Central Govt Prepare Infrastructure To Treat 10 Lakh Coronavirus Patients In Country Within Two Month – भारत के पास 10 लाख कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मौजूद है बुनियादी ढांचा: रिपोर्ट




देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

ख़बर सुनें

केंद्र सरकार का कहना है कि उसके पास देश में 10 लाख कोविड-19 मरीजों (समर्पित अस्पताल) का इलाज करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा मौजूद है। राज्य सरकारों की मदद से दो महीने के लॉकडाउन के अंदर इस उपलब्धि को हासिल किया गया है।
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल का कहना है कि दो महीने पहले जब देश में वायरस का प्रकोप शुरू हुआ तब देश में बीमारी के लिए एक अलग समर्पित अस्पताल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे पास देश में ऐसे 1,093 अस्पताल हैं।’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन अस्पतालों में 1,85,306 बेड हैं जिसमें से  31,250 गहन देखभाल कक्ष हैं। इन समर्पित अस्पतालों में वेंटिलेटर भी है। इसी तरह, 2,402 कोविड-19 स्वास्थ्य सेवा केंद्र हैं। जो रोगी गंभीर स्थिति में नहीं हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, उनका यहां इलाज किया जाता है।

देश में 7,013 कोविड-19 देखभाल केंद्र भी हैं जिनमें लगभग 6.5 लाख बेड हैं। यहां उन मरीजों का इलाज किया जाएगा जिनमें हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं या उन्हें वायरस का प्रसार रोकने के लिए आइसोलेशन में रखा गया है। संयुक्त रूप से तीनों श्रेणियों में बेड की संख्या 9.74 लाख है। यदि इनमें सशस्त्र सेना की स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 10 लाख पर पहुंच जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में इलाज के लिए वेंटिलेटर की जरूरत है उनकी संख्या पांच प्रतिशत से कम है। 95 प्रतिशत में से केवल उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। लगभग 80 प्रतिशत मरीजों को आइसोलेशन की आवश्यकता होती है।

मंत्रालय का कहना है कि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। वर्तमान में 41 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं और 59 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं। इसी बीच सरकार ने चौथे चरण के लॉकडाउन में नियमों में काफी ढील दे दी है ताकि अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन हमेशा नहीं रहेगा और हमें कोविड-19 के साथ रहना सीखना होगा।

केंद्र सरकार का कहना है कि उसके पास देश में 10 लाख कोविड-19 मरीजों (समर्पित अस्पताल) का इलाज करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा मौजूद है। राज्य सरकारों की मदद से दो महीने के लॉकडाउन के अंदर इस उपलब्धि को हासिल किया गया है।

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल का कहना है कि दो महीने पहले जब देश में वायरस का प्रकोप शुरू हुआ तब देश में बीमारी के लिए एक अलग समर्पित अस्पताल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे पास देश में ऐसे 1,093 अस्पताल हैं।’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन अस्पतालों में 1,85,306 बेड हैं जिसमें से  31,250 गहन देखभाल कक्ष हैं। इन समर्पित अस्पतालों में वेंटिलेटर भी है। इसी तरह, 2,402 कोविड-19 स्वास्थ्य सेवा केंद्र हैं। जो रोगी गंभीर स्थिति में नहीं हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, उनका यहां इलाज किया जाता है।

देश में 7,013 कोविड-19 देखभाल केंद्र भी हैं जिनमें लगभग 6.5 लाख बेड हैं। यहां उन मरीजों का इलाज किया जाएगा जिनमें हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं या उन्हें वायरस का प्रसार रोकने के लिए आइसोलेशन में रखा गया है। संयुक्त रूप से तीनों श्रेणियों में बेड की संख्या 9.74 लाख है। यदि इनमें सशस्त्र सेना की स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 10 लाख पर पहुंच जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में इलाज के लिए वेंटिलेटर की जरूरत है उनकी संख्या पांच प्रतिशत से कम है। 95 प्रतिशत में से केवल उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। लगभग 80 प्रतिशत मरीजों को आइसोलेशन की आवश्यकता होती है।

मंत्रालय का कहना है कि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। वर्तमान में 41 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं और 59 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं। इसी बीच सरकार ने चौथे चरण के लॉकडाउन में नियमों में काफी ढील दे दी है ताकि अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन हमेशा नहीं रहेगा और हमें कोविड-19 के साथ रहना सीखना होगा।




Source link

Leave a comment