America: Unemployment Reached Record Level Of 80 Years, Made Usa The Center Of Global Epidemic – अमेरिका में 80 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची बेरोजगारी, एक लाख से भी ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत




अमर उजाला नेटवर्क, वाशिंगटन
Updated Thu, 28 May 2020 02:05 AM IST

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दुनिया में जहां कोरोना महामारी के मृतकों की संख्या 3.52 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, वहीं अमेरिका इसका एपिसेंटर यानी संक्रमण का नया केंद्र बन गया है। यहां अब तक 1,00,700 लोग जान गंवा चुके हैं। इस बीच, कोरोना संकट के चलते करीब 3.86 करोड़ अमेरिकी बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसी के साथ अमेरिका में बेरोजगारी 80 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की निदेशक केरिसा इटिन ने अमेरिका के नए एपिसेंटर बनने की बात कहते हुए बताया कि मौजूदा समय अमेरिका में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों में ढील देने का नहीं है। खासतौर पर ऐसे समय पर जबकि ब्राजील और लैटिन अमेरिकी देशों में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने ब्राजील में लंबे समय तक बुरे हालात बने रहने की चेतावनी भी दी। इस बीच, अमेरिका में बेरोजगारी की दर 14.7 फीसदी के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। हालातों से निपटने और बाजार में खरीददारी बढ़ाने के मकसद से अमेरिकी श्रम मंत्रालय बेरोजगारों के खाते में सीधी रकम भत्ते के बतौर दे रहा है। सरकार ने कंपनियों से ऐसे कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है जो बुलाने के बावजूद नौकरी पर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि भत्ते का मकसद नौकरी से हुए नुकसान की भरपाई है न कि इस पर निर्भरता बनाना।

भत्ता देने को मजबूर हुए कई देश

कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में छायी घोर मंदी को देखते हुए कई देश बेरोजगारों और अस्थायी कर्मचारियों को काम न मिलने के चलते भत्ता देने को मजबूर हो गए हैं। इनमें फ्रांस ने कर्मचारियों को उनके वेतन का 84 फीसदी भत्ता और आम मजदूरों को 100 फीसदी भत्ता दिया है। स्पेन ने सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन और अस्थायी कामगारों को भत्ता देने का आदेश दिया है। ब्रिटेन ने कर्मचारियों को भुगतान के लिए 80 फीसदी सरकारी फंड का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है जबकि कनाडा, ग्रीस, जापान और नॉर्वे की सरकारें भी बेरोजगारों और कर्मचारियों को भत्ते दे रही हैं।

फ्रांस : इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदी पर 13 हजार डॉलर की छूट

फ्रांसीसी सरकार देश को यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों का नंबर-1 निर्माता बनाना चाहती है। इसके लिए उसने घोषणा की है कि जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदना चाहते हैं वह सरकार से 13 हजार डॉलर तक की मदद ले सकते हैं। यह राशि सब्सिडी योजना के तहत मिलेगी। वहीं, सरकार ने देश के कार उद्योग को लॉकडाउन से हुए भारी नुकसान से बचाने के लिए कंपनियों को 8.8 अरब डॉलर की मदद देने की भी घोषणा की। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, हमारा देश अपनी महान कार कंपनियों के बिना पूरा नहीं हो सकता। हमारा मकसद 2025 तक 10 लाख इलेक्ट्रॉनिक कार बनाने का है।

दुनिया में जहां कोरोना महामारी के मृतकों की संख्या 3.52 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, वहीं अमेरिका इसका एपिसेंटर यानी संक्रमण का नया केंद्र बन गया है। यहां अब तक 1,00,700 लोग जान गंवा चुके हैं। इस बीच, कोरोना संकट के चलते करीब 3.86 करोड़ अमेरिकी बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसी के साथ अमेरिका में बेरोजगारी 80 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की निदेशक केरिसा इटिन ने अमेरिका के नए एपिसेंटर बनने की बात कहते हुए बताया कि मौजूदा समय अमेरिका में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों में ढील देने का नहीं है। खासतौर पर ऐसे समय पर जबकि ब्राजील और लैटिन अमेरिकी देशों में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने ब्राजील में लंबे समय तक बुरे हालात बने रहने की चेतावनी भी दी। इस बीच, अमेरिका में बेरोजगारी की दर 14.7 फीसदी के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। हालातों से निपटने और बाजार में खरीददारी बढ़ाने के मकसद से अमेरिकी श्रम मंत्रालय बेरोजगारों के खाते में सीधी रकम भत्ते के बतौर दे रहा है। सरकार ने कंपनियों से ऐसे कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है जो बुलाने के बावजूद नौकरी पर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि भत्ते का मकसद नौकरी से हुए नुकसान की भरपाई है न कि इस पर निर्भरता बनाना।

भत्ता देने को मजबूर हुए कई देश

कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में छायी घोर मंदी को देखते हुए कई देश बेरोजगारों और अस्थायी कर्मचारियों को काम न मिलने के चलते भत्ता देने को मजबूर हो गए हैं। इनमें फ्रांस ने कर्मचारियों को उनके वेतन का 84 फीसदी भत्ता और आम मजदूरों को 100 फीसदी भत्ता दिया है। स्पेन ने सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन और अस्थायी कामगारों को भत्ता देने का आदेश दिया है। ब्रिटेन ने कर्मचारियों को भुगतान के लिए 80 फीसदी सरकारी फंड का इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है जबकि कनाडा, ग्रीस, जापान और नॉर्वे की सरकारें भी बेरोजगारों और कर्मचारियों को भत्ते दे रही हैं।

फ्रांस : इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदी पर 13 हजार डॉलर की छूट

फ्रांसीसी सरकार देश को यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों का नंबर-1 निर्माता बनाना चाहती है। इसके लिए उसने घोषणा की है कि जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदना चाहते हैं वह सरकार से 13 हजार डॉलर तक की मदद ले सकते हैं। यह राशि सब्सिडी योजना के तहत मिलेगी। वहीं, सरकार ने देश के कार उद्योग को लॉकडाउन से हुए भारी नुकसान से बचाने के लिए कंपनियों को 8.8 अरब डॉलर की मदद देने की भी घोषणा की। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, हमारा देश अपनी महान कार कंपनियों के बिना पूरा नहीं हो सकता। हमारा मकसद 2025 तक 10 लाख इलेक्ट्रॉनिक कार बनाने का है।




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