वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हांगकांग
Updated Sun, 24 May 2020 04:30 PM IST
हांगकांग में विरोध प्रदर्शन
– फोटो : BBC
चीन द्वारा प्रस्तावित विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर हांगकांग में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं चीन भी इन प्रदर्शनों की दबाने की पूरी कोशिश कर रहा है। रविवार को भी चीन के इस विवादित कानून के खिलाफ हांगकांग में सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों पर स्थानीय पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों द्वारा चीन और उसके इस विवादित व सख्त कानून के खिलाफ कड़ा विरोध हो रहा है। चीन के इस कानून की वजह से यहां की स्वायत्तता और नागरिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ने की आशंका है। इसी को लेकर रविवार दोपहर को काले कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारी मशहूर शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट कॉजवे बे में एकत्रित हुए और प्रस्तावित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। लेकिन जुलूस के आगे बढ़ने से पहले ही वहां पर मौजूद पुलिस ने इसे अवैध करार देते हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।
इस प्रदर्शन के दौरान वहां के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता टैम टैक-ची को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं आलोचकों ने चीन के इस विवादित कानून को ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं’ की रूपरेखा के खिलाफ बताते हुए ‘हांगकांग के साथ एकजुट’, ‘हांगकांग को आजाद करो’ और ‘हमारे दौर की क्रांति’ जैसे नारे लगाए।
चीन की राष्ट्रीय संसद में शुक्रवार को शुरू हुए सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना बताया गया। वहीं रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक बार फिर से माहौल को गर्म करते हुए कहा ‘हांगकांग सुरक्षा कानून’ को बिना किसी देरी के लागू किया जाना चाहिए।
इससे पहले गुरुवार को चीन ने घोषणा की कि वह शहर की विधायिका को दरकिनार करते हुए हांगकांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाने की योजना बना रहा है, जिसमें बीजिंग के खिलाफ राजद्रोह, अलगाव और तोड़फोड़ पर प्रतिबंध लगाने की उम्मीद है। यह मुख्य भूमि चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पहली बार शहर में संचालित करने में सक्षम करेगा। इस घोषणा ने हांगकांग में विपक्षी सांसदों, मानवाधिकार समूहों और कई अंतरराष्ट्रीय सरकारों से तत्काल नाराजगी जताई।
चीन द्वारा प्रस्तावित विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर हांगकांग में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं चीन भी इन प्रदर्शनों की दबाने की पूरी कोशिश कर रहा है। रविवार को भी चीन के इस विवादित कानून के खिलाफ हांगकांग में सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों पर स्थानीय पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों द्वारा चीन और उसके इस विवादित व सख्त कानून के खिलाफ कड़ा विरोध हो रहा है। चीन के इस कानून की वजह से यहां की स्वायत्तता और नागरिक स्वतंत्रता खतरे में पड़ने की आशंका है। इसी को लेकर रविवार दोपहर को काले कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारी मशहूर शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट कॉजवे बे में एकत्रित हुए और प्रस्तावित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। लेकिन जुलूस के आगे बढ़ने से पहले ही वहां पर मौजूद पुलिस ने इसे अवैध करार देते हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।
इस प्रदर्शन के दौरान वहां के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता टैम टैक-ची को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं आलोचकों ने चीन के इस विवादित कानून को ‘एक देश, दो व्यवस्थाओं’ की रूपरेखा के खिलाफ बताते हुए ‘हांगकांग के साथ एकजुट’, ‘हांगकांग को आजाद करो’ और ‘हमारे दौर की क्रांति’ जैसे नारे लगाए।
चीन की राष्ट्रीय संसद में शुक्रवार को शुरू हुए सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना बताया गया। वहीं रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक बार फिर से माहौल को गर्म करते हुए कहा ‘हांगकांग सुरक्षा कानून’ को बिना किसी देरी के लागू किया जाना चाहिए।
इससे पहले गुरुवार को चीन ने घोषणा की कि वह शहर की विधायिका को दरकिनार करते हुए हांगकांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाने की योजना बना रहा है, जिसमें बीजिंग के खिलाफ राजद्रोह, अलगाव और तोड़फोड़ पर प्रतिबंध लगाने की उम्मीद है। यह मुख्य भूमि चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पहली बार शहर में संचालित करने में सक्षम करेगा। इस घोषणा ने हांगकांग में विपक्षी सांसदों, मानवाधिकार समूहों और कई अंतरराष्ट्रीय सरकारों से तत्काल नाराजगी जताई।
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