Cbi Custody Period Of Kapil And Dheeraj Wadhawan Extended Till May 1 In Yes Bank Scam – यस बैंक घोटाला : एक मई तक बढ़ी कपिल और धीरज वधावन की सीबीआई हिरासत अवधि




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Wed, 29 Apr 2020 07:33 PM IST

कपिल वधावन (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

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यस बैंक के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक राणा कपूर की संलिप्तता वाले करोड़ों रुपये के घोटाले में इससे (गिरफ्तारी से) करीब 50 दिन पहले इन दोनों को नामजद किया गया था। बुधवार को दोनों भाइयों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया क्योंकि उनकी रिमांड की अवधि खत्म हो गई थी। सीबीआई ने आगे के लिए उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जांच एजेंसी ने कहा कि साजिश का खुलासा करने के लिए और कपूर के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए आगे भी छानबीन करने की जरूरत है। बचाव पक्ष के वकील सुबोध देसाई ने दलील दी कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए उन्हें हिरासत में सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अदालत ने उनकी सीबीआई हिरासत एक मई तक के लिए बढ़ा दी।

अधिकारियों ने बताया कि वधावन बंधुओं को कपूर और अन्य द्वारा की गई बैंकिंग धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर (62) ने खुद को और अपने परिवार को उनके मालिकाना हक वाली कंपनियों के माध्यम से अनुचित फायदा पहुंचाने के एवज में यस बैंक के जरिये डीएचएफएल को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के ऋणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किए थे। इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है।

सार

यस बैंक घोटाले के सिलसिले में कारोबारी बंधुओं कपिल और धीरज वधावन की सीबीआई हिरासत यहां एक विशेष अदालत ने एक मई तक के लिए बढ़ा दी है। कपिल वधावन दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के और धीरज वधावन आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक हैं। दोनों को बीते रविवार को महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक पृथक वास से गिरफ्तार किया गया था। 

विस्तार

यस बैंक के पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक राणा कपूर की संलिप्तता वाले करोड़ों रुपये के घोटाले में इससे (गिरफ्तारी से) करीब 50 दिन पहले इन दोनों को नामजद किया गया था। बुधवार को दोनों भाइयों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया क्योंकि उनकी रिमांड की अवधि खत्म हो गई थी। सीबीआई ने आगे के लिए उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जांच एजेंसी ने कहा कि साजिश का खुलासा करने के लिए और कपूर के साथ उनके संबंधों का पता लगाने के लिए आगे भी छानबीन करने की जरूरत है। बचाव पक्ष के वकील सुबोध देसाई ने दलील दी कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए उन्हें हिरासत में सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अदालत ने उनकी सीबीआई हिरासत एक मई तक के लिए बढ़ा दी।
अधिकारियों ने बताया कि वधावन बंधुओं को कपूर और अन्य द्वारा की गई बैंकिंग धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई की प्राथमिकी में नामजद किया गया है। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कपूर (62) ने खुद को और अपने परिवार को उनके मालिकाना हक वाली कंपनियों के माध्यम से अनुचित फायदा पहुंचाने के एवज में यस बैंक के जरिये डीएचएफएल को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई थी।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के ऋणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किए थे। इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है।




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