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सार
- चीनी सेना ने हर चुनौती के मुकाबले के लिए कसी कमर, खुद को और मजबूत करने में लगी
- कोरोना को लेकर अमेरिका समेत कई देशों के निशाने पर है चीन, संभावित खतरे को देखकर तैयारियां
विस्तार
चीनी सेना के प्रवक्ता वू जियान ने कहा है कि चीन के आर्थिक विकास से ही वहां की रक्षा तैयारियों और तरक्की को देखा जाना चाहिए। चीन में जिस तरह रक्षा बजट में इजाफा हुआ है, वो दरअसल वहां की आर्थिक तरक्की और सेना की जरूरतों को देखते हुए किया गया है। जियान ने कहा है कि इस समय दुनिया के तमाम देश खुद को नेतृत्वकारी भूमिका में लाने और सत्ता विस्तार के खेल में लगे हुए हैं। यह प्रवृत्ति समय समय पर दिखती रहती है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। चीन में भी आंतरिक सुरक्षा और बाहरी देशों की चीन में बढ़ती दिलचस्पी जैसे खतरे नजर आ रहे हैं। ऐसे वक्त में चीनी सेना और सुरक्षा को लेकर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी सेना की जरूरतें और जिम्मेदारियां लगातार बढ़ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भी चीनी सेना की भूमिका होती है और ताइवान, सोमालिया जैसे देशों में भी चीनी सेना अपनी अहम भूमिका का जिक्र करती है।
दरअसल कोरोना के कहर के बाद से चीन को लेकर दुनिया भर में जो नजरिया बदला है और अमेरिका समेत तमाम देश चीन को इसका मुख्य गुनहगार करार दे रहे हैं, इससे चीन को भीतर ही भीतर आने वाले खतरों का एहसास हो रहा है और वह इन चुनौतियों के मद्देनज़र अपनी सेना को मजबूत करने और रक्षा तैयारियों को और बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।