मलेशिया में सियासी उठापटक के बीच पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को उनकी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। बृहस्पतिवार को ‘बरसातू’ पार्टी से महातिर और उनके बेटे के साथ तीन अन्य वरिष्ठ सदस्यों को निकाल दिया गया। हालांकि, 94 साल के महातिर ने कहा है कि वो पार्टी के इस कदम को चुनौती देंगे।
बता दें कि इस साल फरवरी महीने में महातिर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद मोहिउद्दीन यासीन को प्रधानमंत्री बनाया गया। खास बात यह है कि मोहिउद्दीन यासीन, उनकी ही पार्टी के सदस्य हैं, जिन्हें विरोध के बावजूद पीएम बनाया गया था। इसके बाद से ही पार्टी में दरार पड़ गई और पार्टी दो धड़ों में बंट गई।
इस दौरान पार्टी अध्यक्ष के लिए महातिर के बेटे मुखरिज महातिर ने मोहिउद्दीन को चुनौती दी है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण अध्यक्ष पद के लिए होने वाला चुनाव टल गया है।
पार्टी से बर्खास्त किए जाने के बाद महातिर, उनके बेटे और चार अन्य सदस्यों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘बरसातू अध्यक्ष ने बिना किसी ठोस कारण हमें बर्खास्त किया है। यह एकतरफा कदम पार्टी चुनाव को लेकर उनके डर को दर्शाता है। अस्थिर प्रधानमंत्री के रूप में मोहिउद्दीन ने अपनी असुरक्षित स्थिति के कारण यह कदम उठाया है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का यह कदम गलत है और वे इसके खिलाफ मोहिउद्दीन को चुनौती देंगे। इसके लिए वे कानूनी कदम भी उठा सकते हैं।
मलेशिया में सत्ता को लेकर उठापटक तब शुरू हुआ जब महातिर और अनवर इब्राहिम का सत्तारूढ़ “पैक्ट ऑफ होप” गठबंधन टूट गया। बता दें कि इसी गठबंधन ने दो साल पहले नजीब रजाक की सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
इसके बाद महातिर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे पीएम पद के लिए दौड़ शुरू हुई। यहां यासीन ने जीत हासिल की। उनके गठबंधन में मलय मुस्लिम बहुसंख्यकों की संख्या ज्यादा है।
मलेशिया में सियासी उठापटक के बीच पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को उनकी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। बृहस्पतिवार को ‘बरसातू’ पार्टी से महातिर और उनके बेटे के साथ तीन अन्य वरिष्ठ सदस्यों को निकाल दिया गया। हालांकि, 94 साल के महातिर ने कहा है कि वो पार्टी के इस कदम को चुनौती देंगे।
बता दें कि इस साल फरवरी महीने में महातिर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद मोहिउद्दीन यासीन को प्रधानमंत्री बनाया गया। खास बात यह है कि मोहिउद्दीन यासीन, उनकी ही पार्टी के सदस्य हैं, जिन्हें विरोध के बावजूद पीएम बनाया गया था। इसके बाद से ही पार्टी में दरार पड़ गई और पार्टी दो धड़ों में बंट गई।
इस दौरान पार्टी अध्यक्ष के लिए महातिर के बेटे मुखरिज महातिर ने मोहिउद्दीन को चुनौती दी है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के कारण अध्यक्ष पद के लिए होने वाला चुनाव टल गया है।
पार्टी से बर्खास्त किए जाने के बाद महातिर, उनके बेटे और चार अन्य सदस्यों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘बरसातू अध्यक्ष ने बिना किसी ठोस कारण हमें बर्खास्त किया है। यह एकतरफा कदम पार्टी चुनाव को लेकर उनके डर को दर्शाता है। अस्थिर प्रधानमंत्री के रूप में मोहिउद्दीन ने अपनी असुरक्षित स्थिति के कारण यह कदम उठाया है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का यह कदम गलत है और वे इसके खिलाफ मोहिउद्दीन को चुनौती देंगे। इसके लिए वे कानूनी कदम भी उठा सकते हैं।
मलेशिया में सत्ता को लेकर उठापटक तब शुरू हुआ जब महातिर और अनवर इब्राहिम का सत्तारूढ़ “पैक्ट ऑफ होप” गठबंधन टूट गया। बता दें कि इसी गठबंधन ने दो साल पहले नजीब रजाक की सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
इसके बाद महातिर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे पीएम पद के लिए दौड़ शुरू हुई। यहां यासीन ने जीत हासिल की। उनके गठबंधन में मलय मुस्लिम बहुसंख्यकों की संख्या ज्यादा है।
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