Central Vista Matter Superme Court Refused To Stay Project After Hearing Petition – सेंट्रल विस्टा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना पर रोक लगाने से किया इनकार




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 30 Apr 2020 01:57 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

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उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा मामले पर सुनवाई की। अदालत ने इस परियोजना पर रोक लगाने से मना कर दिया है। अदालत ने यह फैसला केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका केंद्र द्वारा पुनर्विकास योजना की भूमि उपयोग में बदलाव को सूचित करने को लेकर दायर की गई थी।
 

विपक्ष ने परियोजना को लेकर की केंद्र की आलोचना
विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस के समय परियोजना को आगे बढ़ने के केंद्र के फैसले की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने परियोजना के लिए आवंटित 20 हजार करोड़ रुपये की राशि को निलंबित करने का आग्रह किया था।

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 24 अप्रैल को ट्वीट कर कहा, ‘लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (डीए) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।’

क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना
संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। इसके लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय जमीन भी चिह्नित कर चुका है। इस योजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के बीच लगभग तीन किमी क्षेत्र में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।

एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय पैदल जा सकेंगे
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत नई बिल्डिंग को इस तरह बनाया जाएगा कि कर्मचारी पैदल चलकर ही एक दूसरे मंत्रालय में जा सकेंगे। रेल भवन, शास्त्री भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन, वायुसेना भवन, आर्मी मुख्यालय, नीति आयोग, चुनाव आयोग और कृषि भवन आदि मंत्रालयों की बिल्डिंगों को मिलाकर एक भव्य परिसर बनाया जाएगा। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किमी के दायरे में मौजूद सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की मेगा योजना के तहत मोदी सरकार ने संसद भवन, एकीकृत केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के विकास या पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव मांगा है।

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा मामले पर सुनवाई की। अदालत ने इस परियोजना पर रोक लगाने से मना कर दिया है। अदालत ने यह फैसला केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका केंद्र द्वारा पुनर्विकास योजना की भूमि उपयोग में बदलाव को सूचित करने को लेकर दायर की गई थी।

 

विपक्ष ने परियोजना को लेकर की केंद्र की आलोचना
विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस के समय परियोजना को आगे बढ़ने के केंद्र के फैसले की आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने परियोजना के लिए आवंटित 20 हजार करोड़ रुपये की राशि को निलंबित करने का आग्रह किया था।

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 24 अप्रैल को ट्वीट कर कहा, ‘लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (डीए) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।’

क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना
संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। इसके लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय जमीन भी चिह्नित कर चुका है। इस योजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के बीच लगभग तीन किमी क्षेत्र में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।

एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय पैदल जा सकेंगे
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत नई बिल्डिंग को इस तरह बनाया जाएगा कि कर्मचारी पैदल चलकर ही एक दूसरे मंत्रालय में जा सकेंगे। रेल भवन, शास्त्री भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन, वायुसेना भवन, आर्मी मुख्यालय, नीति आयोग, चुनाव आयोग और कृषि भवन आदि मंत्रालयों की बिल्डिंगों को मिलाकर एक भव्य परिसर बनाया जाएगा। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किमी के दायरे में मौजूद सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की मेगा योजना के तहत मोदी सरकार ने संसद भवन, एकीकृत केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के विकास या पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव मांगा है।






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