न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Updated Sat, 09 May 2020 07:18 PM IST
जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने से न सिर्फ घाटी में आतंकियों की कमर टूट गई है बल्कि पाकिस्तान में बैठे उसके आका सैयद सलाहुद्दीन को भी बड़ा झटका लगा है। अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सलाहुद्दीन ने रियाज नायकू के मारे के बाद पाकिस्तान में खुलेआम एक सभा की।
इस सभा में सलाहुद्दीन व अन्य आतंकी मौजूद थे। इस वीडियो में सलाहुद्दीन की बातों से साफ झलक रहा था कि नायकू के मारे से हिजबुल मुजाहिद्दीन की घाटी में कमर टूट चुकी है।
इस दौरान सलाहुद्दीन ने इमरान खान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान हुकूमत कमजोर है जबकि भारत मजबूत स्थिति में है।
वहीं, सलाहुद्दीन की इस आतंकी सभा से यह भी साफ होता है कि आतंकवाद पर लगाम लगाने में पाकिस्तान न केवल कमजोर है बल्कि आतंकवादियों के लिए उसकी सरजमीं एक सुरक्षित पनाहगाह भी है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आतंकियों की रैकिंग में रियाज नायकू को ए प्लस प्लस श्रेणी (सबसे ऊपर) में रखा गया था। मोस्ट वांटेड की सूची में सबसे पहला नाम नायकू का था जिस पर 12 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।
नायकू के मारे जाने से अब हिजबुल के साथ दूसरे आतंकी संगठनों का हौसला भी पस्त होना लाजमी है। बताया जा रहा है कि नई भर्ती से लेकर आतंकी ठिकाने बनाने और हमले को अंजाम देने की साजिश रचने में नायकू को माहिर माना जाता था।
- कश्मीर के स्थानीय युवाओं के हिजबुल से जुड़ने पर ब्रेक लगेगा
- आतंकी साजिशों की प्लानिंग रुकेगी
- हिजबुल के आतंकियों को कमान देने वाला कोई नहीं रहा
- बचे आतंकियों का मनोबल टूटेगा
100 से अधिक युवाओं को जोड़ चुका था
हिजबुल मुजाहिदीन के लिए कश्मीर के स्थानीय युवाओं की भर्ती करने का जिम्मा रियाज नायकू पर ही था। नायकू कश्मीर के 100 से अधिक स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ चुका था। वह अभी भी कश्मीरी युवाओं को बरगला कर अपने साथ जोड़ रहा था।
जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने से न सिर्फ घाटी में आतंकियों की कमर टूट गई है बल्कि पाकिस्तान में बैठे उसके आका सैयद सलाहुद्दीन को भी बड़ा झटका लगा है। अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सलाहुद्दीन ने रियाज नायकू के मारे के बाद पाकिस्तान में खुलेआम एक सभा की।
इस सभा में सलाहुद्दीन व अन्य आतंकी मौजूद थे। इस वीडियो में सलाहुद्दीन की बातों से साफ झलक रहा था कि नायकू के मारे से हिजबुल मुजाहिद्दीन की घाटी में कमर टूट चुकी है।
इस दौरान सलाहुद्दीन ने इमरान खान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान हुकूमत कमजोर है जबकि भारत मजबूत स्थिति में है।
वहीं, सलाहुद्दीन की इस आतंकी सभा से यह भी साफ होता है कि आतंकवाद पर लगाम लगाने में पाकिस्तान न केवल कमजोर है बल्कि आतंकवादियों के लिए उसकी सरजमीं एक सुरक्षित पनाहगाह भी है।
नायकू पर था 12 लाख का इनाम
रियाज अहमद नायकू
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आतंकियों की रैकिंग में रियाज नायकू को ए प्लस प्लस श्रेणी (सबसे ऊपर) में रखा गया था। मोस्ट वांटेड की सूची में सबसे पहला नाम नायकू का था जिस पर 12 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।
नायकू के मारे जाने से अब हिजबुल के साथ दूसरे आतंकी संगठनों का हौसला भी पस्त होना लाजमी है। बताया जा रहा है कि नई भर्ती से लेकर आतंकी ठिकाने बनाने और हमले को अंजाम देने की साजिश रचने में नायकू को माहिर माना जाता था।
नायकू के खात्मे के मायने
रियाज नायकू
- कश्मीर के स्थानीय युवाओं के हिजबुल से जुड़ने पर ब्रेक लगेगा
- आतंकी साजिशों की प्लानिंग रुकेगी
- हिजबुल के आतंकियों को कमान देने वाला कोई नहीं रहा
- बचे आतंकियों का मनोबल टूटेगा
100 से अधिक युवाओं को जोड़ चुका था
हिजबुल मुजाहिदीन के लिए कश्मीर के स्थानीय युवाओं की भर्ती करने का जिम्मा रियाज नायकू पर ही था। नायकू कश्मीर के 100 से अधिक स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ चुका था। वह अभी भी कश्मीरी युवाओं को बरगला कर अपने साथ जोड़ रहा था।
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