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योगेश ने अपने समय में सबसे बेहतरीन फिल्मकार रहे ऋषिकेश मुखर्जी, बासु चटर्जी आदि के साथ खूब काम किया है। हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म ‘आनंद’ के लिए भी उन्होंने गीत लिखे हैं। उनके लिखे सबसे बेहतरीन गीतों में ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’, ‘रिमझिम गिरे सावन’, ‘कई बार यूं ही देखा है’, ‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’ आदि शामिल हैं।
योगेश का जन्म 19 मार्च 1943 में उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में हुआ था। वह जब बेरोजगार थे तब उन्होंने काम की तलाश में मुंबई आना ही उचित समझा। यहां उनके चचेरे भाई एक स्क्रीनप्ले निर्देशक हुआ करते थे। उन्हीं के साथ योगेश ने भी काम करना शुरू कर दिया। लिखना शुरू करने के साथ ही योगेश ने कई बेहतरीन गीत लिखे जिन्हें सिनेमा के बेहतरीन गायकों ने अपनी आवाज दी। योगेश सिर्फ गीतों तक ही सीमित नहीं थे। उन्होंने फिल्मों के अलावा कई टीवी धारावाहिकों की कहानी भी लिखी।
योगेश गौर की मुख्य फिल्मों में ‘मिली’, ‘आजा मेरी जान’, ‘मंजिलें और भी हैं’, ‘बातों-बातों में’, ‘रजनीगंधा’, ‘मंजिल’ और ‘बेवफा सनम’ सहित अन्य हैं।
योगेश गौर
– फोटो : अमर उजाला