भारतीय रेलवे ने नियमित यात्री ट्रेनों में 30 जून को या उससे पहले यात्रा के लिए बुक किए गए सभी टिकट रद्द कर दिए हैं। रेलवे ने कहा है कि श्रमिक और विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। 30 जून 2020 तक बुक किए गए सभी टिकटों का रिफंड यात्रियों को कर दिया गया है।
रेलवे रख रहा यात्रियों के गंतव्य पते का रिकॉर्ड
रेलवे ने आईआरसीटीसी वेबसाइट पर टिकट बुक कराने वाले सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों के पतों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया है, ताकि यदि बाद में उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है तो उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर गंतव्य स्थल के पते को शामिल करने का प्रावधान 13 मई से किया गया है।
रेलवे के प्रवक्ता आर डी वाजपेयी ने कहा, ’13 मई से आईआरसीटीसी टिकट बुक करा रहे सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों का पता ले रहा है। यदि बाद में आवश्यकता पड़ी, तो यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में इससे मदद मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि यह निकट भविष्य में भी लागू रहेगा। वाजपेयी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को किसी भी बुकिंग के लिए अपने पते की जानकारी मुहैया करानी होगी। इससे पहले, ट्रेनों में यात्रा करने वाले कम से कम 12 लोग बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।
विशेष ट्रेनों में 2,34,411 यात्रियों ने बुक की टिकट
रेलवे द्वारा शुरू की गई विशेष ट्रेनों में अब तक 2,34,411 यात्रियों ने टिकट बुक की हैं। भारतीय रेलवे ने कहा है कि यात्री रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) के तहत इससे अब तक कुल 45.30 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
हालांकि, कहा जा रहा था कि रेलवे 22 मई से मेल, एक्सप्रेस और शताब्दी ट्रेनों का संचालन शुरू कर सकता है। लेकिन अब जून तक सभी ट्रेनों के लिए बुक टिकट रद्द कर दिया गया है। बता दें कि लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रहा है। इसके अलावा रेलवे ने राजधानी स्पेशल ट्रेन भी शुरू की हैं।
साथ ही कहा जा रहा था कि श्रमिक और राजधानी स्पेशल की तरह ही शताब्दी स्पेशल और इंटरसिटी स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। हालांकि इस पर रेलवे की तरफ से किसी तरह का बयान नहीं आया है।
एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन
बता दें कि रेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुंचीं।
अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश में 53, झारखंड में 40 ट्रेनें, ओडिशा में 38, राजस्थान में आठ, पश्चिम बंगाल में सात, छत्तीसगढ़ में छह और उत्तराखंड में चार ट्रेनें पहुंचीं। आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में तीन-तीन ट्रेनें पहुंचीं, जबकि एक-एक ट्रेन हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा पहुंचीं।