कब्रिस्तान और लोकनायक अस्पताल के बाद अब आरएमएल अस्पताल में कोरोना संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। ‘अमर उजाला’ की इस तीसरी पड़ताल में पता चला है कि नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में अब तक कोरोना संक्रमण से 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 16 जिंदगियां उपचार शुरू होने से पहले ही कोरोना के चलते दम तोड़ गईं। यह वही अस्पताल है, जहां दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक कोरोना संक्रमण से 26 मरीजों की मौत हुई है।
कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस के जवान की कोरोना संक्रमण से मौत हुई थी। यह जवान भी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुका था। यह जवान उन 16 मृतकों में शामिल है जिनमें से कई कोरोना संक्रमित मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण मरीज काफी गंभीर स्थिति में उनके यहां पहुंच रहे हैं। कई पॉजिटिव मरीज ऐसे भी थे जो भर्ती होने के 24 घंटे पूरे होने से पहले ही दम तोड़ गए।
दिल्ली सरकार का हेल्थ बुलेटिन कहता है कि आरएमएल अस्पताल में 10 मई तक 26 संक्रमितों की मौत हुई, जबकि 54 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 10 आईसीयू और दो वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, इसी अवधि तक आरएमएल अस्पताल का आंकड़ा कहता है कि अब तक 528 कुल संक्रमित उनके अस्पताल पहुंचे। इनमें से 63 लोगों की अब तक कोरोना वायरस के चलते मौत हो चुकी है और करीब 70 से ज्यादा संक्रमित अभी भर्ती हैं।
आरएमएल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज के अनुसार, उनके यहां अब तक जितने भी कोरोना संक्रमित आ रहे हैं उनमें से 96 फीसदी अति गंभीर अवस्था में होते हैं। चूंकि, केंद्र सरकार का यह अस्पताल सुपर स्पेशियलिटी का दर्जा प्राप्त है। यहां की चिकित्सीय टीम राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व भी करती है।
बावजूद इसके, मरीजों की जान बचाने में डॉक्टर कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है दूसरे अस्पतालों से रेफर होना। अस्पताल की प्रवक्ता स्मृति तिवारी का कहना है कि दूसरे अस्पतालों से यहां मरीजों को रेफर किया जा रहा है। आरएमएल पहुंचते-पहुंचते मरीजों का काफी वक्त निकल चुका होता है।
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली के 11 अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जबकि संक्रमितों की मौत इससे ज्यादा अस्पताल में दर्ज की गई हैं। अब तक 73 में सबसे ज्यादा 26 मौत आरएमएल अस्पताल में हुई हैं, जबकि दिल्ली सरकार के अपने लोकनायक में पांच और राजीव गांधी अस्पताल में दो मरीजों की मौत हुई है।
ठीक इसी तरह एम्स के झज्जर और ट्रॉमा सेंटर को मिलाकर दो, सफदरजंग में चार, अपोलो में आठ, मैक्स में पांच, गंगाराम में दो मरीजों की मौत हुई है।
ईडब्ल्यूएस कमेटी के सदस्य और एडवोकेट अशोक अग्रवाल के पास हर दिन कई मरीज उपचार के लिए मदद मांग रहे हैं। कोई कैंसर मरीज है तो कोई किडनी या लिवर का मरीज मदद मांग रहा है। अशोक अग्रवाल भी इन मरीजों के लिए अस्पतालों में फोन लगा रहे हैं, लेकिन आम दिनों में चुनौती रहने वाली स्वास्थ्य सेवाएं अब पूरी तरह से प्रभावित हैं। उनका कहना है कि अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज मिलना उनका अधिकार है। मरीज को उपचार मिले तो मौत की आशंका को भी कम किया जा सकता है।
सार
-दिल्ली पुलिस के जवान समेत कई कोविड पॉजिटिव मृत अवस्था में ले जाए गए अस्पताल
-16 में से ज्यादातर 50 वर्ष से कम आयु के थे मरीज, 80 फीसदी को नहीं थी पहले से कोई बीमारी
-अकेले दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में ही 63 मरीजों की कोरोना से हो चुकी है मौत
