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तेलंगाना सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगभग 1000 कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके इस टावर को कोरोना वायरस अस्पताल में बदला है। इस अस्पताल में 50 आईसीयू बेड भी होंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल मरीजों को अपनी सुविधा देने के लिए तैयार है।
अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह भी चीन की तरह तेजी से निर्णय लेने और योजनाओं को पूरा करने जैसे कारनामों को कर सकती है। चीन के वुहान शहर में जब कोरोना वायरस अपने चरम पर था तो उस दौरान चीनी सरकार ने 10 दिनों के भीतर 1000 बेड वाला अस्पताल तैयार कर दिया था।
तेलंगाना स्टेट मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इस कार्य को अंजाम दिया और इसे तीन सप्ताह से भी कम समय में पूरा कर लिया। गौरतलब हो कि राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 872 हो गई है और वायरस से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है।
अधिकारी ने कहा कि यह एक नवीनीकृत अस्पताल है। उन्होंने एक दशक पहले पहली सात मंजिलों का इस्तेमाल किया था। बची हुई मंजिलें पूरी तरह तैयार स्थिति में नहीं थीं और कभी भी उपयोग में नहीं लाई गईं। उन्होंने बताया कि जैसे ही हमें राज्य सरकार से मंजूरी मिली हमने उस पर काम करना शुरू कर दिया और इसे 20 दिनों में तैयार किया। अस्पताल अब मरीजों के इलाज के लिए तैयार है।
अधिकारी ने कहा कि परिसर में पानी, साफ-सफाई और पाइपलाइन जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं। उन्होंने कहा कि हमने प्रत्येक मंजिल को एक इकाई के रूप में लिया और इमारत को तैयार किया। उसी समय गैस और ऑक्सीजन पाइपलाइन जैसी अन्य आवश्यक चीजों को भी लगाया गया। यह काम चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय में किया गया।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में वर्तमान में चार लिफ्ट हैं और इसके अलावा कुछ दिनों में अन्य तीन से चार लिफ्ट्स का प्रयोग शुरू हो जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नई सुविधा में 400 से अधिक डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ काम कर सकेंगे।