Devendra Fadnavis & Other Party Leaders Stage Protest, Demand State Govt To Announce Package  – भाजपा ने शुरू किया ‘महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन’, फडणवीस सहित कई नेताओं ने किया प्रदर्शन




पार्टी नेताओं के साथ प्रदर्शन करते देवेंद्र फडणवीस
– फोटो : ANI

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महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे सरकार पर कोरोना को नियंत्रित करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने शुक्रवार को ‘महाराष्ट्र बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत की। जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के अन्य नेताओं ने राज्य भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य सरकार से किसानों, मजदूरों और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में मंत्रियों के आवास के बाहर तख्तियां लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही लोग घरों की छतों पर अपने आंगन में दो गज दूरी बनाते हुए काले कपड़े पहन कर या काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

फडणवीस ने कहा कि संकट के इस दौर में हम राजनीति नहीं करना चाहते। लेकिन, जब जनता में कोरोना संकट लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे समय में चुप रहना भी मुमकिन नहीं है। फडणवीस ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट में राज्य की जनता को राहत देने के लिए अभी तक कोई पैकेज भी घोषित नहीं किया।
 

महामारी के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शन भाजपा पर ही भारी पड़ेगा: शिवसेना
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन पार्टी पर ही उल्टा पड़ेगा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के महामारी से निपटने के तरीके की तुलना केरल के मॉडल से करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की आलोचना की।

संपादकीय में कहा गया है, ‘ऐसा लगता है कि पाटिल ने केरल मॉडल का अध्ययन नहीं किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन केंद्र के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते और उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेना समय की बर्बादी है।’

मराठी दैनिक अखबार ने भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने के बजाय पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केरल में प्रदर्शन करना चाहिए। अगर विपक्ष को राज्य की चिंता है और उसके पास महामारी से लड़ने के लिए कोई सुझाव है तो उन्हें मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए।

सार

  • भाजपा ने शुरू किया ‘महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन’।
  • राज्य सरकार से श्रमिकों, किसानों के लिए पैकेज जारी करने की मांग की।

विस्तार

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही राजनीति भी शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे सरकार पर कोरोना को नियंत्रित करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने शुक्रवार को ‘महाराष्ट्र बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत की। जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के अन्य नेताओं ने राज्य भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्य सरकार से किसानों, मजदूरों और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में मंत्रियों के आवास के बाहर तख्तियां लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही लोग घरों की छतों पर अपने आंगन में दो गज दूरी बनाते हुए काले कपड़े पहन कर या काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

फडणवीस ने कहा कि संकट के इस दौर में हम राजनीति नहीं करना चाहते। लेकिन, जब जनता में कोरोना संकट लगातार बढ़ रहा है तो ऐसे समय में चुप रहना भी मुमकिन नहीं है। फडणवीस ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट में राज्य की जनता को राहत देने के लिए अभी तक कोई पैकेज भी घोषित नहीं किया।

 

महामारी के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शन भाजपा पर ही भारी पड़ेगा: शिवसेना
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन पार्टी पर ही उल्टा पड़ेगा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के महामारी से निपटने के तरीके की तुलना केरल के मॉडल से करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की आलोचना की।

संपादकीय में कहा गया है, ‘ऐसा लगता है कि पाटिल ने केरल मॉडल का अध्ययन नहीं किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन केंद्र के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते और उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भाग लेना समय की बर्बादी है।’

मराठी दैनिक अखबार ने भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने के बजाय पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को केरल में प्रदर्शन करना चाहिए। अगर विपक्ष को राज्य की चिंता है और उसके पास महामारी से लड़ने के लिए कोई सुझाव है तो उन्हें मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए।






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