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही न हो। भल्ला ने राज्यों को निर्देश दिया कि प्रवासी मजदूरों को विशेष बसों या श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से रवाना किया जाए।
यदि प्रवासी श्रमिक सड़कों पर पैदल चलते पाए जाते हैं, तो उन्हें पास के आश्रय गृह में ले जाया जाए और उनके भोजन-पानी की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को ऊपर होगी। राज्यों की जिम्मेदारी होगी कि वे फंसे हुए प्रवासी कामगारों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करें जो अपने गृह राज्यों में जाने के इच्छुक हैं। सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।
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