न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 22 May 2020 12:28 AM IST
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
– फोटो : amar ujala
बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक का सफर करने वाली 15 साल की ज्योति को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक लाख रुपए देने की घोषणा की है।
अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर दरभंगा तक जाने वाली ज्योति जब मीडिया के मार्फत सुर्खियों में आई तो उसके हौसले की हर तरफ चर्चा हुई। अखिलेश ने ज्योति की उस वायरल तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया है जिसमें उसे एक लाख रुपए देने की बात है।
उधर, मीडिया की सुर्खी बन जाने के बाद भारतीय साइक्लिंग महासंघ भी ज्योति पर इनायत करने जा रहा है। खबर है कि भारतीय साइक्लिंग महासंघ आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली ज्योति को अगले महीने विशेष ट्रायल का मौका देने जा रहा है।
अगर वह मानकों पर खरी उतरी तो उसे दिल्ली में स्थित एशिया की सबसे आधुनिक साइकिल अकादमी में विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार ज्योति लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर एक हजार किमी से ज्यादा की दूरी सात दिन में तय करके हरियाणा के गुरुग्राम से अपने गृहप्रदेश बिहार पहुंच गई थी। ज्योति ने पिता को साइकिल पर बिठाकर रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई।
मोहन पासवान गुरुग्राम में किराये पर ऑटोरिक्शा चलाते हैं लेकिन वह चोटिल हो गए थे। उन्होंने ऑटो भी वाहनमालिक को लौटा दिया था। आय का कोई साधन नहीं था तब बेटी के दिए हौसले से पिता ने पुरानी साइकिल ली और बेटी ने पिता को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी ली और बड़ी बहादुरी से निभाई भी।
कम्पूयटर पर देंगी ट्रायल
सीएफआई के चेयरमैन ओंकार सिंह ने कहा कि अगर वह हमारे मापदंड पर खरी उतरती है तो उसकी पूरी सहायता करेंगे। हमने इस बहादुर लड़की से बात की है। उसे बताया गया है कि जैसे ही लॉकडाउन खत्म होता है, जल्द से जल्द उसे दिल्ली बुलाया जाएगा। यदि वह किसी अन्य को अपने साथ लाना चाहती हैं तो उसकी अनुमति भी है।
यात्रा वह अन्य खर्च सीएफआई उठाएगा। उसे अकादमी में कम्पूयटराइज्ड साइकिल पर बिठाया जाएगा। हम देखेंगे कि क्या वह चयन के हमारे सात और आठ पैरामीटर को पास कर पाती है। हमारे पास 14-15 आयुवर्ग में 10 साइक्लिस्ट हैं।
07 : दिन में 1200 किमी का सफर तय किया 15 साल की लड़की ने
ज्योति में निश्चित रूप से कुछ खास है। 1200 किमी साइकिल चलाना कोई आसान काम नहीं है। पंद्रह साल की इस लड़की में शारीरिक ताकत और स्टेमिना है। हम उसी का परीक्षण करेंगे।
-ओंकार सिंह, चेयरमैन सीएफआई
सार
अखिलेश ने ज्योति की उस वायरल तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया है जिसमें उसे एक लाख रुपए देने की बात है
मीडिया की सुर्खी बन जाने के बाद भारतीय साइक्लिंग महासंघ भी ज्योति पर इनायत करने जा रहा है
भारतीय साइक्लिंग महासंघ आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली ज्योति को अगले महीने विशेष ट्रायल का मौका देने जा रहा है
विस्तार
बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक का सफर करने वाली 15 साल की ज्योति को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक लाख रुपए देने की घोषणा की है।
अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर दरभंगा तक जाने वाली ज्योति जब मीडिया के मार्फत सुर्खियों में आई तो उसके हौसले की हर तरफ चर्चा हुई। अखिलेश ने ज्योति की उस वायरल तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया है जिसमें उसे एक लाख रुपए देने की बात है।
उधर, मीडिया की सुर्खी बन जाने के बाद भारतीय साइक्लिंग महासंघ भी ज्योति पर इनायत करने जा रहा है। खबर है कि भारतीय साइक्लिंग महासंघ आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली ज्योति को अगले महीने विशेष ट्रायल का मौका देने जा रहा है।
अगर वह मानकों पर खरी उतरी तो उसे दिल्ली में स्थित एशिया की सबसे आधुनिक साइकिल अकादमी में विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार ज्योति लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर एक हजार किमी से ज्यादा की दूरी सात दिन में तय करके हरियाणा के गुरुग्राम से अपने गृहप्रदेश बिहार पहुंच गई थी। ज्योति ने पिता को साइकिल पर बिठाकर रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई।
ऑटो चलाने वाले पिता खुद थे चोटिल
मोहन पासवान गुरुग्राम में किराये पर ऑटोरिक्शा चलाते हैं लेकिन वह चोटिल हो गए थे। उन्होंने ऑटो भी वाहनमालिक को लौटा दिया था। आय का कोई साधन नहीं था तब बेटी के दिए हौसले से पिता ने पुरानी साइकिल ली और बेटी ने पिता को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी ली और बड़ी बहादुरी से निभाई भी।
कम्पूयटर पर देंगी ट्रायल
सीएफआई के चेयरमैन ओंकार सिंह ने कहा कि अगर वह हमारे मापदंड पर खरी उतरती है तो उसकी पूरी सहायता करेंगे। हमने इस बहादुर लड़की से बात की है। उसे बताया गया है कि जैसे ही लॉकडाउन खत्म होता है, जल्द से जल्द उसे दिल्ली बुलाया जाएगा। यदि वह किसी अन्य को अपने साथ लाना चाहती हैं तो उसकी अनुमति भी है।
यात्रा वह अन्य खर्च सीएफआई उठाएगा। उसे अकादमी में कम्पूयटराइज्ड साइकिल पर बिठाया जाएगा। हम देखेंगे कि क्या वह चयन के हमारे सात और आठ पैरामीटर को पास कर पाती है। हमारे पास 14-15 आयुवर्ग में 10 साइक्लिस्ट हैं।
07 : दिन में 1200 किमी का सफर तय किया 15 साल की लड़की ने
ज्योति में निश्चित रूप से कुछ खास है। 1200 किमी साइकिल चलाना कोई आसान काम नहीं है। पंद्रह साल की इस लड़की में शारीरिक ताकत और स्टेमिना है। हम उसी का परीक्षण करेंगे।
-ओंकार सिंह, चेयरमैन सीएफआई
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