विस्तार
कब्रिस्तान और लोकनायक अस्पताल के बाद अब आरएमएल अस्पताल में कोरोना संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। ‘अमर उजाला’ की इस तीसरी पड़ताल में पता चला है कि नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में अब तक कोरोना संक्रमण से 63 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 16 जिंदगियां उपचार शुरू होने से पहले ही कोरोना के चलते दम तोड़ गईं। यह वही अस्पताल है, जहां दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक कोरोना संक्रमण से 26 मरीजों की मौत हुई है।
कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस के जवान की कोरोना संक्रमण से मौत हुई थी। यह जवान भी अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुका था। यह जवान उन 16 मृतकों में शामिल है जिनमें से कई कोरोना संक्रमित मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण मरीज काफी गंभीर स्थिति में उनके यहां पहुंच रहे हैं। कई पॉजिटिव मरीज ऐसे भी थे जो भर्ती होने के 24 घंटे पूरे होने से पहले ही दम तोड़ गए।
दिल्ली सरकार का हेल्थ बुलेटिन कहता है कि आरएमएल अस्पताल में 10 मई तक 26 संक्रमितों की मौत हुई, जबकि 54 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 10 आईसीयू और दो वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, इसी अवधि तक आरएमएल अस्पताल का आंकड़ा कहता है कि अब तक 528 कुल संक्रमित उनके अस्पताल पहुंचे। इनमें से 63 लोगों की अब तक कोरोना वायरस के चलते मौत हो चुकी है और करीब 70 से ज्यादा संक्रमित अभी भर्ती हैं।
…तो इसलिए दम तोड़ रहीं जिंदगियां
आरएमएल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज के अनुसार, उनके यहां अब तक जितने भी कोरोना संक्रमित आ रहे हैं उनमें से 96 फीसदी अति गंभीर अवस्था में होते हैं। चूंकि, केंद्र सरकार का यह अस्पताल सुपर स्पेशियलिटी का दर्जा प्राप्त है। यहां की चिकित्सीय टीम राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व भी करती है।
बावजूद इसके, मरीजों की जान बचाने में डॉक्टर कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है दूसरे अस्पतालों से रेफर होना। अस्पताल की प्रवक्ता स्मृति तिवारी का कहना है कि दूसरे अस्पतालों से यहां मरीजों को रेफर किया जा रहा है। आरएमएल पहुंचते-पहुंचते मरीजों का काफी वक्त निकल चुका होता है।
आरएमएल में सबसे ज्यादा मौत : स्वास्थ्य विभाग
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली के 11 अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जबकि संक्रमितों की मौत इससे ज्यादा अस्पताल में दर्ज की गई हैं। अब तक 73 में सबसे ज्यादा 26 मौत आरएमएल अस्पताल में हुई हैं, जबकि दिल्ली सरकार के अपने लोकनायक में पांच और राजीव गांधी अस्पताल में दो मरीजों की मौत हुई है।
ठीक इसी तरह एम्स के झज्जर और ट्रॉमा सेंटर को मिलाकर दो, सफदरजंग में चार, अपोलो में आठ, मैक्स में पांच, गंगाराम में दो मरीजों की मौत हुई है।
हर दिन मांग रहे उपचार, कहां करें फोन
ईडब्ल्यूएस कमेटी के सदस्य और एडवोकेट अशोक अग्रवाल के पास हर दिन कई मरीज उपचार के लिए मदद मांग रहे हैं। कोई कैंसर मरीज है तो कोई किडनी या लिवर का मरीज मदद मांग रहा है। अशोक अग्रवाल भी इन मरीजों के लिए अस्पतालों में फोन लगा रहे हैं, लेकिन आम दिनों में चुनौती रहने वाली स्वास्थ्य सेवाएं अब पूरी तरह से प्रभावित हैं। उनका कहना है कि अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज मिलना उनका अधिकार है। मरीज को उपचार मिले तो मौत की आशंका को भी कम किया जा सकता है।
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